यूपी की इस सीट पर उम्मीदवार अपने नहीं पिता के नाम पर मांग रहे वोट, BJP-कांग्रेस में सीधा मुकाबला
Lok Sabha Elections 2024: इलाहाबाद सीट पर सपा और बीजेपी की लड़ाई दिलचस्प है. इस सीट से केशरी नाथ त्रिपाठी के बेटे नीरज त्रिपाठी और रेवती रमण सिंह के बेटे उज्जवल रमण में टक्कर है.
Lok Sabha Elections 2024: संगम नगरी प्रयागराज की इलाहाबाद लोकसभा सीट पर इस बार बीजेपी और इंडिया गठबंधन के प्रत्याशियों में सीधी टक्कर है. दोनों ही उम्मीदवारों ने चुनाव जीतने के लिए अपनी पूरी ताकत झोंक रखी है. हालांकि इस पर सीट पर प्रत्याशियों के साथ ही उनके पिता की प्रतिष्ठा भी दांव पर लगी हुई है. दोनों ही उम्मीदवार सियासी घरानों से हैं. दोनों के पिता ने प्रदेश और देश की राजनीति में अपनी अलग पहचान बनाई. खास बात यह है कि दोनों ही उम्मीदवार अपनी पार्टी और गठबंधन के साथ ही अपने पिता के नाम पर भी वोट मांग रहे हैं.
इलाहाबाद सीट पर बीजेपी ने यूपी सरकार के एडिशनल एडवोकेट जनरल नीरज त्रिपाठी को उम्मीदवार बनाया है. नीरज के पिता केशरी नाथ त्रिपाठी बीजेपी के दिग्गज नेता थे. वह कई सालों तक बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष भी रहे. पश्चिम बंगाल समेत कई राज्यों में गवर्नर पद की ज़िम्मेदारी संभाली साथ ही यूपी विधानसभा में कई बार स्पीकर रहे.
केशरी नाथ त्रिपाठी के बेटे हैं नीरज त्रिपाठी
केशरी नाथ त्रिपाठी छह बार विधायक चुने गए थे. इसके अलावा 2004 में मछली शहर सीट से लोकसभा का चुनाव भी लड़े थे. हालांकि पिछले साल जनवरी महीने में उनका निधन हो चुका है. वह अब बेटे नीरज को वोट नहीं दिला सकते। उनका प्रचार नहीं कर सकते, लेकिन उनका नाम ही बेटे नीरज त्रिपाठी को चुनाव मैदान में बनाए हुआ है.
इंडिया गठबंधन में इलाहाबाद की सीट कांग्रेस पार्टी के खाते में गई है. कांग्रेस पार्टी ने इस सीट पर पूर्व मंत्री उज्जवल रमण सिंह को मैदान में उतारा है. उज्जवल रमण सिंह 2004 से 2007 तक तत्कालीन मुलायम सिंह यादव सरकार में कैबिनेट मंत्री थे. वह समाजवादी पार्टी के दिग्गज नेता कुमार रेवती रमण सिंह के बेटे हैं.
बीजेपी की रेवती रमण के बेटे से टक्कर
रेवती रमण सिंह आठ बार प्रयागराज की करछना विधानसभा सीट से विधायक रहे हैं. वो कई बार यूपी सरकार में मंत्री रहे हैं. दो बार लोकसभा और एक बार राज्यसभा के सांसद रहे हैं. समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव रहे हैं.
कुंवर रेवती रमण सिंह इन दिनों भी सक्रिय होकर समाजवादी पार्टी का प्रचार कर रहे हैं. रेवती रमण सिंह के बारे में कहा जाता है कि तकरीबन पचास साल की राजनीति उन्होंने सिर्फ इलाहाबाद लोकसभा सीट पर ही की है। उन्हें हर तीसरे घर के बारे में जानकारी है. कहा जा रहा है कि बेटे उज्जवल रमण सिर्फ चेहरा है और चुनाव सीधे तौर पर रेवती रमण सिंह ही लड़ रहे हैं.
माना जा रहा है कि इस बार इलाहाबाद लोकसभा सीट पर सिर्फ प्रमुख प्रत्याशियों की ही नहीं, बल्कि उनके जन्मदाताओं की प्रतिष्ठा भी दांव पर है. दोनों उम्मीदवार अपने पिता के नाम की दुहाई देकर वोट मांग रहे हैं. इलाहाबाद की सीट पर सबसे बड़ा फैक्टर दोनों उम्मीदवारों के पिता का नाम ही है. अब देखना यह होगा कि मौजूदा चुनाव में किस उम्मीदवार के पिता पर वोटर ज्यादा भरोसा जताते हैं. वैसे दोनों ही नेताओं की अपनी अलग पहचान है और दोनों का नाम लोग काफी सम्मान के साथ लेते हैं.