Narendra Giri News: नरेंद्र गिरि मौत की जांच को लेकर हाईकोर्ट में याचिका दायर, जानिए क्या है मांग
Narendra Giri Death Probe News: नरेंद्र गिरि मौत की मामले में सीबीआई जांच की ज्यूडिशियल मॉनिटरिंग किये जाने की मांग की गई है. इसको लेकर इलाहाबाद हाईकोर्ट में याचिका दायर की गई है.
Letter Petition in Allahabad High Court: अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद (Akhil Bharatiya Akhara Parishad) के दिवंगत अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि (Mahant Nrendra Giri) की संदिग्ध मौत का मामला लगातार तूल पकड़ता जा रहा है. अब इलाहाबाद हाईकोर्ट में इस मामले में हो रही सीबीआई जांच की ज्यूडिशियल मॉनिटरिंग किये जाने की मांग को लेकर याचिका दायर की गई है. हाईकोर्ट की महिला वकील और सोशल एक्टिविस्ट सहर नकवी की तरफ से याचिका दाखिल कर तमाम दलीलें पेश की गई हैं. याचिका में सीबीआई जांच को हाईकोर्ट की निगरानी में कराने की अपील की गई है. लेटर पिटीशन को हाईकोर्ट के एक्टिंग चीफ जस्टिस और रजिस्ट्रार जनरल को ई मेल के जरिये भेजा जा चुका है. बता दें कि महंत नरेंद्र गिरि की संदिग्ध मौत की सीबीआई जांच शुरू होने के बाद हाईकोर्ट में दाखिल की गई किसी भी तरह की यह पहली अर्जी है.
सहर नकवी की दलील
वकील सहर नकवी ने अपनी याचिका में कहा है कि महंत नरेंद्र गिरि और उनके मठ व अखाड़े के दुनिया भर में लाखों की संख्या में अनुयायी थे. लाखों लोगों की आस्था महंत नरेंद्र गिरि के साथ जुड़ी हुई थी. महंत नरेंद्र गिरि का शव जिस तरह संदिग्ध हालत में पाया गया था और पुलिस के पहुंचने से पहले ही घटनास्थल पर छेड़छाड़ हुई थी, उससे तमाम सवाल खड़े हो रहे हैं. कई लोग इस मामले में आशंका जता रहे हैं. देश की सबसे बड़ी और भरोसेमंद कही जाने वाली जांच एजेंसी सीबीआई पर ज़्यादातर लोगों को भरोसा तो है, लेकिन कुछ लोगों के मन में जांच को लेकर आशंका भी है. कुछ लोग इस बात को लेकर आशंकित हैं कि सीबीआई किसी दबाव में आ सकती है या कुछ तथ्यों की अनदेखी कर जल्दबाजी व लापरवाही में जांच कर सकती है. ऐसे में सच सामने आ पाना और महंत की मौत के गुनहगार का राजफाश होने में मुश्किल हो सकती है.
महिला वकील ने अपनी पत्र याचिका में दलील दी है कि देश की जनता अदालतों पर सिर्फ भरोसा ही नहीं करती, बल्कि न्याय के मंदिरों से उसकी आस्था भी जुड़ी हुई है. कहा गया कि सीबीआई जांच का नतीजा जो भी आएगा, उस पर कुछ लोग यकीन नहीं कर पाएंगे और उस पर सवाल खड़े करेंगे. ऐसे में हाईकोर्ट अगर अपनी निगरानी में सीबीआई से जांच कराएगा तो और समय-समय पर उससे प्रोग्रेस रिपोर्ट मांगकर ज़रूरी दिशा-निर्देश देता रहेगा और जांच रिपोर्ट पर उंगली नहीं उठाएगा.
लेटर पिटीशन में यह भी कहा गया कि महंत नरेंद्र गिरि कोई साधारण व्यक्ति नहीं थे. उनके साथ आम जनमानस की भावनाएं भी जुडी हुई थीं. ऐसे में सीबीआई जांच की ज्यूडिशियल मॉनिटरिंग बेहद जरूरी है. हाईकोर्ट अगर इस मामले की जांच अपनी निगरानी में कराएगा तो वह ज्यादा पारदर्शी, वैज्ञानिक और विश्वसनीय तरीके से होगी. ऐसा होने पर लाखों सनातन धर्मी श्रद्धालुओं और दूसरे आस्थावान लोगों की भावनाओं को कोई ठेस नहीं पहुंचेगी.
सीबीआई और गृह विभाग को बनाया पक्षकार
इस लेटर पिटीशन में सीबीआई और यूपी सरकार के गृह विभाग को पक्षकार भी बनाया गया है. लेटर पिटीशन के ज़रिये हाईकोर्ट से इस पत्र याचिका को सुओ मोटो लेते हुए इसे पीआईएल मानकर उचित फैसला लिए जाने की अपील की गई है. वकील का दावा है कि यह पत्र याचिका उन्होंने तमाम श्रद्धालुओं व आम जनमानस की भावनाओं को ध्यान में रखकर हाईकोर्ट को भेजा है. पत्र याचिका यानी लेटर पिटीशन अगर मंज़ूर हुई तो हाईकोर्ट इस मामले में इसी हफ्ते कोई फैसला ले सकता है.
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