Lakhimpur News: उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी में आतंक का पर्याय बना खूंखार बाघ पकड़ा गया है. वन विभाग की टीम आदमखोर बाघ को पिंजरे में कैद कर लिया है. यह बाघ अब तक सात लोगों को अपना शिकार बना चुका है. बाघ के पकड़े जाने के बाद लोगों ने राहत की सांस ली है. पिछले कई महीनों से ग्रामीण इलाके के लोग बाघ की दहशत से खौफजदा थे और खेत-खलियानों में जाने से डरते थे. पूरा मामला महेशपुर वन रेंज इलाके का है.


दरअसल मन्नापुर क्षेत्र में बीते दिनों एक किसान पर बाघ ने हमला कर दिया था जिससे उसकी मौके पर ही मौत गई थी. जिस वक्त बाघ ने हमला किया, कंधई लाल यादव खेत में पानी लगा रहे थे. तभी शाम के वक्त बाघ ने उन पर हमला कर दिया, जिससे उनकी मौके पर ही मौत हो गई. बाघ के हमले की सूचना पर स्थानीय प्रशासन और वन विभाग की टीम मौके पर पहुंची थी और बाघ को पकड़ने के लिए लगातार सर्च ऑपरेशन चला रही थी. काफी मशक्कत के बाद वन विभाग की टीम ने बाघ को पकड़ने में कामयाबी हासिल की.


बाघ को देखने, जमा हो गई ग्रामीणों की भीड़
वन विभाग टीम द्वारा लगाए गए ट्रैप में बाघ के पकड़े जाने की सूचना जैसे ही गांव के लोगों तक पहुंची बाघ को देखने के लिए भारी संख्या ग्रामीणों की भीड़ जमा हो गई. भीड़ को नियंत्रित करने में पुलिस और वन विभाग टीम का पसीना छूट गया. बाघ के पकडे जाने के बाद लोगों ने राहत की सांस ली है. अधिकारियों के मुताबिक, चिकित्सकों की टीम को बुलाया गया है. चिकित्सीय परीक्षण और आला अफसरों के निर्देश के बाद उसे जंगल में छोडा जाएगा.


बाघ को पिंजरे में कैद करने के लिए डीएफओ संजय विश्वाल, रेंजर नरेशपाल सिंह ने शुक्रवार को वनकर्मियों के साथ मन्नापुर पहुंचकर पिंजड़ा, कैमरे लगवाए थे. इसकी निगरानी के लिए कर्मचारियों को ड्यूटी पर तैनात किया गया था. वन की टीम ने आसपास के गांवों में कांबिंग की लेकिन बाघ का कुछ पता नहीं चला. बीती रात बाघ शिकार की तलाश में निकला और वन के पिंजरे में कैद हो गया.


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