बहराइच, एजेंसी। उत्तर प्रदेश के बहराइच जिले में कतर्निया घाट वन्यजीव अभयारण्य से सटे रिहायशी इलाके में तेंदुए के हमले में 8 साल की एक बच्ची की मौत हो गयी. प्रभागीय वन अधिकारी जीपी सिंह ने मंगलवार को बताया कि कतर्नियाघाट अभयारण्य के ककरहा रेंज अंतर्गत धोबियनपुरवा गांव में रहने वाले रफीक की बेटी रोशनी सोमवार रात करीब 10 बजे घर के बाहर निकली थी. तभी जंगल से आए तेंदुए ने उसे जबड़े में दबोच लिया और जंगल में ले जाने लगा.


अधिकारी ने बताया कि बच्ची के परिजन तथा अन्य ग्रामीणों ने शोर मचाया तो तेंदुआ बच्ची को छोड़कर जंगल में भाग गया लेकिन तब तक रोशनी की मौत हो चुकी थी. ग्रामीणों की सूचना पर पहुंची पुलिस व वन विभाग की टीम ने बच्ची के शव को पोस्टमार्टम के लिये भेजा है. विश्व प्रकृति निधि (डब्ल्यूडबल्यूएफ) ने प्रभावित परिजन को 10 हजार रुपये की तात्कालिक सहायता दी है.


जंगल से सटे इलाकों में तेंदुए के हमले बढ़ने के सवाल पर सिंह ने बताया कि लॉकडाउन में गांवों में लोगों की चहल-पहल कम होने के कारण भी जंगली जानवरों ने जंगल से गांव की ओर रुख किया है. उन्होंने बताया कि किसान गन्ने और मक्के की खेती कर रहे हैं जिससे जंगली जानवरों को खेतों में जंगल सा माहौल लगता है. गांवों में तेंदुए के भोजन के लिए कुत्ते और बकरी अपेक्षाकृत आसान शिकार होते हैं. गांवों या खेतों में घुसे तेंदुए के सामने जब कोई बच्चा या व्यक्ति अकेला आ जाता है तो तेंदुआ उसे शिकार बना लेता है. सिंह ने बताया कि, 'जंगल के नजदीक रह रहे ग्रामीणों को लगातार जागरुक किया जा रहा है कि शाम को घरों से न निकलें. दिन में भी जरूरी हो तो समूह में निकलें.



गौरतलब है कि, 4 जून को भी बहराइच वन प्रभाग में नानपारा वन रेंज के डल्लापुरवा गांव में तेंदुए ने तीन वर्षीय एक बच्चे को मार डाला था. उसी दिन एक दूसरी घटना में कतर्नियाघाट के पटहा गौढ़ी में तेंदुए ने हमला कर एक वन कर्मी तथा दो पुलिस कर्मियों सहित सात लोगों को घायल किया था. वन विभाग ने पिंजरा लगाकर तेंदुए को पकड़ा था.



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