लखनऊ, संतोष कुमार शर्मा। कहते हैं आदमी गैरों से नहीं अपनों से हारता है। 7 दिन पहले राजधानी लखनऊ में सूडा डायरेक्टर उमेश प्रताप सिंह की पत्नी की गोली लगने से हुई मौत ऐसे ही तार-तार रिश्तों की कहानी का नतीजा है। कैसे परिवार की रंजिश को एक मौका मिलते ही आरोप-प्रत्यारोप का दौर शुरू हो जाता है अनीता सिंह की मौत के बाद उनके पति और चचेरे भाई के बीच शुरू हुई कानूनी जंग इसी का नतीजा है। अनीता सिंह की मौत में उनके चचेरे भाई हत्या की आशंका जताकर सीबीआई जांच की मांग तक कर डाली है।


1 सितंबर को लखनऊ के चिनहट थाना क्षेत्र के विकल्प खंड में रहने वाले सूडा डायरेक्टर और आईएस उमेश प्रताप सिंह की पत्नी अनीता सिंह की गोली लगने से मौत हो गई। घर में मौजूद बेटे और पति उमेश प्रताप सिंह ने इस मौत को आत्महत्या बताया। लेकिन इस मामले में मोड़ तब आया जब अनीता सिंह के चचेरे भाई और हाईकोर्ट के वकील राजीव सिंह ने चिनहट थाने में आईएस उमेश प्रताप सिंह पर हत्या का मुकदमा दर्ज करा दिया। चचेरे बहनोई उमेश प्रताप सिंह पर राजीव ने आरोप लगाया कि उनके कई महिलाओं से संबंध रहे और वह अनीता को प्रताड़ित करते थे।



बस यहीं से बड़े बड़े घरों में रहने वाले रसूखदार, ओहदेदार परिवारों के बीच टूटे रिश्तो की कहानी सड़क पर आ गई। उमेश प्रताप सिंह पर एफआईआर दर्ज होते ही उमेश प्रताप सिंह ने राजीव सिंह को भू-माफिया बता दिया। बतौर आईएएस की कई पोस्टिंग के दौरान राजीव सिंह के द्वारा गलत काम कराने की कोशिश का आरोप लगाया गया। उमेश प्रताप सिंह ने कहा कि जिस चचेरी बहन की हत्या का राजीव सिंह आरोप लगा रहे हैं उस बहन से कभी राखी नहीं बंधवाई, कभी वह घर नहीं आए और आज मौत के बाद सबसे करीबी हितैषी बनकर ब्लैकमेल करने की कोशिश कर रहे हैं।


राजीव सिंह और उमेश प्रताप सिंह के बीच अब लेटर वॉर चल रहा है। राजीव सिंह ने हत्याकांड का आरोप लगाकर भारत सरकार से लेकर उत्तर प्रदेश सरकार को तक आधा दर्जन पत्र लिखे हैं, तो वहीं उमेश प्रताप सिंह ने राजीव सिंह को भू-माफिया और ब्लैकमेलर बताकर उत्तर प्रदेश शासन से निष्पक्ष जांच और सुरक्षा की गुहार लगाई है। उमेश प्रताप सिंह ने राजीव सिंह को भू-माफिया बताया तो अब राजीव सिंह, उमेश प्रताप सिंह से जमीन हड़पने की एफआईआर की कॉपी मांग रहे हैं और उमेश प्रताप सिंह को भ्रष्ट अफसर बता रहे हैं।



शुक्रवार से शुरू हुआ यह लेटर वॉर का सिलसिला अभी भी जारी है। इस लेटर वॉर में अब तक राजीव सिंह की तरफ से प्रधानमंत्री मुख्यमंत्री तक पत्र लिखे जा चुके हैं। चिनहट थाने में हत्या की एफआईआर दर्ज कराई जा चुकी है। वहीं दूसरी ओर राजीव सिंह पर सवाल खड़े करते हुए उमेश प्रताप सिंह की तरफ से उत्तर प्रदेश शासन से लेकर एसएसपी लखनऊ तक चार पत्र लिखे जा चुके है। यानी तार तार हो चुके रिश्तो के बीच अब लेटरवॉर चल रहा है। वहीं दूसरी ओर पुलिस इस लेटरवॉर का सबब बने अनीता सिंह हत्याकांड से पर्दा हटाने के लिए फॉरेंसिक रिपोर्ट और क्राइम सीन रिक्रिएशन के नतीजों का इंतजार कर रही है।