नई दिल्ली, एबीपी गंगा। कोरोना महामारी के चलते देश में 14 अप्रैल तक 21 दिन का लॉक डाउन है। सरकार के इस कदम से इस घातक बीमारी को कहां तक रोका जा सका है, स्वास्थय मंत्रालय ने इससे जुड़े कुछ आंकड़े देश के सामने रखे हैं। मंत्रालय ने जानकारी देते हुये बताया कि अगर लॉकडाउन और कंटेनमेंट नहीं करते तो 15 अप्रैल तक 8 लाख 20 हजार मामले सामने आ चुके होते।


आईसीएमआर की एक आंतरिक स्टडी के आंकड़ों के मुताबिक अगर देशभर में लॉक डाउन और कंटेनमेंट प्लान नहीं बनता तो पूरे देश में कोरोना से संक्रमित मरीजों की संख्या लाखों में पहुंच जाती। भारत का हाल इटली, ईरान और अमेरिका जैसा हो जाता। आईसीएमआर की एक स्टडी के मुताबिक एक संक्रमित व्यक्ति 400 से ज्यादा लोगों को एक महीने में संक्रमित कर सकता है।



इसी स्टडी के आधार पर एक प्रोजेक्शन तैयार किया गया था। इसके मुताबिक अगर देश में लॉक डाउन और कंटेनमेंट नहीं किया जाता तो 10 अप्रैल तक 2,08,544 लोग कोरोना वायरस से संक्रमित हो जाते। वही 15 अप्रैल तक ये आंकड़ा 8 लाख 20 हजार को छू लेता। वहीं अगर दूसरी संभावना की बात करे यानी सिर्फ कंटेनमेंट प्लान बनाया जाता और लॉक डाउन नहीं लागू किया जाता तो 10 अप्रैल तक 45370 लोग इस वायरस से संक्रमित होते। वही 15 अप्रैल आते-आते ये आंकड़ा 1 लाख 20 हजार तक पहुंच जाता। लेकिन ऐसा हुआ नहीं क्योंकि समय रहते भारत सरकार ने कई कड़े कदम उठाए।