Lockdown: 12 दिन पहले जन्मी बच्ची की तस्वीर देखकर कर रहा ड्यूटी;बोला सिपाही- अब 3 मई के बाद ही लगाऊंगा गले
इटावा के थाना कोतवाली में नौरंगाबाद चौकी पर तैनात सिपाही रमाकांत ने अपने फर्ज के आगे निजी खुशियों का बलिदान दे दिया है। दो अप्रैल को वो एक बच्ची के पिता बने, ये उनकी पहली संतान है। लॉकडाउन की वजह से वो घर नहीं जा सकें, उनका कहना है कि अब वो 3 मई के बाद ही अपनी बेटी को गले लगाएंगे।
इटावा, एबीपी गंगा। यूपी के इटावा जिले में एक सिपाही ड्यूटी पर अपना फर्ज निभा रहा है। ये वो सिपाही है, जो लॉकडाउन के दौरान पिता बना। कोरोना काल में वो घर नहीं जा पा रहा है। इस स्थिति में वो अपने बच्चे की फोटो को मोबाइल पर देखकर ही संतोष कर रहा है। उसका कहना है कि अभी ड्यूटी जरूरी है और लॉकडाउन के बाद ही वो अपनी बेटी को गोद में उठाएगा।
2 अप्रैल को बेटी ने लिया था जन्म
इटावा के थाना कोतवाली में नौरंगाबाद चौकी पर तैनात एटा निवासी रमाकांत की दो अप्रैल को बेटी हुई है। पहला बच्चा घर मे होने वाला था, ऐसे में रमाकान्त को शायद घर पर होना चाहिए था।घर से फोन भी आया, लेकिन रमाकान्त का फर्ज खुशियों और घर की ज़िम्मेदारी के आड़े आ गया।अंत मे रमाकान्त ने घर न जाकर लॉकडाउन में डयूटी देना बेहतर समझा।घर पर पिताजी और छोटे भाई ने ज़िम्मेदारी उठाई और 2 अप्रैल की रात को रमाकान्त एक बेहद ही प्यारी सी बेटी की पिता बने।
बेटी की फोटो देखकर ड्यूटी कर रहे हैं रमाकान्त
घर वालों ने झट से बिटिया का फोटो व्हाट्सएप के जरिए रमाकान्त को भेज दी, जिसे देखकर रमाकान्त की खुशी का कोई ठिकाना नहीं रहा। अब चौकी के बाहर ड्यूटी पर तैनात रमाकान्त बिटिया की फोटो के सहारे अपनी ड्यूटी कर रहे हैं।
3 मई तक बढ़ाया गया लॉकडाउन
आज जब प्रधानमंत्री मोदी ने लॉकडाउन को बढ़ाने की बात कही, तो उस पर भी सिपाही रमाकान्त ने अफसोस नहीं किया और कहा कि अब 3 मई के बाद ही घर जाकर बिटिया को गले लगाएगा।
तब तक रमाकान्त फोन पर ही घर वालों और अपनी बिटिया के हालचाल लेकर 3 मई के आने का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं।
सिपाही रमाकान्त ने कहा
सिपाही रमाकान्त ने कहा कि दो अप्रैल की रात 3 मेरे घर बेटी पैदा हुई। 9 अप्रैल 2019 को मेरी शादी हुई थी। लॉकडाउन की वजह से में ड्यूटी पर तैनात हूं। घर वालों का काफी फोन भी आया, लेकिन मोदीजी ने जो लॉकडाउन किया है, उसकी वजह से में ड्यूटी पर हूं। खुशी तो बहुत हुई बेटी होने की, मन में यह भी आया कि बेटी को देखा जाये, लेकिन बेटी से ज़्यादा ड्यूटी महत्वपूर्ण थी। बेटी को अभी तक देखा तो नहीं है, घर वालों ने वीडियो कॉल के ज़रिए दिखाया। फोटो भी भेजी है। मन मे लालसा भी थी, लेकिन ड्यूटी ज़्यादा महत्वपूर्ण थी। मंगलवार को माननीय प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन में कहा कि लॉकडाउन 3 मई तक बढ़ा दिया है, इसलिए अब 3 मई तक ड्यूटी करनी है। इसके बाद ही घर जाएंगे। फोन पर बिटिया और घर वालों के हाल लेते रहते हैं।
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