Lok Sabha Election 2024: BJP के नये पैंतरे से मायावती की बढ़ेगी मुश्किल, दलित वोट बैंक को पाले में करने का बनाया प्लान
UP Politics: बसपा (BSP) के वोट बैंक में सेंध लगाने के लिए बीजेपी ने रणनीति बनाई है. इस अभियान के जरिए बीजेपी दलित वर्ग के लिए किए जा रहे कामों का प्रचार करेगी.
Lok Sabha Election 2024: लोकसभा चुनाव के मद्देनजर बीजेपी (BJP) का नया पैंतरा बसपा सुप्रीमो मायावती (Mayawati) की मुश्किलों को बढ़ा सकता है. बीजेपी दलित मतदाताओं को साधने की रणनीति पर काम कर रही है. पिछले दिनों हुए उपचुनाव में बसपा (BSP) प्रत्याशी नहीं होने के बावजूद बीजेपी को सफलता नहीं मिली थी. बीजेपी को लगने लगा है कि 2024 की नैय्या दलित मतदाताओं को साधे बिना पार नहीं लगने वाली है. इसलिए दलित बस्तियों में पैठ बनाने की योजना पर काम किया जा रहा है.
कल से 'बस्ती संपर्क एवं संवाद अभियान' की शुरुआत
अब 'बस्ती संपर्क एवं संवाद अभियान' के जरिए दलित मतदाताओं में पैठ बनाने का मंसूबा है. कल 26 सितंबर से बस्ती संपर्क एवं संवाद अभियान का शुभारंभ होने जा रहा है. कार्यक्रम में फेरबदल के बाद अब अभियान को दिसंबर तक चलाने का फैसला लिया गया. पहले बीजेपी का बस्ती संपर्क एवं संवाद अभियान कार्यक्रम 2 अक्टूबर तक चलना था. बदली हुई रणनीति के तहत अब कार्यक्रम को आगे बढ़ा दिया गया है.
बीजेपी अनुसूचित जाति मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष रामचंद्र कनौजिया ने एबीपी लाइव को बताया कि उत्तर प्रदेश के सभी संगठनात्मक जिलों में अध्यक्षों को दलित बस्तियों के बीच जाने की जिम्मेदारी सौंपी गई है. बस्ती संपर्क एवं संवाद अभियान के जरिए बीजेपी की डबल इंजन की सरकार के कामों को बताया जाएगा.
मायावती के दलित वोट बैंक को साधने में जुटी बीजेपी
इस अभियान के जरिए दलित वर्ग के लिए किए जा रहे कार्यों और सरकार की योजनाओं से रूबरू कराने का कार्यक्रम है. अभियान के तहत बीजेपी कार्यकर्ता दलित बस्तियों में जाकर फीडबैक लेंगे. दलित बस्तियों से मिले फीडबैक को बीजेपी लोकसभा चुनाव में इस्तेमाल करेगी.
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रामचंद्र कनौजिया ने बताया कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ 'सामाजिक समरसता प्रकल्प' के तहत दलित बस्तियों में लंबे समय से काम कर रहा है. बीजेपी कार्यकर्ताओं को जोड़कर संघ अपने अभियान को और धार देना चाहता है. बीजेपी ने जिला अध्यक्ष के नेतृत्व में टोलियां बनाई हैं.
जिलाध्यक्षों की टोलियां कल से एक हफ्ते तक विभिन्न बस्तियों में जाकर इस अभियान को आगे बढ़ाएंगी. अभियान में सांसद और विधायकों को भी लगाया है. बीजेपी अभियान के तहत दलित वोट बैंक को साधने की रणनीति बनाने में जुटी है. दलित बस्तियों से मिले फीडबैक के आधार पर बीजेपी लोकसभा चुनाव की रणनीति तैयार करेगी.