Meerut: पानीपत-सोनीपत से पैदल चलकर मेरठ पहुंचे ये 50 मजदूर, बस अड्डे पर चार दिनों से भूखे-प्यासे हैं पड़े;किसी ने नहीं ली सुध
Meerut: घर पहुंचने की आस में पिछले चार दिनों से भूखे-प्यासे 50 मजदूर मेरठ बस अड्डे पर पड़े हैं, लेकिन इनकी मदद करने के बजाय अधिकारी टाल-मटोल करने में जुटे हैं।
मेरठ, बलराम पांडेय। लॉकडाउन की वजह से दूसरे प्रांतों में फंसे मजदूरों को उनके गंतव्य तक पहुंचाने के प्रयास में योगी सरकार लगातार काम कर रही है, लेकिन मेरठ प्रशासन मुख्यमंत्री के प्रयासों पर कैसे पलीता लगा रहा, उसको बताने के लिए ये तश्वीरें काफी है। जहां पानीपत और सोनीपत से करीब 50 मजदूर पैदल चलकर मेरठ पहुंचे और पिछले 4 दिन से बस अड्डे पर पड़े हैं।
लॉकडाउन में फंसे ये मजदूर लगातार अधिकारियों से गुहार लगा रहे कि उन्हें उनके घर तक पहुंचा दो, लेकिन भूखे प्यासे इन मजदूरों की सुनने वाला कोई नहीं है। आज हद तब हो गई, जब बस डिपो कर्मचारियों ने इन्हें बस अड्डे से भी भगा दिया।
यह तस्वीरें हैं मेरठ कि जहां पर लगभग 50 मजदूर सोनीपत और पानीपत से पैदल चलकर मेरठ पहुंचे। इस उम्मीद में उत्तर प्रदेश सरकार उन्हें उनके घर तक पहुंचाएगी, लेकिन वो मेरठ में पिछले 4 दिनों से भूखे प्यासे बस अड्डे पर पड़े हैं, लेकिन इनकी सुध लेने वाला कोई नहीं है। ये अधिकारियों से भी मिले, लेकिन इधर-उधर की बातें कर टाल दिया गया। स्थिति ये हो गई कि बस डिपो के कर्मचारियों ने बस अड्डे से भी इन्हें बाहर निकाल दिया है और कहा कि जाइए प्रशासन से कहिए जब आदेश करेंगे, तभी आप यहां रुक सकते हैं और आपको यहां से ले जाया जाएगा। ऐसे में सवाल उठता है कि आश्रय ग्रह और मजदूरों को उनके घर तक पहुंचाने की मुख्यमंत्री की पहल को ये अधिकारी क्यों नजरअंदाज कर रहे हैं।
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