Dehradun News: सरकारी भूमि पर अवैध कब्जे और उसे बेचने के मामले में सरकारी सिस्टम की लापरवाही के चलते भू-माफिया पर एफआईआर तक दर्ज नहीं हो पाई है. दरअसल इस पूरे मामले पर गढ़वाल कमिश्नर की ओर से दो बार एफआईआर दर्ज करने के निर्देश दिये गये लेकिन सरकारी सिस्टम की लापरवाही के चलते भू-माफिया पर कोई कार्रवाई नहीं हो पाई है.
कमिश्नर ने दो साल पहले दिया था ये आदेश
राजपुर क्षेत्र में गुजराड़ा मानसिंह स्थित राज्य सरकार की लगभग तीन बीघा भूमि पर भू-माफियाओं द्वारा कब्जा किया गया, इतना ही नहीं इस जमीन को आगे फर्जी दस्तावेजों के आधार पर बेचा भी गया. प्रकरण जब सामने आया तो वर्ष 2021 में गढ़वाल कमिश्नर ने लैंड फ्रॉड की बैठक में संबंधित व्यक्ति पर जिलाधिकारी को एफआईआर दर्ज कराने के निर्देश दिये थे. लेकिन फिर भी कोई कार्रवाई नहीं हुई. इतना ही नहीं दोबारा आयुक्त गढ़वाल ने जिलाधिकारी को पत्र लिखकर निर्देशित किया है कि एफआईआर के लिए सक्षम राजस्व अधिकारी को अवैध कब्जे पर प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज कराने के लिए निर्देशित किया जाए. सरकारी सिस्टम की सुस्ती से तीन साल बीत गये लेकिन सरकारी भूमि पर कब्जा करने वाले खुले घूम रहे हैं.
अधिकारीयों का जवाब
इस पूरे मामले पर कानूनगो और पटवारी को भी सस्पेंड किया जा चुका है लेकिन भू-माफिया पर कार्रवाई की फाइल अभी तक आगे नहीं बढ़ पाई है. अब जिलाधिकारी देहरादून का कहना है कि अभी उन्हें पत्र रिसीव हुआ है, इसपर कार्रवाई न होने के क्या कारण रहे हैं इसकी गंभीरता से जांच होेगी.
जहां एक तरफ शासन सरकारी जमीनों पर अवैध अतिक्रमण को हटाने के लिए प्रदेश स्तर पर बड़ा अभियान चला रही है वहीं अपनी ही सरकारी भूमि पर भू-माफिया के कब्जे होने के बाद भी सिस्टम की लापरवाही की वजह से कार्रवाई आगे नहीं बढ़ा पाई है. ये देखना दिलचस्प होगा की देहरादून की डीएम श्रीमती सोनिका जिस तरह से अब मामले पर कार्रवाई की बात कर रही हैं उससे आने वाले दिनों में क्या कार्रवाई हो पाती है. फिलहाल तो भू माफिया पर कार्रवाई की फाइल इधर से उधर सरकारी दफ्तरों के चक्कर काट रही है.
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