Lok Sabha Election 2024: आगामी चुनाव के मद्देनजर इस समय सभी सियासी दलों की निगाहें अनुसूचित जाति के वोट बैंक पर टिकी हुई हैं और इसी कड़ी में भारतीय जनता पार्टी (BJP) का महिला मोर्चा भी 10 अप्रैल को एक बड़ा कार्यक्रम करने जा रही है. बीजेपी महिला मोर्चा की तरफ से प्रदेश के सभी मंडलों में समरसता भोज का कार्यक्रम किया जाएगा. इसके तहत महिला मोर्चा की पदाधिकारी और सदस्य अलग-अलग जगह दलित बस्तियों में जाकर महिलाओं और उनके परिवार के साथ समरसता भोज करेंगी.
बीजेपी इस समरसता भोज कार्यक्रम द्वारा ये संदेश देने की कोशिश करेगी कि उनकी पार्टी ऊंच-नीच, छुआछूत को नहीं मानती, बल्कि वह सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास की जो बात करती है उसी पर काम भी करती है. लखनऊ की बात की जाए तो यहां के लवकुश नगर में वाल्मीकि समाज की 300 महिलाओं के साथ समरसता भोज का आयोजन किया जाएगा.
दलितों का साधने के लिए बीजेपी का मेगा प्लान
महिला मोर्चा के आगरा की महामंत्री संजू सिंह पुंडीर ने बताया कि पार्टी से हमें कोई जिम्मेदारी मिलती है तो हम अपनी पूरी टीम के साथ जगह-जगह जाकर कार्यक्रम करते हैं. इस बार जो जिम्मेदारी दी गई है उसके तहत जहां दलित समाज की महिलाएं बच्चे उनका परिवार है, उनके साथ जाकर हम सहभोज का कार्यक्रम करेंगे. सहभोज करने से साबित होता है कि हम कोई भेदभाव नहीं करते. भाजपा में सभी जातियों को एक समान रखा जाता है. किसी को ऊंचा या नीचा या हिंदू मुस्लिम इस तरह से बांटकर नहीं देखा जाता. आज सभी लोग समझदार हैं सभी जानते हैं कि भाजपा ने जो किया है आज तक वह शायद किसी भी पार्टी ने नहीं किया.
संजू पुंडीर ने कहा कि आखिर क्या सभी सीटें भाजपा ही निकलती है, क्योंकि लोगों को भरोसा है. जहां तक सपा की बात है तो विपक्ष में कौन क्या कह रहा है क्या नहीं हमसे कोई मतलब नहीं. इतना जरूर है कि सपा वालों को डर लगता है इसीलिए नए-नए हथकंडे अपनाते हैं.
अखिलेश यादव की भी दलितों पर नजर
दलितों को साधने की कोशिश में सपा भी पीछे नहीं है. सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने हाल ही में रायबरेली में कांशीराम की प्रतिमा का अनावरण किया. अखिलेश यादव ने भी इस बार अपने एमवाई समीकरण के साथ दलितों को जोड़ने की कवायद शुरू कर दी है. सपा का ये प्रयोग खतौली उपचुनाव में सफल रह चुका है. वो जानते हैं कि अगर बीजेपी से मुकाबला करना है तो यूपी में दलित वोटरों को साधना सबसे जरूरी है.
आकाश आनंद का सपा पर पलटवार
कांशीराम की मूर्ति का अनावरण करने के बाद प्रदेश का सियासी पारा भी हाई है. बसपा के नेशनल कोऑर्डिनेटर आकाश आनंद ने इसे लेकर सपा पर हमला बोला है और उनके पुराने कामों को याद कराते हुए दलित वोटरों को चौकन्ना रहने की हिदायत दी है. आकाश आनंद ने ट्वीट किया कि "मान्यवर के नाम पर रखे जिले कांशीराम नगर का नाम बदलकर कासगंज किया, पंचशील नगर का नाम बदलकर हापुड़, ज्योतिबा फूले नगर का नाम अमरोहा, छत्रपति साहू जी महाराज नगर का नाम बदलकर गौरीगंज, माता रमाबाई नगर का नाम बदलकर कानपुर देहात, प्रबुद्ध नगर का नाम बदलकर शामली, महामाया नगर का नाम बदलकर हाथरस.. ऐसे ही कई और बहुजन महापुरुषों का अखिलेश जी ने अपनी सरकार में अपमान किया और आज वापस सत्ता में आने के लिए आपको हमारे महापुरुष याद आ रहे हैं.
आकाश आनंद ने कहा कि सपा जानती है कि इस बार सत्ता की चाबी बहन जी के हाथ में जा रही है. इसलिए चौकन्ना रहना है. मान्यवर कांशीारम ने पहले ही ऐसी ताकतों से सतर्क रहने को कहा है.
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