Lata Mangeshkar: स्वर कोकिला भारत रत्न लता मंगेशकर के निधन के बाद पूरे देश में उनके चाहने वाले दुखी हैं. फिल्म इंडस्ट्री ही नहीं साहित्य में भी उनके साथ नजदीकी रखने वाले लोग लता मंगेशकर के निधन से बहुत दुखी हैं. अयोध्या राजघराने के राजकुमार साहित्यकार यतींद्र मिश्रा ने लता मंगेशकर पर लता सुर गाथा नाम की पुस्तक भी लिखी है. लता मंगेशकर के जीवन के हर पहलू इस पुस्तक में साहित्यकार यतींद्र मिश्रा ने शब्द माला में पिरोये हैं. काफी लंबे समय तक लता मंगेशकर के साथ रहने वाले अयोध्या राज परिवार के कुंवर यतीन्द्र मिश्रा ने एक लंबा समय लता मंगेशकर के साथ गुजारा. आज उनके निधन के बाद यतींद्र मिश्रा भी दुखी हैं और उन्होंने लता मंगेशकर के साथ गुजारे अपने पलों को साझा किया है.


सौभाग्य है कि उनपर किताब लिख सका-यतींद्र
अयोध्या राजघराने के राजकुमार यतींद्र मिश्रा ने कहा कि मेरे लिए यह सौभाग्य की बात है कि एक संगीत रसिक के तौर पर लता जी के जीवन में आया और उन पर किताब लिख सका. मुझे अक्सर यह लगता है कि मुझसे ज्यादा बड़े प्रशंसक उनके देश और विदेशों में फैले हुए हैं. जो चाह करके भी लता मंगेशकर से नहीं मुलाकात कर सके. यह मेरा सौभाग्य रहा कि मैं उनके प्रशंसकों के प्रतिनिधि के तौर पर उनके सम्मुख जा सका. अयोध्या राजघराने के राजकुमार यतींद्र मिश्रा ने भवुक होते हुए कहा कि मैं लता मंगेशकर का एक आम प्रशंसक हूं. 


क्षमता नहीं कि खासियत से रूबरू करा सकूं-यतींद्र
यतींद्र मिश्रा ने कहा कि, मेरे अंदर वह क्षमता नहीं है कि मैं लता मंगेशकर जी के खासियत को अपने हवाले से दुनिया को रूबरू करा सकूं. भाव विभोर होते हुए यतींद्र मिश्रा ने कहा कि आजाद भारत की सबसे बड़ी सांस्कृति की पहचान लता मंगेशकर ने देश की आजादी के साथ अपने कैरियर की शुरूआत की. हम आजादी की 75 वीं वर्षगांठ मना रहे हैं तो लता मंगेशकर के कैरियर के 75 वीं वर्षगांठ ये है. लता मंगेशकर के जीवन पर किताब लिख चुके यतींद्र मिश्रा ने कहा कि जब लता मंगेशकर ने अपना कैरियर हिंदी फिल्म इंडस्ट्रीज में शुरू किया था तब शरीफ घर की लड़कियों के लिए यह इज्जत की निगाह से नहीं देखा जाता था.


स्त्रियों की आकांक्षा को लता ने लगाया चार चांद-यतींद्र
यतींद्र ने कहा कि, लता जी ने यह सुनिश्चित किया कि मध्यमवर्ग की भी लड़कियां एक मुकाम बना सकती हैं. अपनी शर्तों पर जी सकती है. आजाद भारत में स्त्री की आकांक्षा को लता मंगेशकर ने चार चांद लगा दिए थे. यतीन्द्र मिश्रा ने कहा कि वे ऐसी गायिका थीं जिसने अपने गायन से देश के प्रथम प्रधानमंत्री की आंखों में आंसू ला दिए थे. ऐ मेरे वतन के लोगों अल्लाह तेरो नाम ईश्वर तेरो नाम, दुनिया में आए हैं तो जीना ही पड़ेगा जैसे गाने गाने लता मंगेशकर ही गा सकती हैं. 


हाजारो यतींद्र भी उनके बारे में नहीं बता सकते-यतींद्र
यतींद्र ने कहा, लता मंगेशकर गीत गाती हैं, जब मीराबाई के भजन गाती हैं, भीमसेन जोशी के साथ राम का गुणगान करिए, पायोजी मैंने राम रतन धन पायो जैसे भजन गाने वाली लता पर क्या कहें. ना भूतो ना भविष्यति, ना लता मंगेशकर जैसा कोई हुआ है और ना होगा. यह देश की अपूरणीय क्षति है. यतींद्र मिश्रा ने कहा कि हजारों यतींद्र मिश्र और सैकड़ों लता सुर गाथा मिलकर के भी लता मंगेशकर की खासियत के बारे में नहीं बता सकते. लता मंगेशकर की आवाज ही उनकी पहचान है और वही उनकी अमरता है. हम सौभाग्यशाली हैं कि उनके आशीर्वाद का एक छींटा हमें भी मिल सका है. 


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