UPSC Lateral Entry: यूपीएससी में लेटरल एंट्री को लेकर छिड़ी बहस के बीच केंद्र सरकार ने बड़ा कदम उठाया है. केंद्र ने इस लेटरल एंट्री के विज्ञापन पर रोक लगाने के लिए पत्र लिखा है. जिस पर समाजवादी पार्टी की पहली प्रतिक्रिया सामने आई है. सपा ने इसे अखिलेश यादव की जीत बताया और दावा किया कि अखिलेश यादव ही पीडीए के असली जननायक हैं.
सपा प्रवक्ता फखरुल हसन चांद ने लेटरल एंट्री के विज्ञापन पर रोक को लेकर लिखी चिट्ठी पर प्रतिक्रिया देते हुए एक्स पर लिखा- 'लेटरल एंट्री पर पीडीए नायक आदरणीय अखिलेश यादव जी के कड़े विरोध और आंदोलन की तारीखों के ऐलान के बाद खबर आ रही है कि सरकार विज्ञापन रद्द करने पे विचार कर रही है. ये जीत है पीडीए नायक आदरणीय अखिलेश यादव जी की ताक़त की.'
कार्मिक मंत्री ने UPSC को लिखी चिट्ठी
पिछले दिनों यूपीएससी की ओर से देश के 45 उच्च पदों पर सीधी भर्ती के लिए विज्ञापन निकाला गया था. केंद्र सरकार के इस फ़ैसले पर विपक्षी दलों की तीखी प्रतिक्रिया देखने को मिल रही थी, जिसके बाद सरकार को अपने फैसले से पीछे हटना पड़ा है. कार्मिक मंत्री ने इस विज्ञापन पर रोक के लिए यूपीएससी चेयरमैन को पत्र लिखा है. पीएम मोदी के निर्देश पर इस भर्ती पर रोक लगाई गई है.
अखिलेश यादव ने किया था आंदोलन का आह्वान
इससे पहले समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव इसका जबरदस्त विरोध किया था, अखिलेश यादव ने एक लंबा नोट लिखते हुए कहा- 'भाजपा अपनी विचारधारा के संगी-साथियों को पिछले दरवाजे से यूपीएससी के उच्च सरकारी पदों पर बैठाने की जो साजिश कर रही है, उसके खिलाफ एक देशव्यापी आंदोलन खड़ा करने का समय आ गया है.
ये तरीका आज के अधिकारियों के साथ, युवाओं के लिए भी वर्तमान और भविष्य में उच्च पदों पर जाने का रास्ता बंद कर देगा. आम लोग बाबू व चपरासी तक ही सीमित हो जाएंगे. अखिलेश यादव ने इसे पीडीए के आरक्षण के अधिकार पर हमला बताया और इसे आरक्षण को खत्म करने की साजिश बताते हुए सरकार से इस फैसले को तत्काल वापस लेने की मांग की और कहा कि ये देशहित में भी नहीं है.
अखिलेश यादव ने कहा था कि सरकार ने इसे वापस नहीं लिया तो 2 अक्टूबर से नया आंदोलन शुरू किया जाएगा. सरकारी तंत्र पर कॉरपोरेट के कब्जे को बर्दाश्त नहीं करेंगे. उन्होंने इसे देश के खिलाफ षड्यंत्र बताया.