भारी हंगामे के बीच लोकसभा में पेश हुआ तीन तलाक बिल, कांग्रेस ने किया विरोध
केंद्रीय कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने लोकसभा में तीन तलाक बिल पेश किया। कांग्रेस ने इस बिल का विरोध किया। दूसरी तरफ ओवैसी ने इस बिल को लेकर सरकार पर निशाना साधा।
नई दिल्ली, एबीपी गंगा। भारतीय जनता पार्टी के मुख्य एजेंडे में शामिल तीन तलाक बिल सरकार के वादे के मुताबिक आज लोकसभा में पेश कर दिया गया। केंद्र सरकार में कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने सदन में इस बिल को रखा। सदन में रखते ही बिल के विरोध में जमकर हंगामा हुआ। कांग्रेस ने बिल का विरोध किया। सांसद शशि थरूर ने तीन तलाक बिल के ड्राफ्ट पर कहा कि इस बिल से मुस्लिम महिलाओं के हितों की रक्षा नहीं होगी बल्कि उनकी दिक्कतों को और बढ़ाएगा। यही नहीं एआईएमआईएम सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने भी बिल का विरोध किया।
ओवैसी ने कहा कि ये संविधान के खिलाफ है। इसके तहत सिर्फ पुरुषों को सजा मिलेगी। सरकार पर निशाना साधते हुये उन्होंने कहा कि मुस्लिम महिलाओं के साथ ही सरकार की हमदर्दी क्यों है। ओवैसी ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने तीन तलाक बिल को असंवैधानिक बताया है।
क्या बोले रविशंकर प्रसाद इससे पहले बिल पेश करते हुए रविशंकर प्रसाद ने कहा कि पिछले साल दिसंबर में ये बिल लोकसभा से पारित किया, लेकिन राज्यसभा में लंबित था। चूंकि लोकसभा का कार्यकाल समाप्त हो गया तो नई लोकसभा में संविधान की प्रक्रिया के तहत नए सिरे से नया बिल लाए हैं। उन्होंने आगे कहा कि कानून पर बहस और उसकी व्याख्या अदालत में होती है, लोकसभा को अदालत मत बनाएं।
गौरतलब है कि लोकसभा की कार्यवाही का आज पांचवा दिन है। 17वीं लोकसभा के गठन के बाद मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल का यह पहला बिल है। सरकार ने पिछले कार्यकाल में इस बिल को लोकसभा में पेश किया था और यह पारित भी हो गया था लेकिन राज्यसभा में ये बिल पास नहीं हो पाया था। इस वजह से ये बिल निष्प्रभावी हो गया था। बतादें कि लोकसभा में किसी विधेयक के पारित हो जाने और राज्यसभा में उसके लंबित रहने की स्थिति में निचले सदन (लोकसभा) के भंग होने पर विधेयक निष्प्रभावी हो जाता है।
इससे पहले सरकार ने सितंबर 2018 और फरवरी 2019 में दो बार तीन तलाक पर अध्यादेश जारी किया था। क्योंकि यह बिल लोकसभा में पास होने के बाद यह राज्यसभा में लंबित था।