Lalitpur News: जनपद ललितपुर के जिला अधिकारी अक्षय त्रिपाठी की अभिनव पहला ने राजकीय बाल गृग के साथ बच्चों के पेरेंट्स को आधार कार्ड के माध्यम से ढूंढ निकाले और उन बच्चों को उनके पेरेंट्स से मिलवाने और उन तक पहुंचाने का कार्य किया है. यहां बताते चलें कि राजकीय बाल ग्रह में वह बच्चे रखे जाते हैं जो आवारा घूमते या बाल श्रम करते पाए जाते हैं. या फिर वह अपने मां-बाप से बिछड़ जाते हैं. राजकीय बाल ग्रह में ऐसे कई बच्चे हैं, जिनके आधार कार्ड नहीं है लेकिन जिलाधिकारी ने जिन बच्चों के आधार कार्ड थे ऐसे बाल गृह में सात बच्चे पाए गए. इस कारण आधार कार्ड बिछड़े लोगों को उनके परिवार से मिलाने का मुख्य जरिया बनता जा रहा है. जिसका उदाहरण आज जनपद में देखने को मिला.
यहां राजकीय बाल गृह दैलवारा में जिलाधिकारी श्री अक्षय त्रिपाठी के निर्देशन में बच्चों को उनके माता-पिता से मिलाने के लिए उनके आधार कार्ड बनाए जाने का अभियान चलाया जा रहा था, जिसमें 7 बच्चों के आधार कार्ड से उनका पता सफलतापूर्वक मिल सका. इसके तुरंत बाद जिलाधिकारी ने बच्चों के अभिभावकों से बात कर तत्काल ललितपुर आने को कहा. उक्त 7 बच्चों में से एक मूकबधिर बच्चा भी था. जो अपना नाम भी नहीं बता सकता था. जिलाधिकारी की पहल पर आधार कार्ड से उसका नाम सहित पता-ठिकाना भी मिला. जिसका नतीजा यह रहा कि सुमित मौर्य नाम का यह बच्चा आज अपने परिवार जनों से मिलकर प्रसन्नता से खिल उठा.
जिलाअधिकारी की मदद से माता-पिता को खोया बच्चा मिला
जिलाधिकारी ने बच्चे सुमित मौर्य को उसके अभिभावकों को सौंपते हुए भरोसा दिलाया कि परिवार की हर संभव मदद की जाएगी. परिवार की आर्थिक स्थिति के अनुसार आवास, पेंशन, स्वरोजगार , शिक्षा सहित अन्य योजनाओं का लाभ भी दिलाने में पूरा सहयोग प्रदान किया जाएगा. सुमित मौर्य के पिता बहुत खुश थे और उन्होंने जिलाधिकारी की इस पहल की सराहना की, जिसे जिलाधिकारी की मदद से उन्हें खोया बच्चा मिला.
जिलाधिकारी ने प्राधिकरण के लखनऊ स्थित क्षेत्रीय कार्यालय से संपर्क कर इन बच्चों को इनका आधार कार्ड सौंपा. आधार की मदद से इन 7 बच्चों के घर का पता ज्ञात किया गया है. एक बच्चे के अभिभावक आज यानी शनिवार (25 नवंबर) को ललितपुर पहुंचे. जिनमें से सुमित मौर्य नाम के बच्चे को आज उनके परिवार वालों को सौपा गया. शेष बच्चों के परिवार वाले भी लगातार संपर्क में हैं.जो जल्द ही ललितपुर पहुंचेंगे. जिसके बाद शेष बच्चों को भी उनके घर भेजने की कार्रवाई जिला प्रशासन की तरफ से की जाएगी.
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