Lok Sabha Election 2024: बरेली भारतीय जनता पार्टी का गढ़ है.पिछले 40 सालो से बरेली लोकसभा पर भाजपा का कब्जा है.भारतीय जनता पार्टी से संतोष गंगवार यहां के सांसद है. संतोष गंगवार 8 बार के सांसद है. संतोष गंगवार का जैसा नाम है वैसे ही उनकी साफ सुथरी छवि भी है.वे बहुत ही सादगी के साथ रहते है. किसी तरह का प्रोटोकॉल नहीं अपनाते और हर किसी के सुख-दुख में शामिल होते है. लेकिन इस बार संतोष युग समाप्त हो जायेगा. उनकी बढ़ती उम्र की वजह से उनका टिकट काटा गया है.


इस बार भाजपा ने पूर्व मंत्री छत्रपाल गंगवार को प्रत्याशी बनाया है.इसके पीछे माना जा रहा है कि छत्रपाल संघ से जुड़े है और कुर्मी है.यही कारण है कि भाजपा ने उनके ऊपर दाव खेला है.बड़ी बात ये है कि संतोष का टिकट कटने और छत्रपाल गंगवार को टिकट मिलने के बाद भाजपा में बगावत शुरू हो गई है.सोशल मीडिया पर कई तरह को अफवाह चलाई जा रही है.आलम ये है की छत्रपाल गंगवार को कमजोर प्रत्याशी दिखाने का पूरा प्रयास किया जा रहा है यही वजह है की सोशल मीडिया पर उनके टिकट सरेंडर करने तक के मैसेज वायरल किए जा रहे है.


सपा ने पूर्व सांसद प्रवीण सिंह ऐरन को बनाया प्रत्याशी
वही इस बार सपा ने पूर्व सांसद प्रवीण सिंह ऐरन को प्रत्याशी बनाया है.ऐरन 2009 में संतोष गंगवार को हराकर संसद पहुंचे थे.अब ऐरन समाजवादी हो गए है और साइकिल पर सवार हुए तो अखिलेश यादव ने उन्हें बरेली लोकसभा से प्रत्याशी बनाया है.सपा और कांग्रेस दोनो का वोट ऐरन को मिलेगा तो छत्रपाल गंगवार के लिए ऐरन भारी पड़ सकते है.


क्या है जातिगत समीकरण 
अगर जातिगत समीकरण की बात कहे तो बरेली लोकसभा में कुल 19,11,464 लाख मतदाता है जिसमे पुरुष 1022232 और महिला 889154 जबकि थर्ड जेंडर 73 है. वही अगर जातिगत समीकरण की बात की जाए तो यहां मुस्लिम मतदाताओं की संख्या 35 प्रतिशत है, यानी कि मुस्लिम मतदाता 6.65 लाख है.मुस्लिम मतदाता बहुतायत होने के बावजूद उनका वोट हर बार बट जाता है यही वजह है की यहां 8 बार से संतोष गंगवार सांसद है.वही कुर्मी मतदाताओं की संख्या करीब साढ़े तीन लाख है.यही वजह है की भाजपा कोई रिस्क नहीं लेना चाहती और इस कारण पार्टी ने इस बार भी कुर्मी नेता को ही प्रत्याशी बनाया है.


बरेली में ब्राह्मण मतदाता भी बड़ी संख्या में है यहां करीब ढाई लाख ब्राह्मण मतदाता है, वैश्य भी करीब डेढ़ लाख है.कायस्थ करीब डेढ़ लाख मतदाता है.ठाकुर एक लाख है.एससी वोटरों की संख्या 2 लाख के करीब है, लोधी 1.65 लाख बाकी अन्य बिरादरी के मतदाता है.