लखनऊ: नई आबकारी नीति बनाने के दूसरे दिन उत्तर प्रदेश के मुख्‍यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सोमवार को संकेत दिया कि वह राज्य में शराब पर प्रतिबंध लगाने के पक्ष में नहीं हैं. बहरहाल, उन्होंने यह स्पष्ट कर दिया कि उनकी सरकार उत्तर प्रदेश के हित में सभी कदम उठाएगी. नई आबकारी नीति के अनुसार उत्‍तर प्रदेश में प्रति व्‍यक्ति या एक घर में महज छह लीटर शराब ही रखी जा सकेगी. अगर इससे अधिक मात्रा में शराब रखनी है तो आबकारी विभाग से लाइसेंस लेना होगा.


मुख्‍यमंत्री ने पत्रकारों से कहा कि इस कदम से शराब की तस्‍करी पर रोक लगेगी और यह राज्‍य के हित में हैं. यह पूछे जाने पर कि क्‍या राज्‍य सरकार की उत्तर प्रदेश को शराब मुक्‍त बनाने की योजना है, उन्‍होंने कहा कि ''हम जबरन कुछ नहीं कर सकते लेकिन राज्‍य के हित के लिए जो भी होगा हम वह कदम उठाएंगे.'' उल्‍लेखनीय है कि पड़ोसी राज्‍य बिहार और गुजरात में भी शराब की बिक्री पर प्रतिबंध है.


अलग-अलग राज्यों में नहीं बंटेगा यूपी


मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने यूपी के विभाजन के कयासों पर भी विराम लगाया है. सीएम योगी ने साफ कर दिया कि यूपी के अलग-अलग हिस्से नहीं होंगे. योगी ने सोमवार को एक कार्यक्रम में कहा, "हम एकजुटता में भरोसा रखते हैं, विभाजन में नहीं."


गौरतलब है कि पिछले काफी समय से यूपी को अलग-अलग राज्यों में विभाजित करने की मांग उठती रही है. साल 2000 में यूपी का बंटवारा कर उत्तराखंड राज्य बनाया गया था. इसके बाद भी यूपी के कुछ और हिस्से करने की मांग होती रही है.


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