Uttar Pradesh News: उच्चतम न्यायालय (Supreme Court) ने सोमवार को कहा कि लखीमपुर खीरी हिंसा मामले (Lakhimpur Kheri Violence Case) की निचली अदालत में सुनवाई के दौरान आरोपियों, पीड़ितों के प्रतिनिधियों और वकीलों के अलावा कोई भी मौजूद नहीं रहेगा. इस मामले के आरोपियों में केंद्रीय मंत्री अजय कुमार मिश्रा (Union Minister Ajay Kumar Mishra) का बेटा आशीष (Ashish Mishra) भी शामिल है. शीर्ष अदालत का आदेश उस वक्त आया जब पीड़ितों के वकील ने दावा किया कि निचली अदालत में सुनवाई के दौरान आशीष मिश्रा के समर्थक बड़ी संख्या में मौजूद रहते हैं, जिससे ‘‘भय का माहौल’’ बनता है, लेकिन बचाव पक्ष के वकील ने इस आरोप को खारिज किया और दावा किया कि पीड़ितों की ओर से ज्यादा लोग अदालत में आते हैं. इसके साथ ही उन्होंने बंद कमरे में सुनवाई की सलाह दी.


और क्या कहा सुप्रीम कोर्ट ने
न्यायालय ने कहा कि वह उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी स्थित सत्र अदालत में सुचारू सुनवाई के लिए यह आदेश पारित कर रहा है. न्यायमूर्ति सूर्यकांत और न्यायमूर्ति जे. के. माहेश्वरी की पीठ ने कहा, ‘‘(निचली अदालत में) सुचारू सुनवाई सुनिश्चित करने के लिए हम निर्देश देते हैं कि दोनों प्राथमिकियों के आरोपियों के अलावा प्रत्येक आरोपी या शिकायतकर्ता के एक-एक प्रतिनिधि और उनके संबंधित वकील ही मौजूद रहेंगे.’’


सुनवाई के लिए तय हुई 14 तरीख
पीठ ने लखीमपुर खीरी के प्रथम अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश की ओर से सात फरवरी को भेजे गये पत्र पर भी विचार किया और कहा, ‘‘हम पीठासीन अधिकारी की सराहना करते हैं कि उन्होंने तलब किये गये गवाहों की अदालत में मौजूदगी को लेकर त्वरित और आवश्यक कार्रवाई की.’’ शीर्ष अदालत ने मामले की सुनवाई के लिए 14 मार्च की तारीख मुकर्रर की. बता दें कि इस हिंसा में चार किसानों समेत 8 लोगों की मौत हुई थी. यह घटना तीन अक्टूबर को हुई थी. इसे लेकर काफी विवाद हुआ था. आशीष मिश्रा पर प्रदर्शनकारी किसानों पर जीप चढ़ाने का आरोप है.


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