प्रयागराज. माफिया मुख्तार अंसारी का इनामी गुर्गा बताकर एनकाउंटर को अंजाम देने वाली एसटीएफ की मुश्किलें बढ़ सकती हैं. इस मामले में इलाहाबाद हाईकोर्ट ने राज्य सरकार से जवाब मांगा है. आपको बता दें कि राकेश पांडेय उर्फ हनुमान को मुठभेड़ में मार गिराया गया था. इलाहाबाद हाईकोर्ट में अब इसे लेकर याचिका दाखिल की गई है. कोर्ट ने एसटीएफ लखनऊ के एएसपी राजेश कुमार सिंह व डीएसपी शैलेश को नोटिस जारी किया है. याचिका में इन दोनों अधिकारियों पर अस्पताल में भर्ती याची के पति राकेश पांडेय की फर्जी मुठभेड़ में हत्या करने का आरोप लगाया गया है.


निर्दोष था राकेश पांडेय


यह आदेश न्यायमूर्ति पंकज नकवी और न्यायमूर्ति विवेक अग्रवाल की खंडपीठ ने सरोज लता पांडेय की याचिका पर दिया है. याची का कहना है कि उसके पति विधायक कृष्णानंदराय केस में सीबीआई कोर्ट से बरी हो चुके हैं. कोतवाली मऊ केस मे भी बरी कर दिया गया है. थाना कोपागंज मऊ व थाना इंडस्ट्रियल एरिया प्रयागराज में दर्ज एफआईआर में नाम नहीं है. विवेचनाधिकारी ने उन्हें पूछताछ के लिए कभी नहीं बुलाया. जिन मुकदमों का ट्रायल चल रहा है ,उनमे जमानत पर हैं.


मनगढ़ंत दर्ज की FIR


याची का कहना है कि एसटीएफ ने लखनऊ अस्पताल से रात में उठा लिया और सरोजनी नगर एरिया में मुठभेड़ दिखाकर मार डाला गया. याची ने डीएसपी को मुख्तार अंसारी के इशारे पर काम करने का आरोप लगाया है. वह जौनपुर निवासी है. चंदौली में भी जमीन है और वाराणसी में इंस्पेक्टर थे. यहीं पर सीओ के रूप में वर्षों से जमे हुए हैं. याची के पति के खिलाफ सरोजनी नगर मे एसटीएफ की एफआईआर मनगढंत है. फर्जी मुठभेड़ को कवर करने के लिए दर्ज कराई गई है. याचिका की अगली सुनवाई जनवरी 18 नवंबर को होगी.


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