इटावा: इटावा लॉन सफारी में अब खुले मैदान में दहाड़ने के लिए शेर तैयार हो रहे हैं. अब यहां लोगों का इंजतार खत्म होने वाला है. शरों को पर्यटकों के बीच सहज महसूस कराने के लिये ट्रनिंग शुरू की गई है. बाड़े से भरत, रूपा और सोना बाहर चहलकदमी करते दिखे. इस ट्रेनिंग का मकसद सुबह शेरों को सेल से छोड़ना एवं शाम को 4 बजे सेल में आना उनको इसका अभ्यस्त कराना इसका उद्देश्य है. गोरखपुर चिड़ियाघर खुलने के बाद ही इटावा लायन सफारी पार्क पर्यटकों के लिए शुरू किया जाएगा.


सफारी में शेर के बच्चों ने लिया जन्म


सूबे के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के ड्रीम प्रोजेक्ट माने जाने वाले लायन सफारी पार्क आये दिन बेहद सुर्खियों में रहती रही है. पूर्व में 2014-15 में सफारी पार्क में फैली कैनाइन डिस्टेम्पर की बीमारी से दर्जन भर शेरों की मौत से इटावा लायन सफारी पार्क को काफी बड़ा झटका लगा था. इटावा में लायन सफारी पार्क न खोले जाने तक की चर्चाएं शुरू हो गई थी, लेकिन धीरे धीरे सफारी पार्क प्रशासन ने कैनाइन डिस्टेम्पर बीमारी पर पकड़ बनाते हुए कड़ी मेहनत और लगन से बीमारी से लड़ाई लड़ी और उस पर जीत हासिल की और सफारी ब्रीडिंग सेंटर में शेरों के कई बच्चों ने जन्म भी लिया. अब पर्यटकों के लिए इसी माह से शेरों को दिखाने के लिए तैयारियां लगभग पूरी कर ली गई है.


सुरक्षित बस में बैठकर जाएंगे पर्यटक


300 हेक्टेयर के क्षेत्र में फैली इटावा सफारी में शेर खुले में चहलकदमी करते पर्यटकों को दिखेंगे और पर्यटक बन्द बसों और वहानों में बैठकर शेरों के दीदार करेंगे. सफारी पार्क को पिछले वर्ष खोला गया था, जिसमें डियर, बियर, ब्लैक बग, जैसे जानवर पर्यटकों को अब तक सफारी पार्क में देखने को मिलते हैं. विपक्षी नेताओं की माने तो, उनका कहना है कि गोरखपुर का चिड़ियाघर का उद्धघाटन होने के बाद ही इटावा लायन सफारी पार्क को सीएम योगी खुलने देंगे इससे पहले कोई उम्मीद नहीं है.


सफारी डायरेक्टर राजीव मिश्रा ने बताया कि शेरों को ट्रेनिंग दी जाने लगी है, जिससे कि पर्यटकों के बीच में शेर अपने आपको कठिनाई महसूस ना करें. भीड़भाड़ और शोर-शराबे के लिए अभ्यस्त किया जा रहा है.


मार्च में खोलने का प्लान


उन्होंने बताया कि, मार्च महीने में खोलने का पूरी तरह से प्लान बन चुका है, तैयारी पूरी कर ली गई हैं. शुरू में शेरों को ट्रेनिंग देने में दिक्कत हुई थी कि सुबह छोड़ दिया जाता था शाम को 4:00 बजे वह वापस नहीं आ पाते थे, रास्ता भूल जाते थे. लेकिन अब पूरी तरह से अभ्यस्त हो गए हैं. हम लोग उनके बीच से गाड़ियां भी निकाल कर ड्राई रन के तौर पर ले जाते हैं. शेर पूरी तरह से स्वस्थ हैं.


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