Lok Sabha ByElection 2023: उत्तर प्रदेश के नगरीय चुनाव के साथ ही दो विधानसभा स्वार और छानबे सीट पर हुए उपचुनाव के भी नतीजे सामने आ चुके हैं. निकाय चुनाव में जहां बीजेपी ने जबरदस्त जीत हासिल की है तो वहीं दोनों सीटों पर हुए उपचुनाव में भी बीजेपी गठबंधन की ही जीत हुई है. निकाय चुनाव संपन्न होने के बाद अब जल्द ही यूपी में एक बार फिर से गाजीपुर सीट पर उपचुनाव होंगे. यूपी की गाजीपुर लोकसभा सीट पर बसपा सांसद अफजाल अंसारी को चार साल की सजा मिलने के बाद उनकी सदस्यता रद्द हो चुकी है, जिसके बाद ये सीट खाली है.  


दरअसल, अफजाल अंसारी को 29 अप्रैल को गाजीपुर की एमपीएमएलए कोर्ट ने गैंगस्टर के एक मामले में अफजाल अंसारी को चार साल की सजा सुनाई थी, जिसके बाद उनकी लोकसभा सदस्यता को रद्द कर दिया गया था. नियम के मुताबिक अगर किसी जन प्रतिनिधि, विधायक या सांसद को दो साल या उससे अधिक की सजा हो जाती हैं तो उनकी सदस्या को कैंसिल कर दिया जाता है. 


गाजीपुर में कब होंगे उपचुनाव


अफजाल अंसारी की सदस्यता रद्द होने के बाद गाजीपुर लोकसभा सीट खाली है. ऐसे में अगर किसी सदस्य को सजा मिलने या किसी अन्य वजह के चलते कोई लोकसभा या विधानसभा सीट खाली हो जाती है तो उस सीट को छह महीने से ज्यादा समय तक खाली नहीं रखा जा सकता है. चुनाव आयोग की ये जिम्मेदारी होती है अगले छह महीने में उस सीट पर उपचुनाव कराए जाएं ताकि वहां पर नया जनप्रतिनिधि आ सके और उस क्षेत्र के काम आगे बढ़ सकें. अफजाल अंसारी की सदस्यता रद्द होने के बाद अक्टूबर तक गाजीपुर में उपचुनाव हो सकते हैं. 


गाजीपुर लोकसभा सीट में सात विधानसभा सीटें आती हैं, जिनमें से पांच सीटें सपा और दो सीटें ओम प्रकाश राजभर की सुभासपा के पास हैं. यहां पर बीजेपी की एक भी सीट नहीं हैं, वहीं कांग्रेस 1984 के बाद से यहां कभी जीत हासिल नहीं कर पाई है. 


इन नेताओं की जा चुकी है सदस्यता


आपको बता दें कि इस कानून की वजह से पिछले कुछ दिनों में कई बड़े नेताओं को अपनी सदस्यता गंवानी पड़ी हैं. इनमें रामपुर सीट से विधायक रहे सपा के दिग्गज नेता आजम खान, स्वार सीट से उनके बेटे अब्दुल्ला आजम, खतौली सीट से बीजेपी विधायक रहे विक्रम सिंह सैनी समेत कई नाम शामिल हैं. कांग्रेस नेता राहुल गांधी की भी गुजरात की अदालत से दो साल की सजा मिलने के बाद वायनाड सीट से लोकसभा सदस्यता रद्द हो चुकी हैं.


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