Lok Sabha Elections 2024: 'मायावती करती हैं चमत्कार, उम्मीद है इस बार भी होगा' सपा उम्मीदवार ने बांधे बसपा चीफ की तारीफों के पुल
Afjal Ansari on Mayawati: गाजीपुर से बसपा सांसद अफजाल अंसारी का कहना है कि मायावती अंतिम वक्त में चमत्कार करती हैं. उन्हें इस बात की उम्मीद है कि इस बार भी ऐसा ही चमत्कार होगा.
Lok Sabha Chunav 2024: बहुजन समाज पार्टी जो मौजूदा वक्त में लोकसभा चुनाव में बिना गठबंधन के चुनाव लड़ने का ऐलान कर दिया है लेकिन गाजीपुर के बसपा सांसद को अभी भी इस बात की उम्मीद है कि बहन की अंतिम वक्त में भी कोई चमत्कार करेंगी. क्योंकि उन्होंने अटल बिहारी वाजपेई सरकार जब 13वें दिन उनकी सरकार गिरी थी उस वक्त भी जो चमत्कार हुआ था वह किसी और ने नहीं मायावती ने किया था. यह बात आज गाजीपुर के सांसद अफजाल अंसारी ने मीडिया से बातचीत करते हुए कहा साथ ही जिला प्रशासन के द्वारा उनके द्वारा सांसद निधि के लिखे प्रस्ताव को खारिज करने पर भी केंद्र सरकार और जिला प्रशासन को आने हाथों लिया है.
अफजाल अंसारी अब सपा से उम्मीदवार
लोकसभा चुनाव के लिए गाजीपुर से समाजवादी पार्टी ने बसपा सांसद अफजाल अंसारी को अपना प्रत्याशी बनाया है जिसके बाद से वह लगातार अपने कार्यकर्ताओं से जनसंपर्क कर रहे हैं इसी क्रम में आज वह सदर विधानसभा में कार्यकर्ताओं से मिलने का कार्यक्रम किया इस दौरान जब उनसे उनके सांसद निधि से लिखे गए 652 ग्राम प्रधानों के प्रस्ताव को जिला प्रशासन के द्वारा खारिज करने की बात पूछा गया तो उन्होंने बताया कि 5 साल के कार्यकाल के लिए 25 करोड रुपए होने चाहिए जबकि प्रशासन के द्वारा उनके निधि में 11 करोड़ रूपया ही दिखाया जा रहा है उन्होंने बताया कि केंद्र सरकार के डायरेक्टर ने 8 फरवरी को जिला प्रशासन को पत्र लिखा था जिस पर जिला प्रशासन ने 1 मार्च को अपना जवाब 22 दिनों के बाद भेजा। हमारे निधि में करीब 11 करोड़ के आसपास निधि बची हुई है जिसको लेकर हम प्रस्ताव लिख रहे हैं उसके बाद भी प्रशासन चेक नहीं काट रहा है उसके पेट में दर्द हो रहा है.
बीएसपी को मिटाना चाहती है बीजेपी
भारतीय जनता पार्टी बसपा को मिटाना चाहती है भाजपा और आरएसएस के लोग घबरा गए हैं इस दौरान तेलंगाना में गठबंधन को लेकर कहा कि तेलंगाना का मामला और है लेकिन उत्तर प्रदेश में गठबंधन मत करिएगा क्योंकि बसपा को मिटाना है. हमें अभी उम्मीद है कि पार्टी को बचाने के लिए चमत्कार होगा और उसी से भाजपा घबरा रही है आप जानते हैं क्या ऐसा ही हालत मायावती ने उस वक्त पैदा किए थे जब अटल बिहारी वाजपेई को 13 दिनों बाद इस्तीफा देना पड़ा था वह कौन सा निर्णय था और किसने लिया था निर्णय.वह बहुजन समाज पार्टी के नेता का ही निर्णय था वह अंतिम वक्त पर वार करती है अगर नहीं कर सकती तो हम मानेंगे की भाजपा ने मजबूर कर दिया है.
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