(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
Lakhimpur Kheri Case: पुलिस के सामने कब पेश होगा आशीष मिश्रा? केंद्रीय मंत्री अजय मिश्रा ने दिया जवाब
अजय मिश्रा ने कहा, जब पुलिस बुलाएगी तब पेश होंगे. मेरे बेटे को कल नोटिस मिला, कल उनका स्वास्थ्य कुछ गड़बड़ था. उन्होंने स्वयं कहा कि मैं कल पेश होकर अपना कथन जांच एजेंसी के सामने दूंगा, वो निर्दोष हैं
Lakhimpur Kheri Violence: केंद्रीय मंत्री अजय मिश्रा (Ajay Mishra) का बेटा आशीष मिश्रा (Ashish Mishra) शुक्रवार को लखीमपुर खीरी (Lakhimpur Kheri) में पुलिस के सामने पेश नहीं हुआ, इसलिये आज उसके घर के बाहर दूसरा नोटिस चस्पा कर उसे शनिवार सुबह 11 बजे तक का समय दिया गया है. इसे लेकर केंद्रीय मंत्री ने कहा कि मेरा बेटा कल पुलिस के सामने पेश होकर अपना बयान देगा, यह भाजपा की सरकार है जिसमें निष्पक्ष जांच होगी और दोषियों के खिलाफ कार्रवाई होगी. उन्होंने दावा करते हुए कहा कि हमें कानून पर भरोसा है, मेरा बेटा बेगुनाह है.
आशीष मिश्रा के पुलिस के सामने पेश न होने पर केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा टेनी ने कहा कि ''जब पुलिस बुलाएगी तब पेश होंगे. मेरे बेटे को कल नोटिस मिला, कल उनका स्वास्थ्य कुछ गड़बड़ था. उन्होंने स्वयं कहा कि मैं कल पेश होकर अपना कथन जांच एजेंसी के सामने दूंगा, वो निर्दोष हैं.''
बता दें कि शुक्रवार दोपहर बाद आशीष मिश्रा के घर के बाहर चस्पा नोटिस में कहा गया है, ''शनिवार को प्रात: 11 बजे अपराध शाखा कार्यालय पुलिस लाइन लखीमपुर खीरी में व्यक्तिगत रूप से उपस्थित होकर अपना पक्ष प्रस्तुत करें. यदि आपके द्वारा ऐसा नही किया जाता है तो नियमानुसार विधिक कार्यवाही अमल में लायी जायेगी.'' इससे पहले पुलिस ने गुरुवार की शाम उसके घर के बाहर नोटिस चस्पा कर आशीष को शुक्रवार सुबह 10 बजे हाजिर होने के लिये कहा था. लेकिन शुक्रवार को पुलिस लाइन में वह नहीं पहुंचा, जहां उसे पूछताछ के लिए तलब किया गया था.
लखीमपुर में चार किसानों समेत आठ लोगों की मौत हो गई थी
मालूम हो कि पिछले रविवार को लखीमपुर खीरी जिले के तिकोनिया क्षेत्र में हुई हिंसा में चार किसानों समेत आठ लोगों की मौत हो गई थी. आरोप हैं कि इन किसानों को वाहन से टक्कर मारी गयी थी. किसानों ने दावा किया था कि आशीष मिश्रा काफिले के किसी वाहन में सवार थे. हालांकि, आशीष और उनके पिता अजय मिश्रा ने इन आरोपों से इनकार किया था. पुलिस ने मंत्री के बेटे और अन्य के खिलाफ दर्ज प्राथमिकी की जांच के लिए उप महानिरीक्षक (डीआईजी) उपेंद्र अग्रवाल की अध्यक्षता में नौ सदस्यीय टीम का गठन किया था.
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