Agra News: 27 फरवरी से शुरू हुए मुगल बादशाह शाहजहां (Mughal Badshah Shahjahan) के उर्स का आज आखिरी दिन है. गु्स्ल की रस्म के साथ शुरू हुए 367 वें उर्स के मौके पर हजारों की तादाद में पर्यटकों ने ताज महल का दीदार किया. रविवार को ताज महल (Tajmahal) के तहखाने में गुस्ल की रस्म अदा की गई, जिसके बाद शाहजहां और मुमताज की असली क़ब्रों को आम पर्यटकों के लिए खोल दिया गया. ये कब्रें पूरे साल बंद रहती हैं. सिर्फ उर्स का ही वो मौका होता है वो जब शाहजहां और मुमताज की कब्रों को पर्यटकों के लिए खोला जाता है. रविवार को ताजमहल में संदल की रस्म अदा की गई. इस रस्म में दोनों कब्रों पर चंदन का लेप लगाया गया. 



ताज पर चढ़ाई 1381 मीटर की चादर पोशी 
शाहजहां उर्स के मौके पर हर साल ताज महल में चादर पोशी की जाती है. ये उर्स में सबसे बड़े आकर्षण का केंद्र होती है. इस बार चादर की लंबाई को और बढ़ाया गया है. इस साल ताज महल में 1381 मीटर की सतरंगी हिन्दुस्तानी कपड़े से बनी चादर चढ़ाई. ये चादर धार्मिक सद्भाव का प्रतीक होती है. चादर चढ़ाते वक्त सभी धर्मों के धर्म गुरु मौजूद रहते हैं. पिछली बार इस चादर की लंबाई 1331 मीटर थी, लेकिन इस बार चादर की लंबाई को बढ़ाया गया है. इस मौके पर हजारों की तादाद में कमेटी के लोग और पर्यटक मौजूद रहे, जिन्होंने चादर पोशी की रस्म को निभाया गया.

यूक्रेन में फंसे हुए भारतीयों के लिए मांगी गई दुआ
चादर पेशी के दौरान उर्स कमेटी के अध्यक्ष ताहिर उद्दीन ताहिर ने चादर पोशी से पहले यूक्रेन में फंसे भारतीय छात्रों के लिए दुआ मांगी और कहा कि जल्द सरकार यूक्रेन में फंसे सभी भारतीयों को सुरक्षित अपने वतन वापस लेकर आए.