रायबरेली: मंजिल उन्हीं को मिलती है जिनके सपनों में जान होती है, पंख से कुछ नहीं होता हौसलों से उड़ान होती है. ये लाइनें आनंद मिश्रा उर्फ लेमन मैन पर सटीक बैठती हैं. आनंद लाखों का पैकेज छोड़ गांव आकर नींबू की बागवानी कर आत्मनिर्भरता की मिसाल पेश कर रहे हैं. खुद तो बागवानी में जुटे ही हैं साथ में देश के कोने-कोने से आ रहे किसानों को भी प्रोत्साहित करने का काम कर रहे हैं. रायबरेली मुख्यालय से 20 किलोमीटर दूर एक गांव कचनावा में आनंद मिश्रा ने एक ऐसी अलख जगाई कि दूरदराज से किसान पूछते-पूछते बाग तक पहुंच जाते हैं.
किसानों को भी देते हैं टिप्स
विकासखंड के कचनावा गांव के रहने वाले आनंद मिश्रा लेमन मैन के नाम से विख्यात हैं वो नींबू की बागवानी का काम बखूबी कर रहे हैं. नींबू की बागवानी से आनंद मिश्रा लाखों रुपए कमा रहे हैं साथ ही दूरदराज से आ रहे किसानों को भी टेक्निकल खेती के लिए प्रोत्साहित कर रहे हैं. इतना ही नहीं आनंद मिश्रा खुद नए पौधों को तैयार करने के लिए बाग में गूटी लगाने का काम करते नजर आते हैं. मजदूरों के साथ आनंद मिश्रा भी पेड़ पौधों की देखरेख और उनकी सुरक्षा की जिम्मेदारी संभालते हैं. लेकिन, इसके साथ ही जो बाहर से किसान बागवानी देखने या समझने आते हैं उनको भी लेमन मैन टिप्स देते हैं.
बागवानी से लाखों रुपये की कर रहे कमाई
नींबू के फलों से तो कमाई लेमन मैन कर ही रहे हैं साथ ही गूटी के जरिए नए पौधों को तैयार करके नींबू के पौधों को बेचने का भी काम आनंद मिश्रा कर रहे हैं. इस तरह एक ही फसल से दो तरह के लाभ का मजा आनंद ले रहे हैं. लेमनमैन नींबू की दो प्रजातियों पर विशेष ध्यान दे रहे हैं. कागदी की पहली वैरायटी जो बीज वाली होती है और दूसरी प्रजाति बिना बीज वाली है. इस प्रकार नींबू के बाग में दो तरह के नींबू पैदा हो रहे हैं एक बीज वाला तो दूसरा बिना बीज वाला.
अमरूद की बागवानी कर रहे हैं शुरू
नींबू की बागवानी के साथ-साथ आनंद अमरूद की भी बागवानी शुरू कर रहे हैं. अमरूद के पेड़ों के लिए उनका दावा है कि एक साल के बाद अमरूद फल देना शुरू कर देंगे, बस उनको उगाने और उनकी देखरेख की तकनीक अच्छी होनी चाहिए. आनंद मिश्रा प्रधानमंत्री के आत्मनिर्भर भारत बनाने में भी अपना योगदान बखूबी दे रहे हैं. दर्जनों मंचों से उनको सम्मान भी मिल चुके हैं.
एक ही फसल से ले रहे कई लाभ
आनंद मिश्रा उर्फ लेमन मैन आम के आम गुठलियों के दाम वाली कहावत भी चरितार्थ कर रहे हैं. नींबू की बागवानी से लाखों रुपए के आमदनी के साथ-साथ आनंद नींबू के पेड़ों की डालों में गूटी बनाकर दूसरा पौधा भी तैयार कर रहे हैं. जिसको भी 70 से 80 रुपए प्रति पौधा विक्रय कर धन अर्जित करने का काम कर रहे हैं. जिन डालों की छटाई कर अलग करना चाहिए उन्हीं डालों को नए पौधे का रूप देकर आनंद दूसरे किसानों को बागवानी करने के लिए प्रोत्साहित भी करते हैं.
क्या कहते हैं लेमन मैन
आनंद मिश्रा का कहना है की नींबू की बागवानी करके लाखों रुपए कमाए जा सकते हैं. वो कहते हें कि ''मैं खुद बागवानी में जुटा रहता हूं इनकी देखरेख करता हूं और दूरदराज से आ रहे किसान भाइयों को टिप्स देता हूं जिससे कि टेक्निकल खेती करके वो भी आत्मनिर्भर बन सकें और लाखों रुपए का धन उपार्जन भी कर सकें.''
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