पीलीभीत में दो सगी बहनों से मकान मालिक ने किया रेप, केस दर्ज करने में पुलिस ने की आनाकानी, दो महीने तक काटे थाने के चक्कर
पीलीभीत में दो सगी बहन सतनाम सिंह के घर पर ही रहती थी. लेकिन आर्थिक स्थिति कमजोर होने के चलते वे मजदूरी करती थी. इसका फायदा उठाकर मकान मालिक ने दोनों बहनो के साथ दुष्कर्म किया.
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पीलीभीत: पीलीभीत में दो सगी नाबालिग बहनों के साथ में एक 65 वर्षीय शख्स ने दुष्कर्म की वारदात को अंजाम दिया. मामले में पुलिस ने लापरवाही दिखाते हुये मामला दर्ज करने में ढिलाई बरती. लेकिन एसपी के बाद शिकायत पहुंचने पर आरोपी सतनाम सिंह उर्फ कारमेट के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया. वहीं, एसपी ने पीड़िता की सुनवाई न करने वाले आरोपी थानाध्यक्ष के खिलाफ़ भी जांच कर कार्रवाई के आदेश दिए हैं. घटना थाना हजारा क्षेत्र के भुर्जगुनिया गांव की है.
सतनाम सिंह के घर रहकर दोनों बहनें करती थी मजदूरी
दरअसल थाना हजारा क्षेत्र की रहने वाली दोनों नाबालिग लड़कियां अपने परिवार के साथ आरोपी सतनाम सिंह के घर रहकर मजदूरी कर अपना पालन पोषण करती थीं. जिनका आरोप है कि 65 वर्षीय आरोपी मकान मालिक एक साल से उसकी बड़ी बहन के साथ दुष्कर्म करता रहा, जिससे उसकी तबीयत खराब हो गई. उसके बाद छोटी बहन के साथ भी आरोपी ने रेप किया. जिसको लेकर जानकारी होने पर पीड़ित परिवार ने थाने पर मामले की शिकायत की.
दो महीने तक थाने के काटे चक्कर
पीड़ित परिजनों का आरोप है कि दो महीने से लगातार न्याय के लिए थाने के चक्कर काटने के बाद पीड़िता ने मामले की शिकायत तहसील दिवस में की थी. जिसके बाद सात दिनों की चली जांच के पुलिस अधीक्षक ने आरोपी के खिलाफ थाने में गम्भीर धाराओं में केस दर्ज करवा कर रिपोर्ट न लिखने वाले थानाध्यक्ष के खिलाफ भी जांच कर कार्रवाई की बात कही है.
एसपी ने मानी लापरवाही की बात
पुलिस अधीक्षक जय प्रकाश ने बताया कि थाना हजारा के अन्तर्गत एक प्रार्थना पत्र के आधार पर 376 का अभियोग पंजीकृत किया गया है. इस प्रकरण की जांच क्षेत्राधिकारी पूरनपुर द्वारा की जा रही थी. जांच के दौरान यह पता चला कि, बच्चियों द्वारा समाधान दिवस में प्रार्थना पत्र दिया गया था. जिसको लेकर मामले में सभ्रांत व्यक्तियों द्वारा घटना का समझौता भी करवा दिया गया था, जो कि गलत था. थानाध्यक्ष को पीड़िया की तहरीर पर एफआईआर दर्ज करके जांच करनी चाहिए थी, जो उसने नहीं किया. फिलहाल मामले में केस दर्ज कर जांच की जा रही है, और लापरवाह थानाध्यक्ष के खिलाफ विभागीय जांच करवा करवाकर उसके खिलाफ भी कार्रवाई की जाएगी.
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