अयोध्या, एबीपी गंगा। करोडों हिन्दुओं के आस्था के केंद्र अयोध्या में इन दिनों श्रद्धालुओं का जनसमूह उमड़ पड़ा है। कार्तिक नवमी के दिन लाखों श्रद्धालु भगवान राम की जन्मभूमि के चारों ओर 14 कोसी परिक्रमा पूरी करते हैं। सुबह 6:05 से प्रारंभ से 6 नवंबर को प्रातः 7:49 बजे तक चलेगी। जो चौदह कोसी परिक्रमा नहीं कर पाते वह देवोत्थानी प्रबोधनी एकादशी के दिन पंचकोसी परिक्रमा करते हैं। पांच कोसी परिक्रमा रामजन्म भूमि के चारों तरफ 5 कोस की परिधि में होती है जो 7 नवंबर को सुबह 9:47 बजे से शरू होगी 8 नवंबर को दोपहर 11:56 बजे तक चलेगी।
पूर्णिमा स्नान 11 नवंबर शाम 5:34 से शुरू होगा..जो 12 नवंबर को शाम 6:42 तक होगा। स्नान परिक्रमा के समय ऐसा लगता है जैसे लाखों श्रद्धालु मानव रूपी माला बना कर अपने आराध्य को नमन कर रहे हैं। इस बार प्रशासन के लिए कार्तिक मेला इम्तिहान की घड़ी है। जहां लाखों की संख्या में श्रद्धालु अयोध्या पहुंचे हैं। परिक्रमा के लिए, तो वही अयोध्या विवाद पर भी फैसला आना है। ऐसे में प्रशासन कार्तिक मेला और अयोध्या विवाद पर संभावित फैसले को लेकर सजग है, दोनों सकुशल निपटाने के प्रयास के लिए पर्याप्त सुरक्षा का इंतजाम कर रहा है।
ऐसी मान्यता है कि परिक्रमा की परंपरा सदियों से चली आ रही है। धर्मनगरी की परिक्रमा करने से पञ्चतत्वों से बनें शरीर का शोधन होता है। और साथ ही जन्म जन्मान्तर के पाप भी नष्ट हो जाते हैं। इसी मान्यता के चलते देश के कोने-कोने से आये लाखों की संख्या में बच्चे, बूढ़े हों या फिर जवान सभी भक्तिभाव में लीन अपने अराध्य के नाम के साथ परिक्रमा करते हैं। पावन सलिला मां सरयू की बहती कल-कल धारा में स्नान करने के बाद अपने अराध्य का जयघोष करते हुए प्रमुख मंदिरों में दर्शन पूजन करते हैं।
पंचकोसी परिक्रमा के दौरान पूरी अयोध्या मानव श्रंखला से घिर जाती है। एसा लगता है जैसे मानव रूपी माला बना कर श्रद्धालु धर्मनगरी की आराधना कर रहे हो। परिक्रमा का आध्यात्मिक वैज्ञानिक दोनों तरह का महत्व है जहां लोग आस्था में सराबोर होकर अपने आराध्य के लिए इतनी लंबी दूरी मुस्कुराते हुए पूरी करते हैं तो वही चलने से शरीर को भी नई उर्जा मिलती है।
वहीं इस बार का परिक्रमा बेहद खास है बड़ी संख्या में श्रद्धालु अयोध्या पहुंचे हैं। 15 लाख से ज्यादा श्रद्धालु परिक्रमा कर रहे हैं। श्रद्धालुओं का कहना है कि अयोध्या मामले में भगवान राम के पक्ष में फैसला आएगा, ऐसे में श्रद्धालु भी कह रहे हैं कि इस बार भगवान राम का टेंट वास खत्म होगा यह टेंट में भगवान राम का आखरी दर्शन होगा इसके बाद अगली बार जब आएंगे तो अपने महल में विराजमान होंगे।