Lok Sabha Election 2024: मायावती का सियासी सफर जिस सीट से हुआ शुरू वहीं अब लगा बड़ा झटका, दूसरे चुनाव में ही मिली थी हार
UP Lok Sabha Election 2024: बिजनौर से बीएसपी के मौजूदा सांसद मलूक नागर ने पार्टी से इस्तीफा दे दिया है. हम आपको इस सीट के चुनावी इतिहास के बार में बता रहे हैं.
Bijnor Lok Sabha Seat: बिजनौर से बीएसपी के मौजूदा सांसद मलूक नागर ने गुरुवार को पार्टी से इस्तीफा दे दिया है. चुनाव से ठीक पहले बीएसपी के सांसद मलूक नागर के पार्टी छोड़ने के मायावती को बड़ा झटका माना जा रहा है. बीएसपी के टिकट पर बीते चुनाव में मलूक नागर ने बीजेपी के उम्मीदवार को हराकर जीत दर्ज की थी. तब समाजवादी पार्टी के साथ बीएसपी का गठबंधन था.
लेकिन अगर बिजनौर के चुनावी इतिहास पर नजर डालें तो हर बार नए चेहरे पर जनता ने भरोसा जताया है. 1971 तक इस सीट पर कांग्रेस का दबदबा रहा था लेकिन 1977 के चुनाव में भारतीय लोक दल के टिकट पर माही लाल ने जीत दर्ज की थी. जबकि 1980 के चुनाव में जनता पार्टी सेक्युलर के टिकट पर मंगल राम ने जीत दर्ज की और माही लाल को हार का सामना करना पड़ा था.
कांग्रेस की वापसी
1984 के चुनाव में इस सीट पर कांग्रेस ने वापसी की और 13 सालों के बाद फिर से कब्जा किया. तब कांग्रेस के उम्मीदवार गिरधर लाल ने जीत दर्ज की थी. वहीं 1989 में पहली बार इसी सीट पर चुनाव लड़ा था. तब उन्होंने जनता पार्टी के उम्मीदवार को हराकर करीब नौ हजार वोटों से जीत दर्ज की थी.
हालांकि 1991 के चुनाव में मायावती को भी हार का सामना करना पड़ा था. तब उन्हें करीब 88 हजार वोटों के अंतर से बीजेपी के उम्मीदवार मंगल राम प्रेमी को ने जीत दर्ज की थी. तब बीजेपी यह सीट पहली बार जीती थी. इसके बाद 1996 में भी बीजेपी के उम्मीदवार के तौर पर मंगल राम प्रेमी ने जीत दर्ज की थी.
सपा की पहली जीत
1998 के चुनाव में पहली बार इस सीट पर समाजवादी पार्टी ने जीत दर्ज की. तब ओमवती देवी ने चुनाव जीता था लेकिन 1999 के चुनाव में बीजेपी के शीशराम सिंह रवि ने उन्हें हराकर चुनाव जीता था. इसके बाद 2004 और 2009 में इस सीट पर आरएलडी ने जीत दर्ज की थी. लेकिन 2014 के मोदी लहर में बीजेपी ने फिर से यहां जीत दर्ज की.
तब पार्टी के उम्मीदवार कुंवर भारतेंद्र ने चुनाव जीता था. लेकिन बीते 2019 के चुनाव में वह सपा और बीएसपी गठबंधन के प्रत्याशी मलूक नागर के खिलाफ चुनाव हार गए थे. उन्होंने करीब 70 हजार वोटों के अंतर से चुनाव जीता था. इस बार यह सीट एनडीए गठबंधन से आरएलडी के खाते में है और चंदन चौहान को उम्मीदवार बनाया गया है.