आखिर लॉक डाउन में शराब की तस्करी के पीछे कौन है....उत्तराखंड से आये आंकड़े गड़बड़ी की दे रहे हैं गवाही
उत्तराखंड में लॉक डाउन है लेकिन शराब की तस्करी के मामले लगातार बढ़ रहे हैं। आबकारी विभाग तक कह रहा है कि शराब की पूर्ण बंदी है...लेकिन पुलिस द्वारा की गई कार्रवाई कुछ और कह रही है
देहरादून, रवि कैंतुरा। भले ही उत्तराखंड में लॉक डाउन के दौरान सब कुछ बंद है लेकिन शराब के तस्कर लॉकडाउन में सक्रिय हैं। लॉक डाउन के बाद एक महीने में प्रदेश में पुलिस एक करोड़ से ज्यादा की शराब पकड़ चुकी है, जिसमें 566 लोगों की गिरफ्तारी हो चुकी है। गौरतलब है कि राज्य में शराब की दुकानें ही नहीं बल्कि शराब के सभी गोदाम भी पूर्ण रूप से सील किये गये हैं, अब सवाल ये उठना लाज़मी है कि जब शराब का कारोबार लॉक डाउन है तो शराब की तस्करी हो कहां से रही है।
उत्तराखंड में 22 मार्च के बाद से लॉकडाउन चल रहा है, लेकिन शराब तस्करी के ये आंकड़े तस्दीक करते हैं कि भले ही अन्य चीज़ें बंद हैं लेकिन अवैध शराब का कारोबार सक्रिय है। लॉक डाउन में खूब शराब बेची जा रही है, शराब के ठेकों पर सील लगी हुई है, गोदाम बंद हैं लेकिन ये चौंकाने वाली बात है कि पकड़ी गई शराब बाहरी राज्यों से भी आई और उत्तराखंड मार्क की भी है, यानी की कहीं ना कहीं दाल में कुछ काला ज़रूर है। हालांकि पुलिस ने सख़्ती के साथ ऐसे 496 मुक़दमें दर्ज किये और 566 लोगों को गिरफ्तार भी, वहीं शराब तस्करी के 120 वाहन भी सीज किये गये हैं।
डीजी लॉ एंड ऑर्डर अशोक कुमार का कहना है कि राज्य के सभी 13 जनपदों में अवैध शराब पकड़ी गई है और अभी तक 1 करोड़ से भी ज्यादा की अवैध शराब को पुलिस जब्त कर चुकी है। साथ ही लगातार कार्रवाई भी की जा रही है।
प्रदेश में अवैध शराब के तस्करों को लॉक डाउन से कोई फर्क नहीं है, ये बात आंकड़े और पुलिस की कार्रवाई साफ तौर पर दर्शाती है। पुलिस तो कार्रवाई कर रही है। जब शराब का पूरा कारोबार बंद किया गया है तो ये अवैध शराब कहां और कैसे लाई जा रही है। ये बात आबकारी विभाग पर एक बड़ा सवाल ज़रूर खड़ा करती है। आबाकारी आयुक्त सुशील कुमार का कहना है कि अवैध शराब के खिलाफ अभियान लॉकडाउन होने से पहले से ही चलाया जा रहा है, गांव देहात क्षेत्रों में भी कच्ची शराब के बनाने पर कार्रवाई की गई है और ये अभियान निरंतर चलता रहेगा। आबकारी आयुक्त ने ये भी कहा कि प्रदेश में शराब की दुकानें ही नहीं बल्कि गोदाम भी सभी पूरी तरह से बंद हैं।
अब गौर करने वाली बात ये है कि आबकारी आयुक्त ये बता रहे हैं कि राज्य में शराब का कारोबार पूरी तरह से बंद है और शराब तस्करों पर कार्रवाई की जा रही है,, लेकिन यहां सवाल ये है कि जब सब बंद है तो शराब के तस्कर शराब आखिर ला कहां से रहे हैं। यानी कि बिना किसी संलिप्तता के शराब की तस्करी कैसे हो सकती है, और लगातार राज्य में पकड़ी जा रही शराब की खेप के ठिकानों तक क्यों आबकारी की नज़र नहीं पहुंच पा रही है।