UP News: लखीमपुर (Lakhimpur Kheri ) के दुधवा नेशनल पार्क (Dudhwa National Park) में बाघों की मौत मामले (Tigar Death Case) पर केंद्र सरकार गंभीर हो गई है. डेढ़ महीने में चार और 10 दिनों  में तीन बाघों की मौत का कारण जानने के लिए टीम गठित की गई है. केंद्र सरकार की गठित टीम का नेतृत्व रिटायर्ड आईएफएस शैलेश प्रसाद करेंगे. तीन सदस्यीय टीम राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण (NTCA) की गाइडलाइंस और स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसीजर की भी जांच करेगी. जांच टीम को रिपोर्ट सौंपने का समय 15 दिनों का दिया गया है.


दुधवा नेशनल पार्क में अखिर क्यों हो रही है बाघों की मौत?


उत्तर प्रदेश सरकार भी बाघों की मौत प्रकरण पर गंभीर है. बाघों की मौत से नाराज मुख्यमंत्री ने बड़ी कार्रवाई की है. योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) ने मुख्य वन्य जीव प्रतिपालक सुनील चौधरी को पद से हटाने का फरमान सुना दिया. हालांकि सुनील चौधरी प्रोजेक्ट टाइगर के इंचार्ज बने रहेंगे. उन्होंनेन भी बाघों की मौत मामले की जांच के लिए कमेटी गठित की है. वन मंत्री डॉ. अरुण कुमार सक्सेना और अपर मुख्य सचिव वन मनोज कुमार सिंह बाघों की मौत मामले की जांच करेंगे.


केंद्र सरकार के साथ मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ एक्टिव       


जांच टीम में मुख्य वन्यजीव प्रतिपालक सुनील चौधरी और प्रधान मुख्य वन संरक्षक को भी शामिल किया गया. शुक्रवार की रात जांच टीम ने दुधवा नेशनल पार्क पहुंचकर जानकारी इकट्ठा की. बता दें कि बाघों की मौत के पीछे अधिकारियों ने नुकीली हड्डी खा लेना, आंतरिक चोट, पेट फट जाना बताया गया था. उन्होंने वन एवं पर्यावरण, जन्तु उद्यान एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री अरुण कुमार सक्सेना, अपर मुख्य सचिव वन मनोज सिंह और वन विभाग के अन्य अधिकारियों को तत्काल दुधवा नेशनल पार्क पहुंचकर विस्तृत जांच रिपोर्ट पेश करने के आदेश दिए थे. 


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