UP Election 2022: देश के सबसे बड़े राज्य उत्तर प्रदेश में होने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर लोक जनशक्ति पार्टी ने भी तैयारी शुरू कर दी है. लोक जनशक्ति पार्टी यूपी में विधानसभा चुनाव लड़ेगी. बरेली पहुंचे लोजपा के अध्यक्ष चिराग पासवान ने इसकी जानकारी दी. लेकिन अभी गठबंधन को लेकर पार्टी में असमंजस की स्थिति बनी हुई है. वहीं, चिराग पासवान ने संसद के शीतकालीन सत्र को लेकर बड़ा बयान दिया है और किसानों के मुद्दे पर सरकार को घेरा है.
लोक जनशक्ति पार्टी के अध्यक्ष चिराग पासवान आज दिल्ली से हवाई जहाज से बरेली एयरपोर्ट पहुंचे, जिसके बाद वो रामपुर गार्डन स्थित प्रदेश उपाध्यक्ष नीरज मिश्रा के घर पहुंचे. यहां उन्होंने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर विधानसभा चुनाव को लेकर पार्टी की तैयारियों के बारे में बताया. वहीं, केंद्र की मोदी सरकार और प्रदेश की योगी सरकार पर भी निशाना साधा. लोक जनशक्ति पार्टी के अध्यक्ष चिराग पासवान ने योगी सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि प्रदेश में शिक्षा और रोजगार के मामले में यूपी पीछे है. यहां के युवाओं को बाहर जाना पड़ता है और बाहर उनको बेइज्जत भी होना पड़ता है. धर्म और जाति के आधार पर आज भी भेदभाव हो रहा है. उनका कहना है कि उनके विजन डॉक्यूमेंट में ये मुद्दे रहेंगे इसलिए उनकी पार्टी उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव लड़ेगी। हालांकि चिराग पासवान अभी ये तय नहीं कर सके है कि वो किस पार्टी से गठबंधन करेंगे. आज हुए पूर्वांचल एक्सप्रेसवे के उद्घाटन के लिए चिराग पासवान ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को बधाई दी. साथ ही उन्होंने ये भी कहा कि पूर्वांचल एक्सप्रेस वे को लेकर जो राजनीति हो रही है, जिस तरह से इस एक्सप्रेसवे को लेकर अपना अपना श्रेय लेने की होड़ लग गई है, वो सही नहीं है. उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश गांव में बसता है. इसलिए गांव को हाइवे से जोड़ना जरूरी है.
चिराग पासवान ने केंद्र सरकार पर साधा निशाना
29 नवंबर से होने वाले संसद के शीतकालीन सत्र पर चिराग पासवान ने केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि दुख इस बात का है कि पिछली बार भी संसद का शीतकालीन सत्र हंगामे की भेंट चढ़ गया था. इतिहास गवाह रहा है जब जब चुनाव नजदीक होते है तो उस वक्त ज्यादा हंगामे होते है, क्योंकि इतने बड़े राज्य में चुनाव है, किसानों का एक बहुत बड़ा ज्वलंत मुद्दा है, जिसको इतने समय बाद भी अभी तक उसे एड्रेस नहीं किया गया है. इसको सुलझाना जरूरी है, जिसके लिये आप इस कानून को लेकर आये है. अगर वही संतुष्ट नहीं है, तो उस कानून का क्या लाभ. लोकसभा सत्र में इन मुद्दों को उठाया जाएगा. किसानों के साथ बातचीत फिर से शुरू होनी चाहिए, क्योंकि लम्बे समय से उनसे बातचीत नहीं हुई है. किसान हमारा अन्नदाता है और वो सड़क पर है, जिसकी वजह से हम लोगों को अन्न मिलता है, वही किसान अगर हासिये पर बैठा है, इतनी बदहाल स्थिति में बैठा है तो केंद्र सरकार की पूरी जिम्मेदारी बनती है कि वो उनकी समस्याओं को सुने. जो भी उचित समाधान हो वो करे.
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