Prayagraj Land Mafia: यूपी की योगी सरकार ने माफियाओं के खिलाफ सबसे ज़्यादा कार्रवाई संगम नगरी प्रयागराज में की है, लेकिन इसके बावजूद यहां माफियाओं के कारनामों के किस्से खत्म होने का नाम नहीं ले रहे हैं. ताज़ा मामला पूर्व बाहुबली सांसद अतीक अहमद के करीबी कहे जाने वाले एक ऐसे भू माफिया का है, जिसने सरकारी ज़मीनों पर कब्ज़ा कर उस पर अवैध तरीके से प्लाटिंग करने के लिए नदी पर प्राइवेट पुल बना डाला. नदी पर अवैध तरीके से बनाया गया पुल मानकों के विपरीत और कमज़ोर है, लिहाजा इससे गुजरने वाले लोगों की ज़िंदगी कभी भी खतरे में पड़ सकती है. 


सरकारी अमले में मचा हड़कंप
बहरहाल, मामला सामने आने के बाद सरकारी अमले में हड़कंप मच गया है. बैकफुट पर आए सरकारी अमले ने इस मामले में अब भू माफिया गुल बहार उर्फ़ गुलबदन के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर ली है. अफसरों का कहना है कि इस मामले में आगे की जांच के बाद ना सिर्फ मिलीभगत या लापरवाही करने वाले सरकारी कर्मचारियों के खिलाफ भी कार्रवाई की जाएगी, बल्कि नदी पर अवैध तरीके से बनाए गए पुल को तोड़ा भी जाएगा. वैसे, भू माफिया भले ही कितना भी ताकतवर हो, लेकिन नदी के किनारों पर कब्ज़ा कर उसके पाट को कम करते हुए प्रवाह को रोकने और अपने फायदे के लिए अवैध तरीके से प्राइवेट पुल बनाए जाने का काम सरकारी अमले की मिलीभगत के बिना कतई मुमकिन ही नहीं है.
 
नाले की तरह नजर आने लगी नदी 
प्रयागराज का हैरान कर देने वाला ये मामला सूबे के कैबिनेट मंत्री सिद्धार्थ नाथ सिंह के चुनाव क्षेत्र में आने वाले झलवा इलाके के देवघाट का है. यहां इन दिनों गुजरात की अहमदाबाद जेल में बंद माफिया घोषित पूर्व बाहुबली सांसद अतीक अहमद का करीबी कहे जाने वाला गुलबहार करीब 37 बीघा ज़मीन पर प्लाटिंग कर रहा है. उसने अपनी ज़मीनों के साथ बगल से गुजरने वाली ससुर खदेरी नदी के कछारी इलाकों यानी नदी के किनारे की सरकारी ज़मीनों पर रोलर चलवाकर उसे ना सिर्फ समतल करा दिया, बल्कि अपनी ज़मीन में मिला भी लिया. जिस जगह प्लाटिंग की जा रही थी, वहां ससुर खदेरी नदी की हालत ऐसी कर दी गई कि वो किसी नाले सरीखी नज़र आने लगी. 


मानकों से खिलवाड़
तकरीबन सौ मीटर दूरी पर रेलवे इस नदी पर डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर के लिए इस नदी पर जो पुल बनवा रहा है वहां और सौ मीटर दूरी पर माफिया द्वारा अवैध तरीके से बनाए गए पल की जगह पर नदी की चौड़ाई में एक तिहाई का फर्क हो जा रहा है. माफिया गुलबहार ने नदी पर अपने फायदे के लिए जो पुल बनाया है वो मानकों से खिलवाड़ करने वाला है. आम तौर पर नदियों पर पुल कंक्रीट से बनते हैं जबकि माफिया ने ससुर खदेरी नदी पर बनाए गए प्राइवेट पुल को ईंटों के ज़रिए खड़ा किया है.


परदे के पीछे है अतीक 
एफआईआर दर्ज होने के बाद से आरोपी गुलबहार उर्फ़ गुलबदन फरार है. चर्चा इस बात की है कि गुलबहार तो सिर्फ मुखौटा था, जबकि हकीकत में परदे के पीछे से माफिया अतीक अहमद इस जगह प्लाटिंग करा रहा था. प्रयागराज रेंज के आईजी कवीन्द्र प्रताप सिंह के मुताबिक़ पुलिस जांच में इस बात का भी पता लगाया जाएगा कि माफिया किनके लिए काम कर रहा था. इस मामले में अब एफआईआर भले ही दर्ज हो गई हो, लेकिन ये ज़रूर कहा जा सकता है कि माफियाओं और बाहुबलियों पर शिकंजा कसने की योगी सरकार की मंशा को सरकारी विभागों के कुछ अफसर और कर्मचारी पलीता लगाने और उसके किए कराए पर पानी फेरने का कोई मौका छोड़ने से बाज नहीं आ रहे हैं.    



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