20 दिन की दुधमुंही बच्ची को लेकर घर वापसी, लॉकडाउन में प्रवासी मजदूरों का पैदल कूच; आंखों से छलक रहे आंसू
लॉकडाउन में 20 दिन की दुधमुंही बच्ची को लेकर एक मां पैदल ही अपने घर की ओर चल दी। लॉकडाउन में प्रवासी मजदूरों की ये तस्वीरें उनके दर्द को दर्शाती हैं।
अमरोहा, एबीपी गंगा। उत्तर प्रदेश के जनपद अमरोहा की सीमा पर हरियाणा-गाजियाबाद से पैदल चलकर पहुंच रहे प्रवासी मजदूरों की आंखों से आंसू छलक रहे हैं। वो लॉकडाउन की अपनी दर्दभरी दास्तां सुना रहे हैं। प्रवासी मजदूरों का कहना है कि गाजियाबाद-हरियाणा में खाने का भी संकट है और ऐसे में काम-धाम भी अब नहीं बचा है, जिसको लेकर वह मुश्किलों भरा सफर तय कर रहे हैं। दूसरे राज्य में काम करने वाले भूखे प्यासे मजदूर पैदल ही अपने घर को वापस लौट रहे हैं। 20 दिन की दुधमुंही बच्ची को लेकर पैदल सफर तय कर रही इस मां को ही देखिए, जिसे शाहजहांपुर तक जाना है।
20 दिन के बच्चे को पैदल लेकर गाजियाबाद से निकली मां की आंखों से आंसू छलक पड़े। उसका कहना है कि खाने को कुछ बचा नहीं है। ऐसे में अब करें तो करें क्या।
गाजियाबाद- हरियाणा से पैदल अपने घरों के लिए निकले मजदूरों में किसी को आजमगढ़ जाना है, तो किसी को शाहजहांपुर। वहीं, दुधमुंही बच्ची को लेकर ये मां पिछले तीन दिन से पैदल चल रही है। ये अबतक पैदल डेढ़ सौ किलोमीटर का सफर तय कर चुकी है। उसका कहना है कि काम है नहीं, खाने को भी कुछ नहीं है। लॉकडाउन की वजह से वाहन भी नहीं चल रहे। जिसके कारण हम घर पैदल जाने को मजबूर हैं।
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