लखीमपुर खीरी में तिकुनिया काण्ड के मुख्य आरोपी आशीष मिश्रा उर्फ मोनू ने सरेंडर कर दिया है. सुप्रीम कोर्ट ने आशीष मिश्रा की जमानत खारिज कर दी थी. साथ ही एक सप्ताह में हाजिर होने के लिए कहा था. वहीं, एक सप्ताह से एक दिन पहले आज रविवार को अचानक रिमांड मजिस्ट्रेट के सामने सरेंडर किया है. इस दौरान मौके पर भारी पुलिस बल तैनात रहा.
इससे पहले लखीमपुर खीरी केस के आरोपी आशीष मिश्रा की जमानत रद्द हो गई थी. सुप्रीम कोर्ट ने एक हफ्ते में सरेंडर करने के लिए कहा. अदालत ने कहा कि हाई कोर्ट ने पीड़ित पक्ष को नहीं सुना. उन्हें जल्दबाजी में जमानत दी गई. हाई कोर्ट दोबारा मामला को सुने. चीफ जस्टिस एन वी रमण, न्यायमूर्ति सूर्य कांत और न्यायमूर्ति हिमा कोहली की पीठ द्वारा सोमवार को ये फैसला सुनाया गया.
कब और कैसे हुई थी हिंसा?
गौरतलब है कि किसानों का एक समूह बीजेपी के नेता केशव प्रसाद मौर्य के विरोध में पिछले साल तीन अक्टूबर को प्रदर्शन कर रहा था और तभी लखीमपुर खीरी में एक कार ने चार किसानों को कथित तौर पर कुचल दिया था.
इससे गुस्साए प्रदर्शनकारियों ने बीजेपी के दो कार्यकर्ताओं और एक चालक को कथित तौर पर पीट-पीट कर मार डाला था जबकि हिंसा में एक स्थानीय पत्रकार की भी मौत हो गई थी. किसान नेताओं ने दावा किया है कि उस वाहन में आशीष मिश्रा था, जिसने प्रदर्शनकारियों को कुचला था. हालांकि, मिश्रा ने आरोपों को खारिज किया है.
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