Akhilesh Yadav Pallavi Patel Alliance End: लोकसभा चुनाव की तारीखों का एलान हो गया है और उत्तर प्रदेश की 80 लोकसभा सीटों के लिए सात चरणों में वोटिंग होगी. वहीं इसी बीच समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने एलान कर दिया है कि यूपी में सपा और  और अपना दल कमेरावादी का गठबंधन टूट गया है, इसकी घोषण खुद सपा मुखिया अखिलेश यादव ने की है. सूत्रों की मानें तो इस गठबंधन के टूटने की वजह लोकसभा चुनाव में सीट शेयरिंग बताई जा रही है. 


जहां अपना दल कमेरावादी नेता और सपा विधायक पल्लवी पटेल तीन सीटों की मांग कर रहीं थी तो वहीं सपा एक सीट देने को तैयार थी. इतना ही नहीं पल्लवी पटेल की पार्टी ने तीन सीटों पर अपनी दावेदारी पेश करते हुए प्रेस रिलीज भी जारी कर दी थी, अपना दल (के) ने जिन सीटों का जिक्र किया था उसमें पूर्वांचल की मिर्जापुर, फूलपुर और कौशांबी लोकसभा सीट थी. हालांकि इसी बीच अब सबकुछ क्लियर हो गया है जब सपा ने मिर्जापुर से अपना प्रत्याशी उतार दिया. माना जा रहा है कि इस वजह से ही अखिलेश और पल्लवी पटेल के बीच का गठबंधन टूटा है.


जानें क्या है उन सीटों का समीकरण जिस पर टूटा है सपा-अपना दल (के) का गठबंधन?


मिर्जापुर लोकसभा सीट


पूर्वांचल की अहम सीटों पर माना जाना वाले मिर्जापुर लोकसभा क्षेत्र में पांच विधानसभा आती हैं. इस समय इस लोकसभा सीट पर बीजेपी के सहयोगी दल अपना दल (एस) का कब्जा है. पिछले दो चुनावों से इस सीट पर अपना दल (एस) की मुखिया अनुप्रिया पटेल सांसद हैं. अनुप्रिया पटेल ने इस सीट पर बड़े अंतरों सी जीत दर्जी की जो कि दो लाख से भी उपर का अंतर है. इस समय अनुप्रिया पटेल मोदी सरकार की कैबिनेट में मंत्री भी हैं. मिर्जापुर लोकसभा सीट को फिर से बीजेपी ने अपना दल (एस) के लिए ही छोड़ा है. 


मिर्जापुर लोकसभा क्षेत्र में पांच विधानसभा की सीट आती हैं, इन सभी सीटों पर एनडीए का ही कब्जा है. जहां छानबे से अपना दल (एस) की रिंकी कौल, मझावां से निषाद पार्टी के विनोद कुमार बिंद, मिर्जापुर से बीजेपी के रत्नाकर मिश्रा, चुनार से बीजेपी के अनुराग सिंह और मड़िहान से बीजेपी के रमा शंकर पटेल विधायक हैं.


फूलपुर लोकसभा सीट


उत्तर प्रदेश के प्रयागराज जिले की फूलपुर लोकसभा सीट 1952 से ही अस्तिव में है. इस सीट पर बड़े-बड़े नेता चुनाव जीतकर संसद में पुहंचे, जिसमें पूर्व प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू, जनेश्वर मिश्र, विजया लक्ष्मी पंडित, वीपी सिंह, कमला बहुगणा, अतीक अहमद और यूपी के डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य का नाम है. ये वो नाम हैं जो फूलपुर सीट से चुनाव जीतकर सदन में पहुंचे. इस समय इस सीट पर बीजेपी का कब्जा है, साल 2019 के चुनाव में बीजेपी उम्मीदवार केशरी देवी पटेल ने इस सीट पर जीत दर्ज की थी. 


वहीं फूलपुर लोकसभा क्षेत्र में प्रयागराज जिले की पांच विधानसभा आती हैं. अगर इन विधानसभा के सीटों के बात करें तो फाफामऊ, सोरांव (एससी), फूलपुर, प्रयागराज पश्चिम और प्रयागराज उत्तर शामिल हैं. इसमें सोरांव सीट पर सपा की गीता शास्त्री विधायक हैं और बाकी सीटों पर बीजेपी के विधायक हैं. 


कौशांबी लोकसभा सीट


कौशांबी लोकसभा सीट साल 2008 से पहले अस्तित्व में नहीं था. इस सीट पर पिछले दो चुनावों से बीजेपी का कब्जा है. कौशांबी लोकसभा सीट पर पहला चुनाव 2009 में हुआ था.  इस चुनाव में सपा के शैलेंद्र कुमार की जीत हुई थी. इसके बाद 2014 में बीजेपी के विनोद कुमार सोनकर ने इस सीट पर जीत दर्ज की थी, फिर बीजेपी ने साल 2019 में भी विनोद कुमार सोनकर को टिकट दिया और फिर उन्होंने सपा के इंद्रजीत सरोज को हराकर फिर से बीजेपी को जीत दिलाई. 


वहीं कौशांबी लोकसभा क्षेत्र में विधानसभा समीकरण की बात करें तो इस लोकसभा सीट में पांच सीट हैं जिसमें से दो सीट प्रतापगढ़ जिले की और तीन सीट कौशांबी जिले की हैं. कौशांबी लोकसभा क्षेत्र की पांचों   विधानसभाओं में से एक पर भी बीजेपी का विधायक नहीं है. जहां, प्रतापगढ़ की बाबागंज सीट से जनसत्ता दल के विनोद सरोज और कुंडा से राजा भैया विधायक हैं. वहीं कौशांबी की बची तीन सीट में से सिराथू, मंझनपुर और चायल सीट पर सपा का कब्जा है.


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