उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के लखीमपुर खीरी (Lakhimpur Kheri) के ग्रामीण इलाकों में इन दिनों बिजली की भारी किल्लत देखी जा रही है. कहीं-कहीं तो 24 घंटे में दो ढाई घंटे ही बिजली आ रही  है और वह भी लो वोल्टेज के साथ. बिजली नहीं आने से लोगों को काफी दिक्कत का सामना करना पड़ रहा है. कहीं ट्रांसफार्मर खराब हैं, कहीं ओवर लोड तो कहीं तारों में समस्या आ जाती है. इसकी वजह से ग्रामीण इलाकों में बिजली की लेकर काफी आक्रोश है. 


सिंचाई की भी समस्या
गांवों में गर्मी के मौसम में लोग ठीक से बिजली के पंखे की हवा भी नहीं ले पा रहे हैं. सिकंदराबाद, पासगंवा में भी पावर कारपोरेशन की 63 केवी क्षमता के ट्रांसफार्मर का भी यही हाल है. वहीं गोला गोकरण नाथ के इलाके में भी ग्रामीण मुश्किलों में हैं. एक तरफ जहां लोग परेशान हैं तो वहीं दूसरी तरफ किसानों की फसलों को भी बिजली ना आने से सिंचाई की समस्याएं उत्पन्न हो गई हैं. 


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चौराहे पर बैठ जाएंगे-विधायक
ग्रामीण किसान डीजल इंजन से अपनी फसलों को पानी दे रहे हैं. जनपद के दर्जनों ग्रामीण इलाकों में बिजली नहीं आ रही है. चिलचिलाती भीषण गर्मी ने भी लोगों को पसीना पसीना कर दिया है. बिजली की किल्लत से उद्योग जगत में भी दिक्कत देखी जा रही है. मोहम्मदी तहसील इलाके का भी यही हाल है. वहां के बीजेपी विधायक लोकेंद्र प्रताप सिंह बिजली उपकेंद्र पहुंचे और कहा कि अगर आपूर्ति नहीं सुधरी तो चौराहे पर बैठ जायेंगे.


अभियंता ने क्या कहा
बिजली की अंधाधुंध कटौती पर लखीमपुर के अधीक्षण अभियंता (मध्यांचल विद्युत वितरण मंडल) रामशब्द ने कहा कि अप्रैल महीने में ग्रामीण इलाकों में 15 घंटे बिजली पहुंचती है. एक हफ्ते से डिमांड के अनुसार कमी आई है जिसे कंट्रोल सिस्टम में मैनेज किया जा रहा है. 1 हफ्ते से क्राइसिस थी जल्द ही इस समस्या से उबर जाएंगे. प्रदेश में कोयले के प्रबंधन की कमी की वजह से यह हो रहा है और इमरजेंसी रोस्टिंग की वजह से डिमांड बढ़ी है. कभी-कभी कुछ घंटे की सप्लाई कट रही है इसलिए लोगों को दिक्कत हुई है. आगे से ये कमी दूर कर ली जाएगी.


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