गोरखपुर. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की जनप्रतिनिधियों के साथ बैठक के बाद सांसद और विधायक दोनों के सुर बदल गए हैं. सहायक अभियंता प्रकरण में पिछले 10 दिनों से चल रहे विवाद पर सांसद रविकिशन ने बताया कि बैठक में सीएम ने एकजुटता के साथ काम करने की बात कही है. तो वहीं विवाद के मुख्य बिन्दु नगर विधायक डा. राधामोहन दास अग्रवाल ने कहा कि इसे विवाद नहीं संवाद कहिए. हालांकि सभी जनप्रतिनिधियों की एक साथ फोटो खींचने के दौरान विधायक फतेह बहादुर बगैर फोटो खिंचवाए ही पलट कर अपनी गाड़ी में बैठ गए.
सीएम योगी आदित्यनाथ ने गोरखपुर पहुंचने के तुरंत बाद जनप्रतिनिधियों के साथ बैठक की. सड़क और नाला निर्माण में हीलाहवाली पर नगर विधायक डा. राधामोहन दास अग्रवाल के सदन तक में मोर्चा खोलने के बाद आखिरकार सहायक अभियंता का लखनऊ तबादला हो गया. लेकिन, गोरखपुर के सांसद रविकिशन और कैम्पियरगंज के विधायक फतेह बहादुर सिंह, सहजनवां विधायक शीतल पाण्डेय और ग्रामीण विधायक विपिन सिंह ने सहायक अभियंता केके सिंह के पक्ष में पत्र लिख दिया.
जमकर हुई खेमेबाजी
इसके बाद नगर विधायक डा. राधा मोहन दास एक ओर और अन्य जनप्रतिनिधि दूसरी ओर खड़े हो गए. लड़ाई सीमित नहीं रही. सोशल मीडिया पर भी आरोप-प्रत्यारोप का दौर चलने लगा. बात सीएम तक पहुंची. आज जब नगर विधायक एमएलसी देवेन्द्र प्रताप सिंह के साथ बैठक से बाहर निकले, तो उनके चेहरे पर मायूसी साफ दिखाई दी. इस दौरान फोटो होने लगी, तो नगर विधायक डा. राधा मोहन दास अग्रवाल के खिलाफ मोर्चा खोलने वाले कैम्पियरगंज विधायक ये कहते हुए भाग खड़े हुए कि वो फोटो नहीं खिचवाएंगे. नगर विधायक डा. राधामोहन दास अग्रवाल ने इस मामले को हल्का करते हुए कहा कि इसे विवाद नहीं संवाद की नजर से देखें.
हालांकि इस मामले में गोरखपुर के सांसद रविकिशन ने बैठक के अंदर की बात को मीडिया के सामने रखते हुए कहा कि सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा है कि सभी जनप्रतिनिधि एकजुटता के साथ काम करें. उन्होंने कहा कि सांसद और विधायकों को उन्होंने जनता के बीच जाकर काम करने का आह्वान भी किया है. उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री ने कोविड-19, इंसेफेलाइटिस और बाढ़ को लेकर सरकार द्वारा किए जा रहे प्रयासों को जन-जन तक पहुंचाने और लोगों को सरकार की उपलब्धियों के बारे में बताने का आह्रवान किया.
पीडब्ल्यूडी इंजीनियर को लेकर खींच गई तलवारें
डा. राधामोहन द्वारा उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य से मिलकर पीडब्लूडी के एक इंजीनियर की शिकायत करने के बाद पिछले एक पखवाड़े से भाजपा के जनप्रतिनिधियों में घमासान मचा हुआ था. सांसद रविकिशन, गोरखपुर ग्रामीण से विधायक विपिन सिंह, कैम्पियरगंज से विधायक फतेह बहादुर, सहजनवां से विधायक शीतल पांडेय ने इंजीनियर को मेहनती, ईमानदार और काबिल बताते हुए, उन्हें न हटाने के लिए पत्र लिखे थे. जबकि बांसगांव के सांसद कमलेश पासवान और विधायक विमलेश पासवान ने डा.राधा मोहन का समर्थन किया. हालांकि बाद में पीडब्लूडी इंजीनियर को मुख्यालय से सम्बद्ध कर दिया गया. इसी दौरान एक दिन डा.राधा मोहन ने अपने एक ट्वीट में-'अपने विधायक होने पर गुस्सा आता है...' लिखकर अपने गुस्से का इजहार किया था.
फेसबुक पर वार-पलटवार का दौर
तल्खी बढ़ी तो सांसद रविकिशन ने डा.राधा मोहन से इस्तीफा मांग लिया. कैम्पियरगंज के विधायक फतेह बहादुर और डा.राधा मोहन के बीच तो फेसबुक पर जमकर वार-पलटवार भी हुआ. इस बीच पार्टी हाईकमान ने डा.राधा मोहन को कारण बताओ नोटिस भी जारी किया, लेकिन विवादों का सिलसिला थमा नहीं. पिछले दो दिन से जनप्रतिनिधियों का रुख थोड़ा नरम दिखाई दे रहा था.
कल डा.राधा मोहन अपने फेसबुक पर पीडब्लूडी इंजीनियर को सम्बद्ध किए जाने का आदेश लागू हो जाने की सूचना पोस्ट की. इसके बाद मीडियाकर्मियों को वहाट्सअप पर भेजे एक बयान में कहा कि उन्हें मुख्यमंत्री योगी की जनसंवेदनशील राजनीति और पार्टी के लोकतंत्र पर पूरा भरोसा है. आज मुख्यमंत्री की बैठक से निकलने के बाद उन्होंने यह कहकर कलह पर पानी डालने की कोशिश की कि यह कोई विवाद नहीं संवाद था. मीडिया को गलतफहमी हुई है.
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