इटावा, एबीपी गंगा। लॉकडाउन ने देश की सबसे प्रदूषित कही जाने वाली यमुना नदी की सूरत बदलकर रख दी है। लॉकडाउन के चलते यमुना का पानी बिल्कुल स्वच्छ हो गया है, जिसके चलते नदी में  10 से ज़्यादा दुर्लभ प्रजाति की चिड़िया करतव करती दिखाई देती हैं। सरकार ने जिस यमुना एक्शन प्लान के नाम पर पिछले 30 सालों में अरबों रुपये खर्च कर दिए, उसके बावजूद यमुना को साफ नहीं कर सकें, वो काम लॉकडाउन ने कर दिखाया है।


इटावा के दक्षिण दिशा में बहने वाली यमुना जिसको लॉकडाउन से पहले एक गंदे नाले के तौर पर ही देखा जाता था, वो यमुन आज फिर से 30 साल बाद साफ और स्वच्छ दिखाई दे रही है। ये सबकुछ मुमकिन हो पाया है लॉकडाउन की वजह से। 


प्रसिद्ध पर्यावरण विशेषज्ञ डॉक्टर राजीव चौहान बताते हैं कि लॉकडाउन के असर के चलते यमुना में गिरने वाले डोमेस्टिक और इंडस्ट्री प्रदूषण बंद हो गया है, जिसके चलते यमुना एक बार फिर से 30 साल पहले जैसी दिखने लगी है। यही वजह है कि आज यमुना में कई तरह की प्रजातियों की चिड़िया नजर आती हैं। जिसमें- ग्रे हेरॉन,  आइबिस, ब्लैक नेक्ड स्टार्क, पेंटिड स्टार्क, स्कवेजर वल्चर, डॉरटर कॉरमोरेंट,
लिटिल रिंग प्लोवर 
आदि अठखेलियां करती दिखाई देती हैं।


वहीं, इस्कॉन एनजी में काम करने वाले संजीव भी बताते हैं कि वह 2006 से यमुना एक्शन प्लान के साथ काम कर रहे हैं, लेकिन यमुना को साफ करने में इतनी सफलता कभी नहीं मिली, जितनी काम लॉकडाउन ने यमुना को साफ कर दिया है।


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