Uttarakhand Glacier Collapse LIVE: ITBP ने टनल से 25 लोगों को बाहर निकाला, करीब 30 लोगों के फंसे होने की आशंका, रातभर चलेगा ऑपरेशन

Uttarakhand Joshimath Glacier Collapse LIVE Updates: जोशीमठ से करीब 25 किलोमीटर दूर पैंग गांव के ऊपर बहुत बड़ा ग्लेशियर फटा. जिसके चलते धौली नदी में बाढ़ आ गई. इसके बाद हिमस्खलन हुआ और ग्लेशियर की बाढ़ के चलते ऋषि गंगा पावर प्रोजेक्ट को बड़ा नुकसान हुआ.

एबीपी न्यूज़ Last Updated: 07 Feb 2021 11:01 PM
उत्तराखंड SDRF की ओर से दी गई जानकारी के मुताबिक अब तक सात शव बरामद किए गए हैं. इसके अलावा लगभग 170 लोग लापता हो गए. इनमें 22 ऋषिगंगा से और 148 एनटीपीसी से हैं. वहीं 6 लोग घायल है.
अमेरिकी विदेश विभाग ने कहा है कि भारत में ग्लेशियर के फटने और भूस्खलन से प्रभावित लोगों के प्रति हमारी गहरी संवेदना है. मृतक के परिवार और दोस्तों के साथ हमारी सांत्वना है और घायलों के जल्द ठीक होने की कामना है.
उत्तराखंड में ग्लेशियर टूटने की घटना पर आईजी, एनडीआरएफ ने कहा कि विभिन्न एंजेसियां काम कर रही हैं. हम कोशिश कर रहे हैं कि फंसे हुए लोगों को सुरक्षित निकाला जा सके. जो लोग सुरंग के बाहर फंसे थे उन्हें ITBP के जरिए सुरक्षित निकाला गया है. जो लोग सुरंग के अंदर फंसे हैं उन्हें बचाने का कार्य जारी है.
उत्तराखंड में तबाही के बाद से अब तक 25 लोगों का रेस्क्यू किया जा चुका है. इनमें तपोवन से 12 लोगों को बचाया गया है. वहीं रेणी से 13 लोगों का रेस्क्यू किया गया है.
गोवा के मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत ने कहा कि उत्तराखंड में तपोवन में ग्लेशियर के टूटने की घटना पर मैं दुख व्यक्त करता हूं. प्रधानमंत्री मोदी, गृह मंत्री अमित शाह स्थिति का लगातार जायजा ले रहे हैं. रेस्क्यू ऑपरेशन वहां चल रहा है.
फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने कहा है कि उत्तराखंड में ग्लेशियर फटने के बाद फ्रांस ने भारत के साथ पूरी एकजुटता व्यक्त की है. इसमें 100 से ज्यादा लोग लापता हो गए हैं. हमारे विचार उनके और उनके परिवारों के साथ हैं.
रक्षा मंत्रालय ने कहा है कि राहत एंव बचाव कार्य में भारतीय सशस्त्र बल जुट गए हैं. जोशीमठ में कंट्रोल रूम स्थापित किया गया है.
BJP नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा कि उत्तराखंड में ग्लेशियर टूटने की घटना दुखद है. पूरा देश इस दुख की घड़ी में उत्तराखंड के लोगों के साथ है. केंद्र और राज्य सरकार आपस में मिलकर जो भी सहायता कर सकते हैं वह करने की कोशिश कर रहे हैं. मेरी श्रद्धांजली सभी दिवंगत आत्माओं के साथ है.
उत्तराखंड ग्लेशियर हादसे में ITBP ने तपोवन टनल में फंसे 15 लोगों को बाहर निकाला है. 250 मीटर लंबी सुरंग में बचाव कार्य अभी भी जारी है. उत्तराखंड के सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा, सवा सौ से ज्यादा लोग लापता, केंद्र ने दिया हर मुमकिन मदद का भरोसा.
उत्तराखंड में ग्लेशियर टूटने की घटना पर CM त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा, घटना में जिन लोगों की मृत्यु हुई है, उन सभी को 4-4 लाख रुपये का मुआवजा राज्य सरकार देगी.
त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा, हमने वहां का हवाई सर्वे किया, इसके बाद रेणी गांव जहां तक जाया जा सकता है, वहां तक रोड से जाकर जायजा लिया.
उत्तराखंड के सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा, ITBP के जवान रस्सी से सुरंग के अंदर पहुंचे. अभी 1 घंटे पहले तक वो लगभग 150 मीटर अंदर तक पहुंच पाए थे. ये सुरंग लगभग 250 मीटर लंबी है. उन्होंने कहा कि हमारी सेना के लोग वहां पहुंच गए हैं. NDRF की एक टीम दिल्ली से यहां पहुंची है. मेडिकल सुविधा की दृष्टि से वहां सेना के, पैरामिलिट्री फोर्सेज के और हमारे राज्य के डॉक्टर के वहां कैंप किए गए हैं.
कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी ने कहा कि वह उत्तराखंड में हुई प्राकृतिक आपदा से चिंतित हैं, जिसमें कई लोगों की मौत हो गई है. सोनिया गांधी ने एक बयान में कहा, "उत्तराखंड में 'ग्लेशियर टूटने', बाढ़ और विनाश की परेशान करने वाली खबरों के बारे जानकर चिंतित हूं." उन्होंने कहा, "मैं लोगों की सुरक्षा के लिए प्रार्थना करती हूं और कांग्रेस कार्यकर्ताओं और स्वयंसेवकों से अनुरोध करती हूं कि वे लोगों और अधिकारियों को राहत और बचाव के प्रयासों में मदद करें. भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस उत्तराखंड के लोगों के साथ इस दुखद और संकट की घड़ी में खड़ा है."
तपोवन के टनल में 25 से ज्यादा मजदूर फंसे हैं. लोगों को निकालने का काम जारी है. जेसीबी मशीनों से मलबा साफ किया जा रहा है. चमोली हादसे की तस्वीरें साफ बता रही हैं कि हादसा कितना भयावह है.
उत्तराखंड में ग्लेशियर फटने से भारी तबाही हुई है. दो NTPC प्रोजेक्ट को नुकसान है. इस घटना में डेढ़ सौ लोगों के लापता होने की आशंका है और अबतक 10 शव बरामद किए गए हैं. इस बीच रेस्क्यू में जुटे ITBP के जवानों ने तपोवन की टनल में फंसे लोगों को निकाला है. मौत से जंग जीतकर वापस आए लोग इस दौरान काफी खुश नजर आए. जैसे ही लोगों को टनल से बाहर निकाल गया उनके चेहरे पर मुस्कान दिखने लगी.
सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा, मैं अभी-अभी रेणी गांव की स्थिति की समीक्षा करने के बाद देहरादून वापस पहुंचा हूं. आपदा प्रबंधन टीम एवं सेना और आईटीबीपी के अधिकारियों से मीटिंग के पश्चात, मैं शीघ्र ही प्रेस से मिलूंगा और स्थिति पर सभी को अपडेट करूंगा.
उत्तराखंड के लिए विशेष रूप से जारी किए गए मौसम परामर्श में कहा गया कि सात और आठ फरवरी को बारिश और बर्फबारी की कोई आशंका नहीं है. परामर्श के मुताबिक, चमोली जिले के उत्तरी हिस्से में नौ और 10 फरवरी को हल्की बारिश या बर्फबारी का पूर्वानुमान है.
भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) का कहना है कि उत्तराखंड के चमोली, तपोवन और जोशीमठ में सात और आठ फरवरी को प्रतिकूल मौसम की कोई आशंका नहीं है. ऐसे में यह हिमखंड टूटने से प्रभावित हुए क्षेत्रों के लिए यह काफी राहत की बात है. आईएमडी के अतिरिक्त महानिदेशक आनंद शर्मा ने कहा कि इन दोनों दिनों में चमोली, तपोवन और जोशीमठ में शुष्क मौसम रहने का अनुमान है.
उत्तर प्रदेश के CM योगी आदित्यनाथ ने कहा, उत्तराखंड में ग्लेशियर टूटने से भीषण त्रासदी हुई है. पीड़ित परिवारों के प्रति हमारी संवेदना है. अलकनंदा गंगा की सहायक नदी है और उत्तर प्रदेश के अंदर गंगा लगभग 1,000 किलोमीटर का रास्ता तय करती है. हमने अपने जल शक्ति विभाग को अलर्ट कर दिया है.
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने उत्तराखंड आपदा के संदर्भ में वहां के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत से टेलीफोन पर बातचीत की और वस्तुस्थिति की जानकारी ली. नीतीश और रावत के बीच जिस वक्त बातचीत हुयी उस समय उत्तराखंड के मुख्यमंत्री घटनास्थल पर ही मौजूद थे. बिहार के मुख्यमंत्री ने रावत से कहा, ''मुझे उम्मीद है कि आप जल्द ही स्थिति पर नियंत्रण पाने में सफल होंगे और उत्तराखण्ड इस त्रासदी से शीघ्र उबर जायेगा. आपदा की इस घड़ी में हमलोग आपके साथ हैं.''
पीएम मोदी ने कहा, मैं उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत, देश के गृहमंत्री अमित शाह जी, NDRF के अफसरों के निरंतर संपर्क में हूं. वहां पर राहत और बचाव का कार्य चल रहा है. लोगों को सुरक्षित स्थानों पर ले जाया जा रहा है. उन्होंने कहा, आज हम मां गंगा के एक छोर पर हैं, लेकिन जो मां गंगा का उद्गम स्थल है, वो राज्य उत्तराखंड इस समय आपदा का सामना कर रहा है. एक ग्लेशियर टूटने की वजह से वहां नदी का जलस्तर बढ़ गया है. नुकसान की खबर है. उत्तराखंड में ऐसे परिवार मुश्किल से मिलते हैं जिनका कोई न कोई सदस्य फौज में न हो. यानि वहां के लोगों का हौसला, किसी भी आपदा को मात दे सकता है. उत्तराखंड के साहसी लोग के लिए मैं प्रार्थना कर रहा हूं, बंगाल प्रार्थना कर रहा है, देश प्रार्थना कर रहा है.
डीजी ITBP सुरजीत सिंह देसवाल ने कहा, ऋषिकेश से 13-14 किलोमीटर की दूरी पर तपोवन डैम है, जहां पर पानी इकट्ठा हुआ है. तपोवन डैम के सुरंग में काम चल रहा था जिसमें 20-25 लोग फंसे हुए हैं. ITBP की टीम वहां बचाव कार्य कर फंसे हुए लोगों को बचाने का काम कर रही है.
उत्तराखंड के डीजीपी ने कहा, श्रीनगर से अब नदी का बहाव सामान्य हो गया है. देवप्रयाग और निचले इलाक़ों के लोगों के लिए अब ख़तरे की बात नहीं है. पुलिस राहत बचाव तेज़ी से कर रही है.
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने कहा, उत्तराखंड के जोशीमठ के पास ग्लेशियर टूटने से उस क्षेत्र में हुए भारी नुकसान के समाचारों से बहुत चिंता हुई है. मैं लोगों की सुरक्षा और सेहत के लिए प्रार्थना करता हूं. मुझे विश्वास है कि मौके पर राहत एवं बचाव कार्य पूरी तैयारी से चलाए जा रहे हैं.
मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा कि नदी के बहाव में कमी आई है जो राहत की बात है और हालात पर लगातार नजर रखी जा रही है. रावत ने ट्वीट किया, ''मैंने अपने सभी कार्यक्रमों को रद्द कर दिया है और स्थिति का सीधे तौर जायजा लेने के लिए प्रभावित क्षेत्र में पहुंच गया हूं. सरकार के सभी स्तरों पर चमोली जिला प्रशासन की मदद की जा रही है. घबराने की कोई बात नहीं है. मैं सभी से अफवाहों पर यकीन नहीं करने की अपील करता हूं.''
आईटीबीपी के प्रवक्ता विवेक कुमार पांडे ने दिल्ली में कहा, तपोवन के परियोजना स्थल प्रभारी तथा स्थानीय प्रशासन के मुताबिक बैराज पर काम कर रहे 100 से ज्यादा लोगों और एक सुरंग में काम कर रहे 50 से अधिक लोगों के मारे जाने या लापता होने की आशंका है. उन्होंने बताया कि अभी बचाव काम में आईटीबीपी के 250 से अधिक जवान लगे हैं. पांडे ने कहा कि सुरंग में करीब 16-17 श्रमिक सुरक्षित हैं और उन्हें बचाने के लिए बचाव दल मलबा हटा रहे हैं.
उत्तराखंड के चमोली जिले की ऋषिगंगा घाटी में रविवार को हिमखंड के टूटने से अलकनंदा और इसकी सहायक नदियों में अचानक आई विकराल बाढ़ के कारण हिमालय की ऊंचाई वाले क्षेत्रों में भारी तबाही मची है. ग्लेशियर फटने से अबतक 10 लोगों की मौत हो गई है. 150 लोगों के लापता होने की आशंका है.
कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने उत्तराखंड के चमोली में हिमखंड टूटने के कारण अचानक आई बाढ़ की स्थिति पर दुख व्यक्त किया और कहा कि राज्य सरकार सभी पीड़ितों को तुरंत सहायता मुहैया कराये और कांग्रेस कार्यकर्ता भी राहत कार्य में हाथ बटाएं. राहुल गांधी ने ट्वीट किया, ''चमोली में ग्लेशियर फटने से बाढ़ त्रासदी बेहद दुखद है. मेरी संवेदनाएँ उत्तराखंड की जनता के साथ हैं.'' उन्होंने कहा, ''राज्य सरकार सभी पीड़ितों को तुरंत सहायता दे. कांग्रेस साथी भी राहत कार्य में हाथ बटाएँ.''
उत्तराखंड के डीजीपी अशोक कुमार ने बताया कि तपोवन बांध में फंसे 16 लोगों को पुलिस ने सुरक्षित स्थानों पर भेजा है.
उत्तराखंड की राज्यपाल बेबी रानी मौर्य ने रविवार को राज्य में आई आपदा को लेकर मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत से बात की और स्थिति का जायजा लिया. राज्यपाल ने अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल पर कहा, ''चमोली में प्राकृतिक आपदा और नदी का जल स्तर तेज़ी से बढ़ने की सूचना पर मैंने मुख्यमंत्री श्री त्रिवेंद्र सिंह रावत से बात की है. वरिष्ठ अधिकारियों के निरंतर संपर्क में हूं. राहत बचाव कार्य प्रारम्भ कर दिया गया है. मैं घटना में प्रभावित लोगों की कुशलता की ईश्वर से प्रार्थना करती हूं.''
आईटीबीपी के प्रवक्ता ने उत्तराखंड हादसे पर कहा, तपोवन एनटीपीसी ऊर्जा संयंत्र के परियोजना स्थल प्रभारी के मुताबिक 150 से अधिक श्रमिकों की मौत की आशंका है, अब तक तीन शव मिले हैं.
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने जोशीमठ के तपोवन इलाके में सेना और आईटीबीपी के जवानों से ग्लेशियर टूटने से हुए नुकसान की जानकारी ली.
भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा ने कहा, उत्तराखंड के चमोली ज़िले में अकस्मात ग्लेशियर टूटने से उत्पन्न परिस्थितियों को लेकर प्रशासन सजग है. मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत खुद राहत और बचाव कार्य देख रहे हैं.
Chamoli Glacier Burst: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उत्तराखंड के चमोली में ग्लेशियर टूटने की घटना पर वहां के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत से बात की. मुख्यमंत्री ने पूरी घटना की जानकारी उन्हें देते हुए बताया कि तेजी से राहत एवं बचाव कार्य चल रहा है. प्रधानमंत्री मोदी को असम दौरे के दौरान उत्तराखंड में ग्लेशियर हादसे की जानकारी हुई. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्वीट कर कहा, उत्तराखंड में दुर्भाग्यपूर्ण स्थिति की हम लगातार निगरानी कर रहे हैं. पूरा देश, उत्तराखंड के साथ खड़ा है और सभी की सुरक्षा के लिए प्रार्थना करता है. वरिष्ठ अधिकारियों से लगातार बात करते हुए एनडीआरएफ की तैनाती और राहत एवं बचाव कार्यों का अपडेट प्राप्त कर रहे हैं.
Dhauliganga Flood Live News: उत्तराखंड के मुख्य सचिव ने कहा, NDRF रवाना हो चुकी है. ITBP के जवान वहां पहुंच चुके हैं. हमारी SDRF की टीम भी वहा पहुंच चुकी है. सारे जगह रेड अलर्ट हो चुका है. 100-150 के बीच जनहानि हो सकती है.
Chamoli Glacier Burst News: गृह मंत्री अमित शाह ने बताया, NDRF की 3 टीमें वहां पहुंच गई हैं, बाकी टीमें दिल्ली से रवाना होने के लिए तैयार हैं. मेरी मुख्यमंत्री से बात हुई वो रास्ते में हैं. वायुसेना को बचाव कार्य में लगाने की पूरी तैयार कर ली है. हादसे के लिए जितनी मदद की जरूरत है वो मदद केंद्र सरकार उत्तराखंड सरकार को देगी.
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री ने कहा, ग्लेशियर फटने से वहां बन रहे बांध को क्षति पहुंची है. मानवक्षति के बारे में अभी अधिकृत तौर पर कुछ नहीं कहा जा सकता है. पानी की तीव्रता चमोली तक आते-आते काफी कम हो गई है. गृह सचिव से मेरी बात हो गई है.
Glacier Collapses in Reni Village in Joshimath: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा, देवभूमि उत्तराखंड में उत्पन्न हुई प्राकृतिक आपदा से निपटने के लिए उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा हर संभव सहायता प्रदान की जाएगी.
प्रधानमंत्री ने कहा, मैं उत्तराखंड की दुर्भाग्यपूर्ण स्थिति पर लगातार निगरानी रख रहा हूं. भारत उत्तराखंड के साथ खड़ा है और राष्ट्र सभी की सुरक्षा के लिए प्रार्थना करता है. वरिष्ठ अधिकारियों से लगातार बात कर रहा हूं और एनडीआरएफ की तैनाती, बचाव और राहत कार्यों पर अपडेट ले रहा हूं.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत और अन्य वरिष्ठ अधिकारियों से बात की. उन्होंने बचाव और राहत कार्य का जायज़ा लिया. अधिकारी प्रभावित लोगों को हर संभव मदद प्रदान करने के लिए काम कर रहे हैं.
अचानक बांध टूटने की वजह से प्रोजेक्ट में काम कर रहे 150 लोगों के लापता होने की खबर है. अब तक दो शव बरामद किए गए हैं. जोशीमठ और तपोवन के इलाके में घरों को खाली कराया जा रहा है.
उत्तराखंड त्रासदी के बाद चमोली से लेकर हरिद्वार तक अलर्ट जारी किया गया है. गंगा और सहायक नदियों के किनारे के रास्ते बंद किए गए हैं. गंगा के किनारे के सभी कैंप खाली कराए जा रहे हैं. जोशीमठ और तपोवन के इलाके में घरों को खाली कराया जा रहा है.
Chamoli Glacier Burst Live: उत्तराखंड के मुख्य सचिव ओम प्रकाश ने बताया है कि चमोली ज़िले में बाढ़ से 100-150 लोगों के हताहत होने की आशंका है.
गृह मंत्री अमित शाह ने ट्वीट किया, उत्तराखंड में प्राकृतिक आपदा की सूचना के सम्बंध में मैंने मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत, DG ITBP व DG NDRF से बात की है. सभी सम्बंधित अधिकारी लोगों को सुरक्षित करने में युद्धस्तर पर काम कर रहे हैं. NDRF की टीमें बचाव कार्य के लिए निकल गयी हैं. देवभूमि को हर सम्भव मदद दी जाएगी.
सीएम रावत ने ट्वीट किया, राहत की खबर ये है कि नंदप्रयाग से आगे अलकनंदा नदी का बहाव सामान्य हो गया है. नदी का जलस्तर सामान्य से अब 1 मीटर ऊपर है लेकिन बहाव कम होता जा रहा है. राज्य के मुख्य सचिव, आपदा सचिव, पुलिस अधिकारी एवं मेरी समस्त टीम आपदा कंट्रोल रूम में स्थिति पर लगातार नज़र रख रही है.
ऋषिगंगा पनबिजली परियोजना पर काम करने वाले कई मजदूरों के लापता होने की आशंका जताई जा रही है. अधिकारी ने बताया कि उत्तराखंड की धौली गंगा नदी में भयंकर बाढ़ आने के बाद से बिजली परियोजना में कार्यरत करीब 150 कर्मचारी लापता हैं.
उत्तराखंड में ग्लेशियर टूटने से उत्पन्न हुई परिस्थितियों के मद्देनजर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने रविवार को उत्तर प्रदेश के संबंधित विभागों और अधिकारियों को हाई अलर्ट पर रहने के निर्देश दिए. सरकारी प्रवक्ता के अनुसार योगी ने कहा कि हर पहलू पर पूरी मुस्तैदी और नज़र रखी जाए. उन्होंने राज्य आपदा मोचन बल को भी मुस्तैद किए जाने के निर्देश दिए हैं. मुख्यमंत्री ने गंगा नदी के किनारे पड़ने वाले सभी जिलों के जिलाधिकारियों और पुलिस अधीक्षकों को भी पूरी तरह सतर्क रहने के निर्देश दिए हैं.
देहरादून में हाईलेवल मीटिंग बुलाई गई है. मीटिंग कुछ देर में शुरू होगी. मुख्य सचिव ओम प्रकाश समेत कई वरिष्ठ अधिकारी पहुंच रहे हैं उसमें. गाजियाबाद की एनडीआरएफ की 8वी बटालियन से उत्तराखंड रवाना हो रही है टीम. डॉग स्क्वायड अत्याधुनिक साजो सामान के साथ 45 लोगों की टीम रवाना हो रही है. यूपी के बिजनोर जिले में भी हाई अलर्ट जारी हो गया है. गंगा बैराज खोला गया. नदी किनारे अनाउंसमेंट शुरू हुआ.
जोशीमठ से करीब 25 किलोमीटर दूर पैंग गांव के ऊपर बहुत बड़ा ग्लैशियर फटा. जिसके चलते धौली नदी में बाढ़ आ गई. इसके बाद हिमस्खलन हुआ और ग्लैशियर की बाढ़ के चलते ऋषि गंगा पावर प्रोजेक्ट को बड़ा नुकसान हुआ. कुछ झूला वाले पुल इसकी चपेच में आ गए. इसके अलावा NTPCके निर्माणाधीन तपोवन जल विद्दुत प्रोजेक्ट के डैम के कुछ इलाके भी इसकी चपेट में आ गए. धौली नदी के किनारे रहने वाले लोगों को अलर्ट कर दिया गया है. वहां से हटने के लिए कहा जा रहा है.
जोशीमठ में ग्लेशियर फटने की जो घटना हुई है, उसके असर को समझना जरूरी है. दरअसल, ऐसी घटना में बर्फ की झील गुब्बारे की तरह फूट पड़ती है. इसके बाद बाढ़ जैसे सैलाब बहने लगता है. पानी के प्रेशर बढ़ने से झील टूटती है और ये हालात बने. आप अंदाजा लगा सकते हैं कि ये तबाही कैसी रही होगी क्योंकि एक ग्लेशियर में लाखों क्यूबिक मीटर पानी होता है. ये पूरा पानी बाहर आने में कई दिन लग सकते हैं. 15 हजार क्यूबिक मीटर प्रति सेकेंड की रफ्तार से पानी बहता है. इससे तबाही वाले इलाके में लोगों की जान, प्रॉपर्टी और इंफ्रास्ट्रक्चर को बड़ा नुकसान होता है.

बैकग्राउंड

चमोली: उत्तराखंड के चमोली जिले में ग्लेशियर टूटने से भारी तबाही हुई है. धौली नदी में बाढ़ आने से हरिद्वार तक खतरा बढ़ गया है. चमोली जिले के नदी किनारे की बस्तियों को पुलिस लाउडस्पीकर से अलर्ट कर रही है. ग्लेशियर टूटने के बाद जोशीमण के रेणी में ऋषिगंगा प्रोजेक्ट में तबाही हुई है. तपोवन में पावर प्रोजेक्ट बह जाने की खबर है.


 


अपर जिलाधिकारी टिहरी शिव चरण द्विवेदी ने बताया कि धौली नदी में बाढ़ आने की सूचना मिलने के बाद जिले में अलर्ट जारी कर दिया गया है. इसके साथ ही हरिद्वार जिला प्रशासन ने भी अलर्ट जारी कर दिया है. सभी थानों और नदी किनारे बसी आबादी को सतर्क रहने के निर्देश दिए गए हैं. वहीं, श्रीनगर जल विद्युत परियोजना को झील का पानी कम करने के निर्देश जारी किए गए हैं. ताकि अलकनंदा का जल स्तर बढ़ने पर अतिरिक्त पानी छोड़ने में दिक्कत न हो.


 


चमोली के पुलिस अधीक्षक यशवंत सिंह चौहान ने बताया कि काफी नुकसान की सूचना आ रही है. लेकिन अभी स्थिति स्पष्ट नहीं. टीम मौके पर जा रही है, उसके बाद ही नुकसान की स्थिति स्पष्ट होगी. बताया जा रहा है कि ग्लेशियर फटने के बाद बांध क्षतिग्रस्त हुआ. जिससे नदियों में बाढ़ आ गई है. तपोवन बैराज पूरी तरह से ध्वस्त हो गया है. श्रीनगर में प्रशासन ने नदी किनारे बस्तियों में रह रहे लोगों से सुरक्षित स्थानों में जाने की अपील की है. वहीं, नदी में काम कर रहे मजदूरों को भी हटाया जा रहा है.


 


उधर, बाढ़ के बाद अब धौली नदी का जल स्तर पूरी तक रूका हुआ है. स्टेट कंट्रोल रूम के अनुसार, गढ़वाल की नदियों में पानी ज्यादा बढ़ा हुआ है. करंट लगने से कई लोग लापता बताए जा रहे है. वहीं, मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने सचिव आपदा प्रबंधन और डीएम चमोली से पूरी जानकारी प्राप्त की. मुख्यमंत्री लगातार पूरी स्थिति पर नजर रखे हुए हैं. संबंधित सभी जिलों को अलर्ट कर दिया गया है. लोगों से अपील की जा रही है कि गंगा नदी के किनारे न जाएं.

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