नई दिल्ली, एबीपी गंगा। लोकसभा चुनाव के नतीजों और ईवीएम पर बवाल के बीच विपक्षी दलों की अहम बैठक खत्म हो गई है। आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री और टीडीपी अध्यक्ष चंद्रबाबू नायडू की अगुआई में दिल्ली के कंस्टीट्यूशन क्लब में विपक्ष की बड़ी बैठक हुई। इस बैठक में कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद, आरजेडी नेता नेता मनोज झा, सपा नेता रामगोपाल यादव समेत विपक्षी दलों के तमाम नेता मौजूद रहे। गुलाम नबी आजाद ने कहा कि चुनाव के दौरान कई ईवीएम खराब थी।
इससे पहले राम गोपाल यादव ने कहा कि विपक्ष डरा हुआ नहीं है, जो डरे हुए हैं वो गुफा में बैठ रहे हैं। बता दें कि लोकसभा चुनाव 2019 के नतीजे आने से पहले एक बार फिर ईवीएम के मुद्दे पर विपक्ष दलों का हंगामा शुरू हो गया है। इस बीच कांग्रेस समेत अन्य प्रमुख विपक्षी दलों के नेता ईवीएम और वीवीपैट के मामले को लेकर चुनाव आयोग से मुलाकात करने की तैयारी में है। विपक्षी दल चुनाव आयोग से वीवीपैट और ईवीएम मशीन के मिलान में अंतर होने पर दोबारा काउंटिंग की मांग कर रहा है।
50% वीवीपैट पर्चियों की EVM से मिलान की मांग
बता दें कि ईवीएम में कथित गड़बड़ी को लेकर चुनाव आयोग से मिलने की अगुआई आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री और टीडीपी अध्यक्ष चंद्र बाबू नायडू कर रहे हैं। दरअसल, नायडू ने अपने विरोधी स्वतर तेज करते हुए कहा कि सभी राजनीतिक दल EVM की सुरक्षा में लगे हुए हैं, क्योंकि ऐसी अफवाह है कि फ्रीक्वेंसी की मदद से ईवीएम में स्टोर डेटा को बदला जा सकता है। उन्होंने फिर दोहराया कि ईवीएम में छेड़छाड़ आसानी से की जा सकती है। उनका कहना है कि ईवीएम में छेड़छाड़ की संभावनाओं को देखते हुए मतों की गिनती के दौरान 50 फीसदी वीवीपैट पर्चियों का मिलान ईवीएम से कराने की मांग करेंगे।
ममता ने एग्जिट पोल को बताया गपबाजी
नायडू के अलावा ममता बनर्जी भी एग्जिट पोल पर सवाल उठा चुकी हैं। उन्होंने एग्जिट पोल को गप करार करते हुए कहा था कि ये हजारों ईवीएम को बदलने और उनसे छेड़छाड़ करने का गेमप्लान है। उन्होंने कहा था कि मैं एग्जिट पोल की गपबाजी में यकीन नहीं करती हूं।
महबूबा मुफ्ती ने भी EVM पर उठाया सवाल
वहीं, जम्मू कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने भी ईवीएम पर सवाल उठाए हैं। उन्होंने ट्वीट कर कहा कि ईवीएम स्विच करने की खबरें लगातार आ रही हैं, लेकिन अभी तक चुनाव आयोग की तरफ से कोई सफाई नहीं दी गई है। जिस तरह एग्जिट पोल के बाद इस तरह की लहर बनाने की कोशिश हो रही है, ये एक तरह से दूसरे बालाकोट की तैयारी है।
कोर्ट ने फिर खारिज की 100% मिलान की याचिका
सुप्रीम कोर्ट में एक बार फिर ईवीएम और वीवीपैट पर्चियों के 100 फीसदी मिलान की जनहित याचिका खारिज कर दी गई है। जस्टिस अरूण मिश्र की अगुआई वाली अवकाश पीठ ने याचिका पर सुनवाई करने से इंकार कर दिया। शीर्ष अदालत ने इस बकवास करार करते हुए कहा कि चीफ जस्टिस इस मामले में फैसला दे चुके हैं। दो न्यायाधीशों की अवकाश पीठ के समक्ष आप जोखिम क्यों ले रहे हैं। जस्टिस अरूण मिश्र ने कहा, ‘‘हम चीफ जस्टिस के आदेश की अवहेलना नहीं कर सकते हैं। बता दें कि ईवीएम पर विपक्षी दलों के हंगामे के बीच चेन्नई के एक गैर सरकारी संगठन ‘टेक फार आल’ की ओर से ये याचिका दायर की गई थी। बता दें कि इससे पहले 7 मई को सुप्रीम कोर्ट ने 21 विपक्षी दलों की ओर से दायर समीक्षा याचिका खारिज कर दी थी। हालांकि, विपक्षी दलों की ईवीएम और वीवीपैट पर्चियों के मिलान की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिया था कि हर विधानसभा क्षेत्र के तहत आने वाले किसी पांच बूथों पर वीवीपीएटी पर्चियों का मिलान किया जाएगा। हालांकि, कांग्रेस व अन्य विपक्षी दल लगातार यह मांग कर रहे थे कि कम से कम 50 फीसदी वीवीपीएटी पर्चियों का मिलान किया जाए।