Lok Sabha Election 2024: लोकसभा चुनाव के बीच समाजवादी पार्टी इस बार अंदरुनी कलह से जुझ रही है. एक ओर पश्चिमी यूपी में पार्टी के कई बड़े मुस्लिम नेता नाराज चल रहे हैं. वहीं दूसरी ओर परिवार में भी अखिलेश यादव को अब चुनौती मिलने लगी है. बदायूं से सपा उम्मीदवार शिवपाल यादव के बयान कई दिनों से इसके संकेत दे रहे हैं लेकिन अखिलेश यादव पूरी तरह खामोश नजर आ रहे हैं. 


दरअसल, इस महीने की शुरूआत में सपा प्रत्याशी शिवपाल सिंह यादव की मौजूदगी में बदायूं सीट से उनके बेटे आदित्य यादव को प्रत्याशी बनाने का प्रस्ताव रखा गया था. बबराला में समाजवादी कार्यकर्ता सम्मेलन के दौरान मंच पर यह प्रस्ताव रखा गया तो सियासी हलचल तेज हो गई. सपा नेता शिवपाल सिंह यादव ने कहा कि कार्यकर्ताओं की सहमति पर आदित्य यादव को बदायूं सीट से प्रत्याशी बनाए जाने का प्रस्ताव पार्टी के शीर्ष नेतृत्व को भेजेंगे.


Lok Sabha Election 2024: हाशिये पर आ गई सपा, छोड़ा मैदान! अब BSP का भी वैसा ही हाल?


आदित्य यादव ने उठाई पिता की जिम्मेदारी
उन्होंने आगे कहा कि उम्मीद है कि आदित्य को प्रत्याशी बना दिया जाएगा. अभी तक तो सिर्फ शिवपाल सिंह यादव ही बेटे आदित्य यादव को लोकसभा क्षेत्र की सियासत में सक्रिय करने का मन बनाए थे, लेकिन अब पार्टी के पदाधिकारी भी इसमें जुट गए हैं. इस बीच बदायूं से जब शिवपाल यादव को उम्मीदवार बनाया गया तो उनसे पहले बेटे आदित्य यादव वहां पहुंच गए थे और पिता के प्रचार का जिम्मा अपने कंधों पर लिया. 


लेकिन बीते कुछ दिनों के दौरान शिवपाल यादव ने कई मौकों पर आदित्य यादव को उम्मीदवार बनाए जाने की मांग दबे जुबान रखी है. हालांकि जब विवाद ने तूल पकड़ा तो उन्होंने अपना रुख जरूर नरम किया है. बीते सप्ताह जब उनसे आदित्य यादव के चुनाव लड़ने और विपक्ष द्वारा उठाए जा रहे सवाल पर जवाब मांगा गया तो उन्होंने कहा कि हमारे प्रतिद्वंद्वियों द्वारा अनावश्यक रूप से विवाद पैदा किया जा रहा है.


किसी तरह का कोई झगड़ा नहीं- शिवपाल यादव
सपा नेता ने कहा कि यह पार्टी और जनता को तय करना है कि बदायूं सीट पर कौन चुनाव लड़ेगा. मुझे उम्मीदवार के रूप में नामित किया गया है और जब तक पार्टी अपना मन नहीं बदलती, मैं इस सीट से चुनाव लड़ रहा हूं. उन्होंने कहा कि हमारे लिए हर सीट पारिवारिक सीट है, चाहे वह बदायूं हो, आजमगढ़ हो, मैनपुरी हो या कन्नौज हो. किसी तरह का कोई झगड़ा नहीं है. 


शिवपाल यादव ने आगे कहा कि कुछ लोग चाहते थे कि आदित्य बदायूं से चुनाव लड़े और उन्होंने पार्टी अध्यक्ष को एक पत्र भेजा था जिसके बाद अटकलें शुरू हो गईं. लेकिन खास बात यह है कि मुस्लिम नेताओं की नाराजगी झेल रहे अखिलेश यादव अभी तक शिवपाल यादव और परिवार में उनके फैसले को मिल रही चुनौती के आगे अभी तक खामोश नजर आए हैं. 


प्रचार में जुटे अखिलेश यादव
राजनीति के जानकारी इसको अलग चश्मे से देखते हैं, उनका कहना है कि अभी अखिलेश यादव का पूरा फोकस पश्चिमी यूपी में चुनाव प्रचार में लगा हुआ है क्योंकि ईद की वजह से उन्होंने देर से अपने प्रचार अभियान की शुरूआत की है. लेकिन अब वहां नामांकन शुरू हो गया है, 19 अप्रैल तक बदायूं में नामांकन होगा ऐसे में 17 अप्रैल को पहले चरण का चुनाव प्रचार खत्म होते होते इसपर फैसला हो सकता है. 


हालांकि सूत्रों की मानें तो इस सीट पर सपा का उम्मीदवार बदले जाने की संभावना काफी कम नजर आती है. शिवपाल यादव ने अपनी मांग जरूर रखी लेकिन बीते कुछ दिनों में उनके तेवर नरम पड़े हैं और वह मैदान में डटे हुए हैं.