Lok Sabha Election 2024: मेरठ में अखिलेश यादव का 'दलित कार्ड' मायावती के लिए बनेगा चुनौती? बसपा की बढ़ सकती है टेंशन
Meerut Lok Sabha Election 2024: लोकसभा चुनाव 2024 के लिए मेरठ सीट पर समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव ने बाहरी चेहरे के रूप में भानू प्रताप सिंह पर दांव लगाकर सबको चौंका दिया.
UP Lok Sabha Election 2024: लोकसभा चुनाव 2024 के लिए समाजवादी पार्टी ने मेरठ लोकसभा सीट पर प्रत्याशी के नाम का एलान कर दिया है. सपा मुखिया अखिलेश यादव ने सामान्य सीट मेरठ में दलित प्रत्याशी उतारकर मायावती के लिए चुनौती खड़ी कर दी है. वहीं सपा मुखिया अखिलेश यादव ने इसके साथ ही बीजेपी की टेंशन बढ़ा दी है. सबसे बड़ी बात ये है कि मेरठ से टिकट की रेस में कई विधायक और पूर्व विधायक थे, लेकिन अखिलेश ने मेरठ में बाहरी चेहरे के रूप में भानू प्रताप सिंह पर दाव लगाकर सबको चौंका दिया. अखिलेश यादव ने मेरठ की गुटबाजी देखकर बाहरी प्रत्याशी को मैदान में उतारकर कड़ा और बड़ा संदेश दिया है.
कौन हैं सपा प्रत्याशी भानू प्रताप सिंह?
मेरठ लोकसभा सीट से सपा प्रत्याशी भानू प्रताप सिंह आखिर हैं कौन, लोग इस बात को जानने के लिए बेहद उत्सुक हैं. भानू प्रताप सिंह दलित वर्ग से आते हैं और मूल रूप से बुलंदशहर के रहने वाले हैं, वह सुप्रीम कोर्ट में वकील हैं और फिलहाल राजेंद्र नगर साहिबाबाद में रहते हैं. लंबे अरसे से राजनीति में सक्रिय हैं. वह ईवीएम हटाओ अभियान चलाकर सुर्खियों में आए थे. ईवीएम के खिलाफ राष्ट्रव्यापी अभियान चला रखा है.
अखिलेश ने पार्टी कार्यालय पर बैठक बुलाकर सबसे ली राय
सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव ने लखनऊ में पार्टी कार्यालय पर बैठक बुलाई थी, जिसमें भानू प्रताप सिंह, सपा एमएलए शाहिद मंजूर, एमएलए हाजी रफीक अंसारी, विधायक अतुल प्रधान, पूर्व विधायक योगेश वर्मा, नीरज पाल, मुखिया गुर्जर, जगबीर गुर्जर, पूर्व मंत्री राजपाल सिंह, महानगर अध्यक्ष आदिल चौधरी, पूर्व जिलाध्यक्ष ओपी राणा सहित कई और नेता भी मौजूद थे. अखिलेश यादव ने कहा कि जिसके नाम पर सब एक राय हो जाएंगे उसे मेरठ से टिकट दे देंगे. जिसपर तमाम नेताओं ने कोई राय नहीं दी और बस ये कह दिया जिसे आप फाइनल कर देंगे उसे मेरठ में चुनाव लडा देंगे.
इस पर अखिलेश यादव ने कह दिया ठीक है जल्द घोषणा हो जाएगी. मीटिंग खत्म होने और पार्टी कार्यालय से नेताओं के बाहर आते ही मेरठ से भानू प्रताप सिंह का टिकट फाइनल कर लिस्ट जारी कर दी. किसी को जरा भी इल्म नहीं था कि उनके साथ बैठक में शामिल होने वाले भानू प्रताप सिंह ही मेरठ लोकसभा से चुनाव लडेंगे?
मेरठ लोकसभा सीट से एमएलए हाजी रफीक अंसारी, एमएलए अतुल प्रधान और पूर्व विधायक योगेश वर्मा टिकट की रेस में आगे चल रहे थे. ये चर्चा भी आम थी कि पूर्व विधायक योगेश वर्मा का टिकट फाइनल है और अखिलेश यहां दलित कार्ड खेलना चाहते हैं. अब टिकट की घोषणा भी हुई और दलित चेहरा भी समाने आया लेकिन मेरठ की बजाय बाहरी दलित को टिकट देकर अखिलेश ने सबको चौंका दिया.
मेरठ में सपा की गुटबाजी ने अरमानों पर फेरा पानी
मेरठ में सपा की अंदरूनी कलह हर उम्मीद पर भारी पड़ी. महापौर चुनाव में सपा विधायक अतुल प्रधान की पत्नी सीमा प्रधान चुनाव लड़ीं तो पार्टी की गुटबाजी सामने आ गई. सुलह कराने मेरठ पहुंचे अखिलेश यादव भी पार्टी के विधायकों और बड़े नेताओं को मंच पर नहीं ला पाए. सपा एमएलए हाजी रफीक अंसारी, सपा विधायक शाहिद मंजूर, पूर्व में गठबंधन के साथी रहे विधायक हाजी गुलाम मोहम्मद, पूर्व एमएलए योगेश वर्मा ने अतुल प्रधान की खुलकर मुखालफत की और नतीजा बीजेपी के हरिकांत अहलूवालिया चुनाव जीत गए.
अखिलेश यादव को डर था कि मेरठ से किसी को भी लोकसभा टिकट दिया तो पुराने जख्म हरे हो जाएंगे और फिर गुटबाजी शुरू हो जाएगी. इसलिए सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव ने बाहरी भानू प्रताप सिंह को मेरठ से प्रत्याशी घोषित कर अलग संदेश दिया.