एक्सप्लोरर

UP Politics: बीजेपी ने बढ़ाई सपा की टेंशन, राज्यपाल के जरिए पूर्वांचल में चला बड़ा दांव, जानें- सियासी मायने?

UP Politics: भाजपा ने 2024 की तैयारी बहुत पहले से शुरू कर दी है. पूर्वांचल से पांच राज्यपाल हैं. पार्टी ने इस बार यूपी में हारी सीटों को जीतने के अलावा जातीय समीकरण को ठीक करने के लिए यह दांव चला है.

Lok Sabha Election 2024: आगामी लोकसभा चुनाव के (Lok Sabha Election) लिए सभी दल अपने समीकरण बैठने में जुटे हुए हैं. इसी क्रम में भाजपा (BJP) पूर्वांचल से अब तक पांच लोगों को राज्यपाल बना चुकी है. इस इलाके में भाजपा को मुख्य विपक्षी दल सपा (SP) से चुनौती मिल रही है. माना जा रहा है कि इन राज्यपाल की नियुक्तियों से भाजपा न केवल जातीय समीकरण साधेगी, बल्कि रामचरितमानस (Ramcharitmanas) और जातीय जनगणना के माध्यम से ओबीसी वोट (OBC) तोड़ने की विपक्ष ने जो कोशिश की है, उसका जवाब दे सकेगी.

रविवार को केंद्र ने 13 राज्यों में नए राज्यपालों की नियुक्ति की, इनमें कुछ इधर से उधर किए गए हैं. इस दूरगामी सियासी असर वाली नियुक्तियों में पूर्वांचल से पूर्व केंद्रीय मंत्री व ब्राह्मण चेहरे के रूप में जाने जाने वाले शिव प्रताप शुक्ला हैं, तो पूर्वांचल के वाराणसी से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पहले चुनाव संयोजक रहे अनुसूचित जनजाति समाज से आने वाले एमएलसी लक्ष्मण प्रसाद आचार्य भी शामिल हैं. इसके अलावा बिहार के राज्यपाल रहे फागू चौहान को इधर-उधर किया गया है.

जानिए क्या कहते हैं राजनीतिक जानकार

राजनीतिक जानकर कहते हैं कि भाजपा ने इस बार यूपी में हारी सीटों को जीतने के अलावा जातीय समीकरण को ठीक करने के लिए यह दांव चला है. इससे पहले जेपी नड्डा दोबारा राष्ट्रीय अध्यक्ष की कमान पाते ही पूर्वांचल की धरती गाजीपुर से चुनावी आगाज किया था. अभी चुनाव में भले ही करीब एक साल से ज्यादा का समय बाकी हो, लेकिन भाजपा कोई कोर कसर नहीं छोड़ना चाहती है. राज्यपाल भले ही राजनीतिक पद न हो, फिर भी चेहरे के जरिए पार्टी एक बड़ा संदेश देने की कोशिश की है. हिमांचल में अभी हाल में ही कांग्रेस की सरकार बनी है, ऐसे में बीजेपी ने अपने अनुभवी नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री शिव प्रताप शुक्ला को कमान देकर ब्राह्मणों को साधने का प्रयास किया है.

प्रधानमंत्री मोदी के संसदीय क्षेत्र के रहने वाले लक्ष्मण प्रसाद आचार्य भाजपा के प्रदेश उपाध्यक्ष होने के साथ ही यूपी विधान परिषद के सदस्य भी रहे हैं. पूर्वांचल में आदिवासी-दलित समाज के बीच भाजपा की पैठ बनाने में इनकी अच्छी भूमिका मानी जाती है. लक्ष्मण आदिवासी बहुल सोनभद्र के मूल निवासी हैं. जानकारों का मानना है कि प्रदेश में रामचरित मानस की चौपाई के जरिये विपक्ष दलितों और पिछड़ों के बीच भाजपा को घेरने की कोशिश कर रहा है. केंद्र सरकार ने आचार्य की नियुक्ति के जरिए इन वर्गों को संदेश देने की कोशिश की है, कि भाजपा के लिए पिछड़ों और दलितों का महत्व सर्वोपरि है.

जातीय समीकरण को मिलेगी मजबूती

भाजपा के एक वरिष्ठ नेता की मानें तो यूपी में पार्टी सभी सीटों पर जीत चाहती है लेकिन कुछ दिनों से ऐसे मुद्दे उठाए जा रहे हैं, जो सियासत में जातीय समीकरण को काफी प्रभावित कर सकते हैं. इसी लिहाज से यह कदम उठाया गया है. इसके माध्यम पार्टी को जातीय समीकरण बनाने में मजबूती मिलेगी.

वरिष्ठ राजनीतिक विश्लेषक प्रसून पांडेय कहते हैं कि भाजपा ने 2024 की तैयारी बहुत पहले से शुरू कर दी है. अगर पूर्वांचल को देखेंगे तो यहां से पांच राज्यपाल है. इनमें कलराज मिश्रा, फागू चौहान, मनोज सिन्हा, अब शिवप्रताप शुक्ला और लक्ष्मण आचार्य शामिल हैं. पार्टी ने अपने समीकरण को दुरुस्त करने का प्रयास किया है, साथ ही मंडल-कमंडल जैसे मुद्दों की धार कुंद करने का प्रयास किया है. हालांकि इसमें कितनी सफलता मिलेगी यह आने वाला वक्त बताएगा. 

ये भी पढ़ें- UP Politics: अनुप्रिया पटेल और संजय निषाद समेत BJP के अपने ही बने मुसीबत? सपा के बड़े प्लान का किया समर्थन

और देखें
Advertisement
Advertisement
25°C
New Delhi
Rain: 100mm
Humidity: 97%
Wind: WNW 47km/h
Advertisement

टॉप हेडलाइंस

'त्योहारों के इस मौसम में मेड इन इंडिया प्रोडक्ट ही खरीदें', मन की बात कार्यक्रम में PM मोदी ने की लोगों से अपील
'त्योहारों के इस मौसम में मेड इन इंडिया प्रोडक्ट ही खरीदें', मन की बात कार्यक्रम में PM मोदी ने की लोगों से अपील
CM शिंदे, देवेंद्र फडणवीस और अजित पवार की देर रात 3 बजे तक बैठक, किस बात पर हुई लंबी चर्चा?
CM शिंदे, देवेंद्र फडणवीस और अजित पवार की देर रात 3 बजे तक बैठक, किस बात पर हुई लंबी चर्चा?
करियर की शुरुआत में इस एक्टर के पास नहीं थे खाने तक के पैसे, करने पड़े थे छोटे-मोटे रोल्स, डायरेक्टर का खुलासा
करियर की शुरुआत में इस एक्टर के पास नहीं थे खाने तक के पैसे, करने पड़े थे छोटे-मोटे रोल्स
ईशान किशन टीम इंडिया से फिर हुए नजरअंदाज? जानें क्यों बांग्लादेश के खिलाफ टी20 सीरीज में नहीं मिला मौका
ईशान किशन टीम इंडिया से फिर हुए नजरअंदाज? जानें क्यों बांग्लादेश टी20 सीरीज में नहीं मिला मौका
Advertisement
ABP Premium

वीडियोज

India on Pakistan : आतंकवाद पर UN में जलील हुआ पाकिस्तान, विदेश मंत्री Jaishankar ने जमकर लताड़ाTop 100 News: 7 बजे की बड़ी खबरें | Hassan Nasrallah | Israel Hezbollah War| Netanyahu| Weather NewsBreaking News : UNSC में स्थायी सदस्यता के लिए भारत को इन देशों का मिला समर्थन!Bihar Flood : नेपाल में भारी बारिश से फिर बिहार में मंडराया बाढ़ का खतरा | Disaster | Nepal

फोटो गैलरी

पर्सनल कार्नर

टॉप आर्टिकल्स
टॉप रील्स
'त्योहारों के इस मौसम में मेड इन इंडिया प्रोडक्ट ही खरीदें', मन की बात कार्यक्रम में PM मोदी ने की लोगों से अपील
'त्योहारों के इस मौसम में मेड इन इंडिया प्रोडक्ट ही खरीदें', मन की बात कार्यक्रम में PM मोदी ने की लोगों से अपील
CM शिंदे, देवेंद्र फडणवीस और अजित पवार की देर रात 3 बजे तक बैठक, किस बात पर हुई लंबी चर्चा?
CM शिंदे, देवेंद्र फडणवीस और अजित पवार की देर रात 3 बजे तक बैठक, किस बात पर हुई लंबी चर्चा?
करियर की शुरुआत में इस एक्टर के पास नहीं थे खाने तक के पैसे, करने पड़े थे छोटे-मोटे रोल्स, डायरेक्टर का खुलासा
करियर की शुरुआत में इस एक्टर के पास नहीं थे खाने तक के पैसे, करने पड़े थे छोटे-मोटे रोल्स
ईशान किशन टीम इंडिया से फिर हुए नजरअंदाज? जानें क्यों बांग्लादेश के खिलाफ टी20 सीरीज में नहीं मिला मौका
ईशान किशन टीम इंडिया से फिर हुए नजरअंदाज? जानें क्यों बांग्लादेश टी20 सीरीज में नहीं मिला मौका
KRN Heat Exchanger IPO: कतार में बजाज के बाद एक और मल्टीबैगर, लिस्ट होते ही पैसा डबल करेगा ये आईपीओ!
कतार में बजाज के बाद एक और मल्टीबैगर, लिस्ट होते ही पैसा डबल करेगा ये IPO!
'हताश है आज की दुनिया, टूट रहा भरोसा', UNGA के मंच से जयशंकर ने बाकी देशों को क्यों चेताया
'हताश है आज की दुनिया, टूट रहा भरोसा', UNGA के मंच से जयशंकर ने बाकी देशों को क्यों चेताया
Indian Railway Exam Tips: रेलवे में नौकरी पाने के लिए कैसे करें तैयारी! आज ही से फॉलो कर लें ये टिप्स
रेलवे में नौकरी पाने के लिए कैसे करें तैयारी! आज ही से फॉलो कर लें ये टिप्स
World Heart Day 2024: 30 साल की उम्र में दिल की बीमारियों का खतरा कितना, इसकी वजह क्या?
30 साल की उम्र में दिल की बीमारियों का खतरा कितना, इसकी वजह क्या?
Embed widget