UP Lok Sabha Chunav 2024: लोकसभा चुनाव के तीसरे चरण में उत्तर प्रदेश की दस सीटों के लिए 7 मई को वोट डाले जाने हैं. इन दस लोकसभा सीटों के लिए 100 उम्मीदवार चुनाव मैदान मे हैं. इनमें कुल 8 महिला उम्मीदवारों का नाम शामिल है. तीसरे चरण के लिए नामांकन प्रक्रिया पूरी कर ली गई है. तो वहीं चुनाव में पारदर्शिता बनाए रखने के लिए चुनाव आयोग ने प्रत्याशियों का ब्यौरा जारी किया है. चुनाव आयोग की तरफ से जारी रिपोर्ट के मुताबिक 25 फीसदी प्रत्याशियों पर आपराधिक मामले दर्ज है, 20 प्रतिशत प्रत्याशियों के खिलाफ गंभीर आपराधिक मामले दर्ज हैं. इसके 46 प्रतिशत करोड़पति उम्मीदवार चुनाव लड़ रहे हैं.


यूपी में तीसरे चरण में आगरा, आंवला, बादांयू, बरेली, एटा, फतेहपुर सीकरी, फिरोजाबाद, हाथरस  और मैनपुर सीट के लिए नामांकन प्रक्रिया पूरी कर ली गई है. इन सीटों पर जिन उम्मीदवारों ने नामांकन भरा है. उनका ब्यौरा चुनाव आयोग की तरफ से जारी किया गया है. चुनाव आयोग की तरफ से जारी की रिपोर्ट के मुताबिक बीजेपी के 40 प्रतिशत, समाजवादी पार्टी के 56 प्रतिशत, बसपा के 44 प्रतिशत और राष्ट्रीय शोषित समाज पार्टी के 50 प्रतिशत उम्मीदवारों के खिलाफ आपराधिक मामले दर्ज हैं. 


इन उम्मीदवारों के पास है ज्यादा संपत्ति 
चुनाव आयोग की तरफ से जारी की गई रिपोर्ट में बताया गया कि, बरेली लोकसभा सीट से सपा प्रत्याशी प्रवीण सिंह एरोन के चल और अचल संपत्ति मिलाकर 182 करोड़ रुपए से अधिक संपत्ति है. फिरोजाबाद लोकसभा सीट से सपा प्रत्याशी अक्षय यादव के पास 136 करोड़ से अधिक संपत्ति है. इसी तरह मैनपुरी सीट से सपा प्रत्याशी डिंपल यादव की संपत्ति की बात की जाए तो उनके पास चल और अचल संपत्ति मिलाकर 42 करोड़ रुपये से ज्यादा संपत्ति है. 


कैसा है इन उम्मीदवारों का आपराधिक रिकॉर्ड
तीसरे चरण के लिए हो चुनाव के लिए लड़ रहे उम्मीदवारों के आपराधिक रिकॉर्ड की बात की जाए तो इनमें सबसे पहले नंबर पर आगरा की फतेहपुर सीकरी लोकसभा सीट से कांग्रेस प्रत्याशी रामनाथ सिंह सिकरवार पर कुल 17 मामले दर्ज हैं, दूसरे नंबर पर फिरोजाबाद से बसपा प्रत्याशी चौधरी बसीर का नाम आता है. उनके खिलाफ कुल नौ मामले दर्ज हैं. इसके अलावा संभल सीट से लोग पार्टी प्रत्याशी के खिलाफ तीन मुकदमें दर्ज है. वहीं उम्मीदवारों की शैक्षणिक योग्यता की बात की जाए तो 33 प्रतिशत ऐसे उम्मीदवार है जिनकी शैक्षणिक योग्यता कक्षा 5वीं से 12वीं के बीच है. जबकि 52 फीसदी ऐसे प्रत्याशी चुनाव मैदान मे हैं जिनकी शैक्षणिक योग्यता स्नातक या उससे अधिक है.


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