गैस सिलेंडर रिफिल के लिए तीन महीने तक नहीं देना होगा एक भी पैसा, मोदी सरकार ने किया ये बड़ा ऐलान
मोदी सरकार ने बड़ा ऐलान करते हुए कहा है कि गैस सिलेंडर रिफिल के लिए तीन महीने तक एक भी पैसा नहीं देना होगा। यानी तीन महीने की गैस रिफिल निशुल्क होगी। ये लाभ प्रधानमंत्री उज्जवला योजना के लाभार्थियों के लिए होगा।
नई दिल्ली। कोरोना संकट के बीच केंद्र सरकार ने प्रधानमंत्री उज्जवला योजना के लाभार्थियों को बड़ी राहत दी है। प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना के तहत प्रधानमंत्री उज्जवला योजना के लाभार्थियों के लिए बड़ा ऐलान करते हुए केंद्र ने कहा कि लाभार्थियों के लिए तीन महीने निशुल्क गैस रिफिल की जाएगी। ये ऐलान अप्रैल से जून, 2020 तक के लिए किया गया है।
आधिकारिक बयान के अनुसार, इसके तहत तेल कंपनियों ने अब तक उज्जवला योजना के करीब 7.15 करोड़ लाभार्थियों के खाते में 5,606 करोड़ रुपये ट्रांसफर किए हैं। इस बयान में बताया गया है, 'ये योजना 1 अप्रैल से 30 जून 2020 तक के लिए प्रभावी रहेगी। इस फैसले के तहत तेल कंपनियां लाभार्थियों के खाते में पैकेज के हिसाब से 14.2 किलो या पांच किलो के सिलेंडर की कीमत के बराबर एडवांस पैसा जमा करा रही हैं। इन पैसों से लाभार्थी सिलेंडर रिफिल करा सकेंगे।'
दो दिन से ज्यादा नहीं करना होगा इंतजार
इसके साथ ही, सिलेंडर डिलीवरी के लिए भी लाभार्थियों को दो दिन से ज्यादा का इंतजार नहीं करना होगा। आइओसीएल, बीपीसीएल और एचपीसीएल जैसी कंपनियां पहले ही अपने डिलीवरी बॉय समेत सप्लाई चेन व अन्य कर्मचारियों के लिए 5 लाख रुपये की अनुग्रह राशि का ऐलान कर चुकी है। अगर किसी भी कर्मचारी की मौत कोरोना वायरस के संक्रमण की वजह से हो जाती है, तो इस सूरत में ये राशि उनके परिजनों को दी जाएगी। कंपनियों का कहना है कि कोविड-19 की मुश्किल घड़ी में डिलीवरी बॉय समेत हमारे तमाम योद्धा (कर्मचारी) अपने कार्य में जुटे हुए हैं। कंपनियों का ये भी कहना है कि हम ये सुनिश्चित कर रहे हैं कि किसी को भी डिलीवरी के लिए दो दिन से ज्यादा का इंतजार न करना पड़े। बता दें कि देश में लॉकडाउन के बाद से प्रति दिन करीब 60 लाख सिलेंडर रिफिल किए जा रहे हैं।
इस बीच लॉकडाउन की वजह पेट्रोल व डीजल की मांग घट रही है, जिसने तेल कंपनियों की चिंता बढ़ा दी है। जिसकी वजह है लॉकडाउन के कारण सड़कों पर वाहनों का न निकलना और औद्योगिक गतिविधियों का ठप होना। जिस कारण ऊर्चा की मांग में भारी कमी देखी गई है।
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