एक्सप्लोरर

Lakhimpur Kheri Violence: लखीमपुर कांड की वजह क्या थी, किसान टेनी से नाराज क्यों थे? यहां पढ़ें पल-पल की कहानी

लखीमपुर खीरी मामले में पुलिस आशीष मिश्रा, लखनऊ के पूर्व मेयर अखिलेश दास के भतीजे अंकित दास और पार्षद सुमित जायसवाल समेत 10 लोगों को गिरफ्तार करके जेल भेज चुकी है.

Lakhimpur Kheri Violence Case: लखीमपुर खीरी के तिकुनिया में 3 अक्टूबर की दोपहर केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा टेनी के बेटे आशीष मिश्रा के समर्थकों और किसानों के बीच हिंसक टकराव में 8 लोगों की मौत के मामले में आज सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई होनी है. सुप्रीम कोर्ट ने पिछली सुनवाई में प्रदेश सरकार और पुलिस को आड़े हाथों लिया था. इस मामले में किसान पक्ष की तरफ से जगजीत सिंह ने आशीष मिश्रा एवं अज्ञात लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई थी जबकि आशीष के पक्ष से पार्षद सुमित जायसवाल ने अज्ञात किसानों के खिलाफ केस किया था. पुलिस आशीष मिश्रा, लखनऊ के पूर्व मेयर अखिलेश दास के भतीजे अंकित दास और पार्षद सुमित जायसवाल समेत 10 लोगों को गिरफ्तार करके जेल भेज चुकी है. आइए, हम आपको बताते हैं देश के सबसे चर्चित कांड की शुरुआत से अब तक की एक-एक पल की कहानी....

उस दिन केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा टेनी के तिकुनिया स्थित पैतृक गांव बनवीरपुर में दंगल का आयोजन हो रहा था. दंगल की शुरुआत करीब 50 साल पहले केंद्रीय गृह राज्य मंत्री के पिता ने की थी. उनके स्वर्गवास के बाद  केंद्रीय गृह राज्य मंत्री का बेटा आशीष मिश्रा दंगल आयोजित कराने की जिम्मेदारी संभाल रहा था. आशीष आयोजन कमेटी का अध्यक्ष है इसलिए वो गांव में रहकर खुद सारे इंतज़ाम देख रहा था. दंगल में डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य को भी आना था. आयोजन स्थल से कुछ दूर महाराजा अग्रसेन खेल मैदान में उनका हेलीकॉप्टर उतारने के लिए हैलीपैड बनाया गया था. हालांकि, वहां कुछ और ही होने वाला था. दरअसल, आशीष के पिता केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा टेनी से इलाके के किसान खासे नाराज थे. किसानों ने अपनी नाराजगी जताने के लिए 3 अक्टूबर का ही दिन चुना. किसान भारी संख्या में खेल मैदान स्थित हेलीपैड पर डट गए और डिप्टी सीएम को काले झंडे दिखाने के लिए विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया.

डिप्टी सीएम का कार्यक्रम बदल गया

किसानों के विरोध के चलते डिप्टी सीएम का कार्यक्रम बदल गया और वह सड़क मार्ग से ही लखनऊ से लखीमपुर पहुंचे. दोपहर करीब 3 बजे आशीष मिश्रा के समर्थक एक थार जीप, एक काले रंग की फॉर्च्यूनर और एक सफेद स्कॉर्पियो कार लेकर डिप्टी सीएम को लेने के लिए दंगल स्थल से लखीमपुर जाने के लिए निकले. वाहनों का काफिला करीब 4 किलोमीटर दूर तिकुनिया निघासन रोड स्थित महाराजा अग्रसेन खेल मैदान के आसपास विरोध-प्रदर्शन कर रहे किसानों के बीच से गुजरा तो हिंसक टकराव हो गया. किसानों का आरोप है कि विरोध-प्रदर्शन के दौरान आशीष मिश्रा ने अपनी थार जीप से उन्हें कुचल दिया जिसमें लखीमपुर खीरी के धौरहरा निवासी नछत्तर सिंह, पलिया के लवप्रीत सिंह, बहराइच के गुरविंदर सिंह उर्फ ज्ञानी सिंह और दलजीत सिंह तथा निघासन के पत्रकार रमन कश्यप की मौत हो गई जबकि कई किसान घायल हो गए. इससे भड़के किसानों ने आशीष मिश्रा की थार जीप और उनके करीबी अंकित दास की फार्च्यूनर कार में तोड़फोड़ करते हुए आग लगा दी. वाहनों में सवार भाजपा समर्थकों को दौड़ा-दौड़ा कर पीटा. मौके पर कई राउंड फायरिंग भी हुई. केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा टेनी और उनके बेटे आशीष मिश्रा का आरोप है कि पिटाई से थार जीप के चालक हरिओम मिश्रा और भाजपा कार्यकर्ता शुभम मिश्रा समेत उनके एक अन्य समर्थक की मौत हो गई.

बवाल में 8 मौतों के बाद किसानों ने पूरे प्रदेश में जगह-जगह प्रदर्शन शुरू कर दिया. दिल्ली से लेकर प्रदेश के विभिन्न जनपदों से विपक्षी पार्टी के नेता लखीमपुर के लिए निकल पड़े तो उन्हें रोकने के लिए पुलिस प्रशासन को खासी मशक्कत करनी पड़ी. लखीमपुर में तो हालात इतने बेकाबू हो गए कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को एडीजी कानून व्यवस्था प्रशांत कुमार, अपर मुख्य सचिव कृषि डॉ. देवेश चतुर्वेदी, लखनऊ मंडल के कमिश्नर रंजन कुमार, लखनऊ जोन के एडीजी एसएन साबत और लखनऊ रेंज की आईजी लक्ष्मी सिंह को तत्काल मौके पर भेजना पड़ा. हालात काबू करने के लिए लखनऊ से पैरा मिलिट्री फोर्सेज के साथ ही सीतापुर, हरदोई, बाराबंकी, पीलीभीत समेत आसपास के जनपदों की पुलिस भी लखीमपुर बुला ली गई. घटना के तमाम वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने लगे जिससे देशभर में लोगों में आक्रोश फैल गया. लखीमपुर में इंटरनेट सेवाएं बंद करा दी गईं.

किसानों की तरफ से सरदार जगजीत सिंह ने आशीष मिश्रा और उनके अज्ञात समर्थकों के खिलाफ हत्या समेत अन्य गंभीर धाराओं में एफआईआर दर्ज कराई. दूसरे पक्ष से सुमित जायसवाल ने अज्ञात किसानों के खिलाफ केस दर्ज कराया. किसानों ने केंद्रीय गृह राज्य मंत्री और उनके बेटे समेत अन्य आरोपियों की गिरफ्तारी की मांग करते हुए तिकुनिया निघासन रोड पर मृतकों के शव रखकर धरना-प्रदर्शन शुरू कर दिया. किसान नेता राकेश टिकैत देर रात लखीमपुर पहुंच गए और आंदोलन की कमान संभाल ली. मामला केंद्रीय गृह राज्य मंत्री के बेटे से जुड़ा था इसलिए राजनीतिक दल भी सक्रिय हो गए. कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी लखीमपुर कांड की रात ही दिल्ली से लखनऊ पहुंची और उन्होंने लखीमपुर जाकर मृतकों के परिवारजनों से मिलने का एलान कर दिया. 

समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष व पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने भी लखीमपुर जाने की घोषणा कर दी. बहुजन समाज पार्टी की तरफ से सतीश मिश्रा और आम आम आदमी पार्टी के सांसद संजय सिंह का भी लखीमपुर आने का कार्यक्रम बन गया. इन बीच टिकैत के लखीमपुर पहुंचने के बाद संयुक्त किसान मोर्चा की एक बैठक हुई जिसमें मृतक किसानों के परिवारजनों के लिए न्याय समेत अन्य मुद्दों पर चर्चा हुई. किसान मृतकों के परिवारजनों को मुआवजे के तौर पर एक-एक करोड़ रुपए देने की मांग कर रहे थे लेकिन प्रशासन ने इसे अस्वीकार कर दिया. करीब 22 घंटे तक संयुक्त किसान मोर्चा और पुलिस प्रशासन के अधिकारियों के बीच पांच दौर की लंबी वार्ता के बाद मांगों पर सहमति बनी. प्रशासन की तरफ से सभी 8 मृतकों के आश्रितों को 45-45 लाख रुपए मुआवजा और सरकारी नौकरी, घायलों को 10-10 लाख रुपये की मदद और पूरे प्रकरण की जांच हाईकोर्ट के रिटायर्ड जज के नेतृत्व में बनी न्यायिक समिति से कराने का निर्णय लिया गया. इसके बाद किसानों ने धरना समाप्त करने की घोषणा करते हुए शवों के अंतिम अंतिम संस्कार की तैयारी शुरू की. 

पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद एक बार फिर बवाल शुरू हो गया

टिकैत ने किसानों की मांगे पूरी करने के लिए सरकार को अंतिम अरदास तक का वक्त दिया और कहा कि अगर केंद्रीय मंत्री और उनके बेटे की गिरफ्तारी नहीं होती है तो महापंचायत करके बड़ा आंदोलन किया जाएगा. हालांकि, मृतकों की पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद एक बार फिर बवाल शुरू हो गया. किसानों का आरोप था कि हिंसा-आगजनी के दौरान गुरविंदर सिंह को आशीष मिश्रा ने अपनी लाइसेंसी पिस्टल से गोली मार दी थी. हालांकि, पोस्टमार्टम रिपोर्ट में गोली लगने की पुष्टि नहीं हुई. किसानों ने गुरविंदर के शव का दोबारा पोस्टमार्टम कराने की मांग करते हुए शवों का अंतिम संस्कार करने से इंकार कर दिया. पुलिस-प्रशासन के अधिकारियों ने गुरविंदर सिंह के शव का दोबारा पोस्टमार्टम कराने का आश्वासन दिया, तब जाकर किसान माने. बाद में डॉक्टरों के एक पैनल से गुरविंदर के शव का पोस्टमार्टम कराया गया. दूसरी बार हुए पोस्टमार्टम में भी गोली लगने की बात सामने नहीं आई.

मामले में सुप्रीम कोर्ट ने दखलंदाजी की और प्रदेश सरकार से स्टेटस रिपोर्ट मांगी तो हड़कंप मच गया. आनन-फानन में पुलिस ने लवकुश राना और आशीष पांडे नाम के दो युवकों को गिरफ्तार करके जेल भेज दिया. पुलिस का कहना था कि दोनों उपद्रव के दौरान किसानों को कुचलने वाले वाहनों में सवार थे और मारपीट में उन्हें भी चोटें आई थी. गुरुवार शाम को पुलिस ने केंद्रीय गृह राज्य मंत्री के लखीमपुर स्थित आवास पर एक नोटिस चस्पा कर शुक्रवार सुबह 10 बजे आशीष मिश्रा को अपना पक्ष रखने के लिए क्राइम ब्रांच के ऑफिस बुलाया. हालांकि, आशीष वहां नहीं आए. शुक्रवार दोपहर को पुलिस ने  दूसरा नोटिस चस्पा करके शनिवार सुबह 11 बजे तक पूछताछ के लिए क्राइम ब्रांच के दफ्तर में हाजिर होने को कहा. इस नोटिस में आशीष मिश्रा के न आने पर कानूनी कार्रवाई की चेतावनी भी दी गई थी.

दूसरा नोटिस मिलने पर आशीष शनिवार सुबह करीब 10:30 बजे पुलिस लाइन के पीछे वाले दरवाजे से गुपचुप क्राइम ब्रांच के ऑफिस पहुंचे जहां डीआईजी उपेंद्र अग्रवाल के नेतृत्व में एसआईटी ने उनसे पूछताछ शुरू की. आशीष मिश्रा ने पूछताछ में जरा भी सहयोग नहीं किया और वह पुलिस के सवालों का जवाब देने से बचते रहे या गुमराह करते रहे. शनिवार देर रात पुलिस ने आशीष मिश्रा को जांच में सहयोग न करने पर गिरफ्तार करने की घोषणा करते हुए रात लगभग 1 बजे उन्हें मजिस्ट्रेट के सामने पेश कर जेल भेज दिया. सोमवार को पुलिस ने आशीष मिश्रा को 3 दिन की पुलिस कस्टडी रिमांड पर लेकर उनसे दोबारा पूछताछ शुरू की. क्राइम ब्रांच की टीम ने आशीष के घर से उनके दो लाइसेंसी असलहे और मोबाइल फोन जब्त कर फॉरेंसिक जांच के लिए भेजे हैं. उधर, पुलिस ने मंगलवार 12 अक्टूबर को अंकित दास के ड्राइवर शेखर को गिरफ्तार कर लिया. किसानों को कुचलने वाली थार जीप के पीछे चल रही फॉर्च्यूनर कार अंकित दास की थी और वह उसमें बैठे हुए थे. बुधवार को अंकित दास भी लखनऊ से अपने निजी सुरक्षाकर्मी मोहम्मद काले और लतीफ के साथ लखीमपुर पुलिस लाइन पहुंचे जहां पूछताछ के बाद उन्हें भी गिरफ्तार कर लिया गया. पुलिस इन दोनों को लखनऊ लेकर आई जहां अंकित के आवास से मोहम्मद काले की रिपीटर गन और अंकित की पिस्टल बरामद की गई. पुलिस अंकित के मोबाइल फोन की भी तलाश कर रही थी लेकिन वह नहीं मिले. बाकी चार आरोपी पार्षद सुमित जायसवाल, काफिले की तीसरी गाड़ी सफेद रंग की स्कार्पियो चला रहा शिशुपाल, फॉर्च्यूनर कार में अंकित दास के साथ बैठा उनका करीबी नंदन सिंह और एक और निजी सुरक्षाकर्मी सत्य प्रकाश त्रिपाठी और सत्यम को 18 अक्टूबर सोमवार शाम दबोच लिया गया. सत्य प्रकाश के पास से .32 बोर की लाइसेंसी रिवाल्वर और तीन कारतूस भी बरामद हुए हैं.

घटना वाली रात ही प्रियंका गांधी दिल्ली से लखनऊ पहुंचीं

लखीमपुर कांड में 8 लोगों की मौत एक सियासी मुद्दा बन गया और सभी राजनीतिक दल के नेताओं में वहां जाकर पॉलीटिकल माइलेज लेने की होड़ मच गई. हालांकि, सबसे पहले कांग्रेस ने बाजी मारी और घटना वाली रात ही प्रियंका गांधी दिल्ली से लखनऊ पहुंचीं और लखीमपुर के लिए निकल पड़ीं. पुलिस प्रशासन ने उन्हें रोकने की कोशिश की जिसे लेकर जबरदस्त खींचतान और धक्का-मुक्की हुई. सोमवार तड़के प्रियंका का काफिला किसी तरह लखीमपुर के लिए निकला तो सीतापुर में उन्हें रोक लिया गया. उन्हें पीएसी के गेस्ट हाउस में नजर बंद कर दिया गया. उधर, समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव भी लखीमपुर जाने के लिए निकले तो पुलिस ने उन्हें घर के बाहर ही रोक लिया. अखिलेश और अन्य समाजवादी पार्टी के नेता घर के बाहर ही सड़क पर धरने पर बैठ गए. जमकर हंगामा हुआ और पुलिस की एक जीप में आग लगा दी गई. किसी तरह अखिलेश यादव और उनके समर्थकों को सड़क से उठाकर इको गार्डन ले जाया गया और दोपहर बाद छोड़ा गया.

मंगलवार दोपहर छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल भी लखनऊ पहुंचे और अमौसी एयरपोर्ट से सीतापुर जाने की कोशिश करने लगे. हालांकि, पुलिस ने उन्हें एयरपोर्ट पर ही रोक लिया. इस पर भूपेश बघेल वहीं धरने पर बैठ गए. शाम को वह एयरपोर्ट से ही छत्तीसगढ़ लौट गए. उधर, पुलिस ने प्रियंका गांधी समेत 11 नेताओं के खिलाफ शांतिभंग के आरोप में कार्रवाई करते हुए उन्हें गिरफ्तार कर लिया. इस बीच, बुधवार को राहुल गांधी भी लखनऊ आ गए. 60 घंटे से भी ज्यादा हिरासत में रही अपनी बहन प्रियंका गांधी को लेकर राहुल गांधी पंजाब के मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी, छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल समेत अन्य नेताओं के साथ लखीमपुर खीरी पहुंचे और मृतकों के परिवारजनों को गले लगा कर उनकी लड़ाई में साथ देने का भरोसा दिलाया. कांग्रेस ने पंजाब और छत्तीसगढ़ सरकार की तरफ से हिंसा में मारे गए चारों किसानों और पत्रकार रमन कश्यप के परिवारीजनों को 50-50 लाख रुपए की सहायता देने की घोषणा की.

गुरुवार को समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने लखीमपुर पहुंचकर किसानों के परिवारीजनों से मुलाकात कर संवेदनाएं जताई तो शुक्रवार को आम आदमी पार्टी के सांसद संजय सिंह ने पीड़ितों से मुलाकात की. पंजाब प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू भी निघासन में पत्रकार रमन कश्यप के घर पर मौन धारण कर धरने पर बैठ गए. बसपा से सतीश चंद्र मिश्रा ने भी पीड़ितों से मिलकर उन्हें कानूनी मदद का भरोसा दिलाया. विपक्षी दल इस मामले को लेकर उठापटक मचाए थे तो भाजपा में भी स्थितियां सामान्य नहीं थीं. केंद्रीय गृह राज्य मंत्री टेनी को हटाने के लिए दबाव लगातार बढ़ रहा था. मंगलवार को ही टेनी को दिल्ली तलब किया गया जहां उन्होंने गृहमंत्री अमित शाह से मुलाकात कर अपने बेटे को निर्दोष बताया.

सुप्रीम कोर्ट ने हिंसा को दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए प्रदेश सरकार की कार्रवाई पर जताया असंतोष

लखीमपुर कांड ने लखनऊ से लेकर दिल्ली तक ऐसी हलचल मचाई कि सुप्रीम कोर्ट ने मामले का स्वतः संज्ञान ले लिया. चीफ जस्टिस एनवी रमन की पीठ ने मामले की सुनवाई की तारीख तय की. उत्तर प्रदेश के दो वकीलों ने सीजेआई को पत्र लिखकर समयबद्ध सीबीआई जांच की मांग की थी. इलाहाबाद हाईकोर्ट में भी सीबीआई जांच की एक याचिका दाखिल की गई है. गुरुवार को सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने लखीमपुर खीरी की घटना को दुर्भाग्यपूर्ण बताया. सर्वोच्च अदालत ने उत्तर प्रदेश सरकार से अगले 24 घंटे यानी शुक्रवार तक एफआईआर में नामजद आरोपियों के खिलाफ की गई कार्रवाई और उनकी गिरफ्तारी के बारे में स्टेटस रिपोर्ट मांगी. सीजेआई ने यूपी सरकार से कहा कि ठीक से मामले की जांच नहीं हो रही और एफआईआर भी सही तरीके से दर्ज नहीं की गई है. प्रदेश सरकार की तरफ से शुक्रवार को स्टेटस रिपोर्ट आने के बाद सुप्रीम कोर्ट ने नाराजगी जताते हुए कहा कि उत्तर प्रदेश सरकार के उठाए कदमों से संतुष्ट नहीं है. 

चीफ जस्टिस ने कहा इस मामले की जांच सीबीआई को सौंपना भी कोई समाधान नहीं है. पीठ ने पूछा कि आरोपियों को अब तक गिरफ्तार क्यों नहीं किया गया जबकि 8 लोगों की मौत हो चुकी है. इससे समाज में गलत संदेश जाता है. कोर्ट में यूपी सरकार के वकील हरीश साल्वे अपना पक्ष रख रहे थे. मुख्य आरोपी आशीष मिश्रा को गिरफ्तार करने के बजाय उन्हें नोटिस देकर बुलाने से कोर्ट संतुष्ट नहीं थी. पीठ ने वकील हरीश साल्वे से पूछा कि अगर आरोपी आम आदमी होता तो भी क्या उसे हत्या जैसे मामले में इतनी ही छूट मिलती. इस पर साल्वे ने शनिवार सुबह 11 बजे तक आशीष मिश्रा के पुलिस के समक्ष पेश होने की जानकारी दी. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हम यूपी सरकार के उठाए कदमों से संतुष्ट नहीं हैं. हम आपसे जिम्मेदार सरकार की अपेक्षा करते हैं. आप इस मामले को गंभीर बता रहे हैं लेकिन जैसे आगे बढ़ रहे हैं, उसमें गंभीरता नहीं दिख रही. गंभीरता सिर्फ शब्दों में है कार्यवाही में नहीं. एसआईटी में सभी आपके अफसर हैं. हमें नहीं पता कि इस मामले की सही जांच होगी या नहीं. सुप्रीम कोर्ट ने कहा 20 अक्टूबर को किसी अन्य उपयुक्त एजेंसी का नाम सुझाएं जिसे मामले की जांच सौंपी जा सके. बुधवार यानी 20 अक्टूबर को सुप्रीम कोर्ट इस मामले में सुनवाई करेगी.

अंतिम अरदास के कार्यक्रम में किया आंदोलन का ऐलान

तिकुनिया कांड में हिंसा में मारे गए किसानों की आत्मा की शांति के लिए मंगलवार 11 अक्टूबर को घटनास्थल पर ही अंतिम अरदास का आयोजन किया गया. अंतिम अरदास में प्रदेश के अलावा देश के विभिन्न हिस्सों से हजारों किसानों ने तिकुनिया पहुंचकर मृतकों को श्रद्धांजलि दी. प्रियंका गांधी और जयंत चौधरी भी अंतिम अरदास के कार्यक्रम में पहुंचे थे. कार्यक्रम के समापन पर संयुक्त किसान मोर्चा ने मंत्री की बर्खास्तगी और गिरफ्तारी न होने तक आंदोलन जारी रखने का ऐलान किया. किसान नेता राकेश टिकैत ने कहा कि अगर केंद्रीय गृह राज्य मंत्री पर कार्रवाई नहीं होती है तो प्रदेश भर में पुतले फूंकने के साथ ही ट्रेनें रोकी जाएंगी और लखनऊ में महापंचायत कर आंदोलन की आगे की रणनीति तय की जाएगी.

टेनी से क्यों नाराज थे किसान, क्या थी बवाल की जड़

लखीमपुर कांड की वजह क्या थी! किसान टेनी से नाराज क्यों थे! यह सवाल सबके जेहन में है. घटना के कुछ मिनट बाद सोशल मीडिया पर एक वीडियो भी वायरल हुआ था जिसमें टेनी खुले मंच से चेतावनी देते हुए नजर आ रहे हैं. इसी वीडियो को बवाल की वजह बताया जा रहा है. किसानों का कहना है कि केंद्रीय गृह राज्य मंत्री किसान आंदोलन से नाराज थे इसलिए उन्होंने मंच से किसानों को चेतावनी दी. हालांकि, टेनी ने सफाई देते हुए कहा कि वायरल वीडियो उनके पुराने भाषण का एक हिस्सा है जिसे जानबूझकर लोगों के भड़काने के लिए इस्तेमाल किया जा रहा है. उन्होंने बताया कि कुछ दिन पहले एक कार्यक्रम में गए थे जहां कुछ बदमाशों ने होर्डिंग और पोस्टर फाड़ दिए थे. होर्डिंग-पोस्टर में भारत माता और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तस्वीरें लगी थीं. ऐसे लोगों को चेतावनी देते हुए ही उन्होंने अपने भाषण में उनका जिक्र किया और कहा था कि जिन्होंने होर्डिंग और पोस्टर फाड़े हैं वह किसान नहीं हो सकते. भाषण में वह कहते दिख रहे हैं कि लोगों को मेरे इतिहास के बारे में पता होना चाहिए. टेनी ने कहा कि उन्होंने कभी किसानों के खिलाफ अपशब्द नहीं कहे. पुलिस उनके चेतावनी भरे भाषण के वीडियो की भी जांच कर रही है.

यह भी पढ़ें-

History of Kushinagar International Airport: अंग्रेजों के जमाने में बन गई थी हवाई पट्टी, योगी सरकार में पूरा हुआ काम, जानें पूरा इतिहास

Uttarakhand Weather Update: मौसम विभाग ने दी अच्छी खबर, बारिश को लेकर दिया बड़ा अपडेट

और देखें
Advertisement
Advertisement
25°C
New Delhi
Rain: 100mm
Humidity: 97%
Wind: WNW 47km/h
Advertisement

टॉप हेडलाइंस

Quota for Muslim Contractors: मुस्लिम ठेकेदारों को 4 फीसदी आरक्षण देगी कर्नाटक सरकार, कैबिनेट ने दे दी KTPP एक्ट बदलने को मंजूरी
मुस्लिम ठेकेदारों को 4 फीसदी आरक्षण देगी कर्नाटक सरकार, कैबिनेट ने दे दी KTPP एक्ट बदलने को मंजूरी
Amritsar News: अमृतसर के ठाकुरद्वार मंदिर पर हमला, 2 बाइक सवारों ने किया अटैक
पंजाब: अमृतसर के ठाकुरद्वार मंदिर पर हमला, 2 बाइक सवारों ने किया अटैक
Holi 2025: रमजान के बीच ‘सिकंदर’ के सेट पर सलमान खान ने रंगों से खेली होली, वायरल हुई तस्वीरें
रमजान के बीच ‘सिकंदर’ के सेट पर सलमान ने रंगों से खेली होली, देखें तस्वीरें
Delhi Capitals IPL 2025: अक्षर पटेल बने दिल्ली के कप्तान तो केएल राहुल ने कह दी बड़ी बात, जानें किस बात का दिया भरोसा
अक्षर बने दिल्ली के कप्तान तो राहुल ने किया वादा, जानें क्या दिया भरोसा
Advertisement
ABP Premium

वीडियोज

Event Insurance से कैसे Financial Secure होगा आपके Event ?| Paisa LiveBreaking: अमेरिका का बड़ा कदम, पाकिस्तान सहित 43 देशों को अमेरिकी वीजा नहीं | Donald TrumpBihar में ASI की हत्या के आरोपी के पैर में पुलिस ने मारी गोली, पिस्तौल छीनकर भाग रहा था आरोपीBihar Crime News: मुठभेड़ में घायल पोलिसकर्मी ने बताया कैसे हुआ एनकाउंटर | Breaking

फोटो गैलरी

पर्सनल कार्नर

टॉप आर्टिकल्स
टॉप रील्स
Quota for Muslim Contractors: मुस्लिम ठेकेदारों को 4 फीसदी आरक्षण देगी कर्नाटक सरकार, कैबिनेट ने दे दी KTPP एक्ट बदलने को मंजूरी
मुस्लिम ठेकेदारों को 4 फीसदी आरक्षण देगी कर्नाटक सरकार, कैबिनेट ने दे दी KTPP एक्ट बदलने को मंजूरी
Amritsar News: अमृतसर के ठाकुरद्वार मंदिर पर हमला, 2 बाइक सवारों ने किया अटैक
पंजाब: अमृतसर के ठाकुरद्वार मंदिर पर हमला, 2 बाइक सवारों ने किया अटैक
Holi 2025: रमजान के बीच ‘सिकंदर’ के सेट पर सलमान खान ने रंगों से खेली होली, वायरल हुई तस्वीरें
रमजान के बीच ‘सिकंदर’ के सेट पर सलमान ने रंगों से खेली होली, देखें तस्वीरें
Delhi Capitals IPL 2025: अक्षर पटेल बने दिल्ली के कप्तान तो केएल राहुल ने कह दी बड़ी बात, जानें किस बात का दिया भरोसा
अक्षर बने दिल्ली के कप्तान तो राहुल ने किया वादा, जानें क्या दिया भरोसा
Taj Mahal With Black Cloth: काले कपड़े से क्यों ढकना पड़ा था ताजमहल, किसके डर से किया गया था ऐसा?
काले कपड़े से क्यों ढकना पड़ा था ताजमहल, किसके डर से किया गया था ऐसा?
Freezing Dead Bodies: क्या डेढ़ करोड़ खर्च करके जिंदा हो जाएगा मरा हुआ इंसान? डेड बॉडी फ्रीज कर रही यह कंपनी
क्या डेढ़ करोड़ खर्च करके जिंदा हो जाएगा मरा हुआ इंसान? डेड बॉडी फ्रीज कर रही यह कंपनी
Myths Vs Facts: क्या पीरियड्स के दर्द से राहत दिला सकता है नैचुरल ड्रिंक्स, जानें क्या है सही जवाब
क्या पीरियड्स के दर्द से राहत दिला सकता है नैचुरल ड्रिंक्स, जानें क्या है सही जवाब
'स्टुपिड प्रसिडेंट, गेट आउट...', ट्रंप ने व्हाइट हाउस में जेलेंस्की को किया बेइज्जत और देखती रह गई दुनिया
'स्टुपिड प्रसिडेंट, गेट आउट...', ट्रंप ने व्हाइट हाउस में जेलेंस्की को किया बेइज्जत और देखती रह गई दुनिया
Embed widget