(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
Uttarakhand: बरसाती नालों के उफान से लिंक मार्ग बंद हुए, गांव वालों की दिक्कतें बढ़ीं
उत्तराखंड में लगातार बारिश से नदी नाले उफान पर हैं. इसके चलते कई लिंक मार्ग बंद हो गये हैं. स्कूली बच्चे और स्थानीय लोगों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है.
Uttarakhand Rain: केदारघाटी क्षेत्र में लगातार हो रही मूसलाधार बारिश के कारण जनजीवन खासा प्रभावित हो गया है. एक ओर जहां मूसलाधार बारिश के कारण जिले के एक दर्जन से अधिक लिंक मार्ग बंद पड़े हैं, वहीं बरसाती गदेरों के उफान पर आने से ग्रामीण जनता के साथ ही स्कूली बच्चों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. बरसाती गदेरों में वाहनों का आवागमन करना भी मुश्किल हो रहा है, जिस कारण लोग मीलों पैदल चलने को मजबूर हैं.
लिंक मार्गों पर मलबा आने से लोगों को आ रही हैं दिकक्तें
बता दें कि, बरसाती मौसम में पहाड़ी जनपदों में जनजीवन खासा प्रभावित हो जाता है. बारिश के कारण लिंक मार्गों पर जगह-जगह मलबा आने के साथ ही बरसाती गदेरे उफान पर आ जाते हैं, जिससे ग्रामीणों को आवागमन में भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है. इसके अलावा पैदल संपर्क मार्ग, आवासीय भवनों को भी क्षति पहुंचती है. रुद्रप्रयाग जनपद के अन्तर्गत बारिश के कारण लोक निर्माण विभाग और प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना के तहत निर्मित सड़कों की बुरी स्थिति बनी हुई है. इन लिंक मार्गों पर सफर करना किसी खतरे से खाली नहीं रह गया है.
केदारनाथ त्रासदी में जान बचाने वाला मार्ग बदहाल
वर्ष 2013 की केदारनाथ त्रासदी में जीवनदायिनी बना गुप्तकाशी-बसुकेदार-जखोली मोटरमार्ग की हालत बारिश के कारण बदतर बनी हुई है. क्षेत्र की जनता जान हथेली पर रखकर आवाजाही करने को मजबूर है. इस मोटरमार्ग ने केदारनाथ त्रासदी के समय हजारों लोगों की जान बचाई थी, मगर आज तक इस मोटरमार्ग की हालत सुधारी नहीं गयी है. मोटरमार्ग पर जगह-जगह बरसाती गदेरे उफान पर आये हुए हैं, जिस कारण बसुकेदार तहसील जाने वाले लोगों को दिक्कतें हो रही हैं, जबकि स्कूली बच्चों को भी आवागमन करने में मुश्किल हो रही है. गदेरों में बड़े वाहन तो किसी तरह निकल रहे हैं, लेकिन दुपहिया वाहन जान हथेली पर रखकर सफर तय करने को मजबूर हैं. कभी-कभार दुपहिया वाहन गदेरों में फिसल भी रहे हैं. ग्रामीण भानु प्रकाश भट्ट, राजेश बिष्ट ने कहा कि जिस मोटरमार्ग ने केदारनाथ त्रासदी में लोगों की जान बचाई थी, आज उसकी स्थिति बद से बदतर बनी हुई है. शासन-प्रशासन से कई बार पत्राचार किया जा चुका है, मगर कोई सुनने वाला नहीं है. इस मोटरमार्ग से 40 ग्राम सभाएं जुड़ी हुई हैं, जहां की जनसंख्या 15 पन्द्रह के करीब है. बावजूद इसके सड़क की दुर्दशा नहीं सुधारी जा रही है.
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