नई दिल्ली/अयोध्या,एबीपी गंगा। राम मंदिर को लेकर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई अब अंतिम दौर में पहुंच चुकी है। 40 दिन बाद आज यानी बुधवार को अयोध्या मामले की सुनवाई पूरी हो जाएगी। मुस्लिम और हिंदू पक्ष की दलीलें लगभग अपने अंतिम चरण में पहुंच चुकी हैं। 39 दिन तक लगातार सुनवाई के बाद बुधवार यानी आज सुनवाई का 40वां दिन है और ये सुनवाई का अंतिम दिन है। सीजेआई रंजन गोगोई ने इस बात को पहले ही साफ कर दिया है। कोर्ट में सुनवाई अभी जारी है।
Ayodhya Hearing Live Updates:
- निर्मोही अखाड़ा की ओर से सुशील कुमार जैन ने दलील दी। कहा- विकास ने जो नक्शा किताब से दिखाया और कहा कि इस नक्शे में भगवान राम के जन्मस्थान का सही लोकेशन है, जो अबतक किसी ने नहीं कोर्ट को बताया। इस बात पर धवन ने विरोध किया, कहा- ये बेकार की बातें हैं, मैं इस डाक्यूमेंट को नहीं मानता। सीजेआई ने कहा कि अगर आप नहीं मानते तो कोई बात नहीं, विकास सिंह भी सिर्फ बयान दे रहे हैं। अखिल भारतीय हिन्दू महासभा द्वारा भगवान राम का सटीक जन्मस्थान बताने वाले मैप को मुस्लिम पक्ष के वकील राजीव धवन ने भारी अदालत में फाड़ दिया। उनकी इस हरकत पर सीजेआई ने नाराजगी जताई है।
- निर्वाणी अखाड़ा "हनुमान गड़ी" की तरफ से कहा गया कि भगवान की मूर्ति बाबा धर्म डांस और अन्य के द्वारा रखी गई। बाबा अभिराम दास के खिलाफ इसको लेकर FIR भी दर्ज हुई थी। बाबा अभिराम दास ने 1962 में पुजारी के रुख में पूजा का अधिकार मांगा था। निर्वाणी अखाड़ा ने कहा कि ये निर्मोही अखाड़ा से अलग है। निर्वाणी अखाड़ा ने कहा कि "सिवायत शिप उनकी है", इसमें किसी को आपत्ति नहीं।
- अयोध्या केस के पहले याचिकाकर्ता रहे स्वर्गीय गोपाल सिंह विशारद की तरफ से वरिष्ठ वकील रंजीत कुमार ने कहा - इमारत में मूर्ति रखने का केस अभिराम दास पर दर्ज हुआ। वही वहां पुजारी थे। वह निर्वाणी अखाड़ा के थे। सेवादार होने का निर्मोही अखाड़ा का दावा गलत है
- हिन्दू महासभा की तरफ से वरिष्ठ वकील विकास सिंह ने बहस की शुरुआत की। विकास सिंह ने किशोर कुणाल की लिखी किताब को रिकॉर्ड पर कोर्ट के समक्ष रखने की पेशकश की। मुस्लिम पक्ष ने इसका विरोध किया। राजीव धवन ने कहा ये नई बुक है। विकास सिंह ने कोर्ट को बुक दी। CJI ने कहा कि वो नवंबर में इस किताब को पढ़ेंगे। विकास सिंह के कहा कि फैसले से पहले इस किताब को पढ़ियेगा। CJI ने हंसते हुए कहा देखेते है। राजीव धवन के बार बार टोकने पर विकास सिंह नाराज हुए। कहा हमारे पास कम समय है उसके बाद भी राजीव धवन बार बार टोक रहे है
- रामलला विराजमान के सी एस वैद्यनाथन ने जिरह पूरी की। कहा- पैगंबर मोहम्मद ने कहा था कि किसी को मस्ज़िद उसी ज़मीन पर बनानी चाहिए जिसका वह मालिक है। सुन्नी वक्फ बोर्ड जगह पर मालिकाना हक साबित करने में नाकाम रहा। सिर्फ नमाज़ पढ़ने को आधार बना कर ज़मीन दिए जाने की मांग कर रहा है
- राम लला विराजमान की तरफ से सी एस वैधनाथन ने बहस की शुरुआत की। सूत्र के मुताबिक, अयोध्या मामले में जस्टिस कलीफुल्ला, श्री श्री रविशंकर और श्रीराम पंचू का मध्यस्थता पैनल सुप्रीम कोर्ट में रिपोर्ट दाखिल कर सकते हैं। रामलला विराजमान की तरफ से कहा कि मुस्लिम पक्ष के पास ऐसे कोई सबूत नहीं है कि वो ये साबित कर सके कि जमीन पर उनका हक है। मुस्लिम पक्ष की तरफ से ये दावा किया गया कि वहां 22-23 दिसंबर तक नवाज हो रही थी।लेकिन 1934 तक शुक्रवार तक होती थी। रामलला विराजमान ने दावा किया 1934 तक ही विवादित स्थल पर नवाज हुई।
- चीफ जस्टिस ने कहा कि बहुत हुआ, यह मामला (सुनवाई) आज 5 बजे खत्म हो जाएगा। आज 40वें दिन की सुनवाई है।
- अयोध्या मामले पर सुप्रीम कोर्ट में 40वें और अंतिम दिन की सुनवाई चल रही है। मुख्य न्यायाधीश ने कहा कि सुनवाई आज शाम पांच बजे तक पूरी हो।
- महंत नृत्य गिपाल दास की सुरक्षा बढ़ाई गई
गौरतलब है कि सोमवार तक मुस्लिम पक्ष की दलीलें सुनी गईं और इसके बाद हिंदू पक्ष ने अपनी बात रखी। इससे पहले मुस्लिम पक्ष की तरफ से कहा गया था कि कोर्ट में सिर्फ उनसे ही सवाल पूछे जाते हैं। उन्होंने कहा था कि हिंदू पक्ष से सवाल क्यों नहीं किया जा रहा है। सुप्रीम कोर्ट में 38वें दिन की सुनवाई के दौरान धवन ने कहा था, 'माननीय न्यायाधीश ने दूसरे पक्ष से सवाल नहीं पूछे। सारे सवाल सिर्फ हमसे ही किये गये हैं। निश्चित ही हम उनका जवाब देंगे।'
सुनवाई के दौरान हिंदू पक्ष की तरफ से अपनी दलीलें रखते हुए सीनियर वकील के पराशरण ने कहा कि भगवान राम के जन्मस्थान का हिंदुओं के लिए काफी महत्व है। अयोध्या में कई मस्जिदें हैं, लेकिन जन्मस्थान को बदला नहीं जा सकता है। इस मामले को लेकर हिंदू पक्ष अब अपनी आखिरी दलीलें पेश कर रहा है। 16 अक्टूबर को सुनवाई खत्म होने के बाद सुप्रीम कोर्ट फैसले की तैयारी करेगा।
केस वापस लेना चाहता है वक्फ बोर्ड
इस बीच Sunni Central Waqf Board mediation panel के जरिए सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दाखिल किया गया है। जिसमें कहा गया है कि वक्फ बोर्ड अपना केस वापस लेना चाहती है। सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक वक्फ बोर्ड ने अपने वकीलों से सलाह लिए बिना ही मध्यस्थता पैनल के जरिए ये हलफनामा सुप्रीम कोर्ट में पेश किया है। मध्यस्थता कमेटी के जरिए सुप्रीम कोर्ट को ये बताया जा रहा है कि यूपी सुन्नी वक्फ बोर्ड इस बात पर राजी है कि अयोध्या में राम जन्मभूमि पर दावा छोड़ सकते है, पर कुछ शर्तों के साथ। सूत्रों के मुताबिक, समझौते के ख्वाहिशमंद मुस्लिम पक्षकारों का कहना है कि रामजन्मभूमि हिंदुओं को सौंप देने से भाईचारा भी बना रहेगा। लेकिन शर्त ये भी है कि देशभर में जिन 2000 से ज़्यादा ऐतिहासिक मस्जिदों को ASI ने अधिग्रहीत किया हुआ है, उनमें मुसलमानों को नमाज अदा करने की बिना शर्त इजाजत मिले। इसके अलावा हिन्दू पक्षकार अन्य मस्जिदों मसलन मथुरा, काशी, भोजशाला जैसी 200 से ज़्यादा मस्जिदों पर दावा छोड़ दें।
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