Lok Sabha Election 2024: लोकसभा चुनाव 2024 में ओम प्रकाश राजभर (Om Prakash Rajbhar) की सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी से गठबंधन की खबरों के बीच माना जा रहा है कि बीजेपी (BJP) गाजीपुर लोकसभा उपचुनाव में राजभर के बेटों अरविंद राजभर (Arvind Rajbhar) या अरुण राजभर (Arun Rajbhar) पर दांव लगा सकती है. पिछले कुछ समय में राजभर दो बार दिल्ली में अमित शाह (Amit Shah) से मुलाकात भी कर चुके हैं. गाजीपुर लोकसभा सीट माफिया मुख्तार अंसारी के भाई अफजाल अंसारी (Afzal Ansari) के पास थी, लेकिन गैंगस्टर मामले में 4 चार साल की सजा मिलने के बाद उनकी सांसदी चली गई है. 


बीजेपी अभी सुभासपा के साथ गठबंधन की पहली शर्त पर मंथन कर रही है. 2016 में भाजपा सुभासपा गठबंधन के पीछे भी अमित शाह का ही हाथ था. माना जा रहा है कि गाजीपुर लोकसभा सीट पर उपचुनाव की घोषणा के साथ ही भाजपा-सुभासपा गठबंधन के साथ राजभर के बेटों को प्रत्याशी बनाए जाने का एलान भी किया जा सकता है. गाजीपुर में राजभर बिरादरी के सवा तीन लाख वोट हैं. गाजीपुर जिले की एक सीट जहूराबाद से खुद ओम प्रकाश राजभर विधायक हैं. 


गाजीपुर सीट का सियासी समीकरण


गाजीपुर लोकसभा सीट में सात विधानसभा सीटें आती हैं जिनमें से पांच सीटें सपा और दो सीटें राजभर के पास हैं. जबकि बीजेपी के पास एक भी सीट नहीं हैं. 2019 लोकसभा चुनाव में भी बसपा प्रत्याशी अफजाल अंसारी के सामने भाजपा चुनाव हार गई थी. बीजेपी की अभी-अभी बनी आंतरिक रिपोर्ट में गाजीपुर में बीजेपी के पक्ष में माहौल नहीं दिखाई दे रहा है. वहीं बीजेपी नेता मनोज सिन्हा भी गाजीपुर से चुनाव नहीं लड़ना चाहते हैं. ऐसे में बीजेपी इस बात पर मंथन कर रही है कि इस सीट पर छड़ी के चुनाव चिन्ह पर चुनाव लड़ाया जाए या कमल के निशान पर.


कमल के निशान पर लड़ सकते हैं चुनाव


अमित शाह भाजपा के चुनाव चिन्ह पर गाजीपुर में चुनाव लड़ाना चाहते हैं. इसी मसले पर 2019 का भाजपा-सुभासपा गठबंधन टूटा था. राजभर लगातार इस मामले पर दबाव बनाते आए हैं. सूत्रों की माने तो ब्रजेश पाठक और दयाशंकर सिंह की जोड़ी ने राजभर को भाजपा निशान पर लड़ने के लिये लगभग मना चुके हैं. भाजपा हाईकमान इस चुनाव को राजभर वोटों के साथ सुभासपा की परीक्षा के तौर पर देख रही है. इसके बाद राजभर के लोकसभा चुनाव में सीटों के दावों पर भी विचार होगा. सुभासपा UP में तीन और बिहार में एक सीट पर लोकसभा में अपना दावा कर रही है. इस बार अफ़जाल के परिवार से कोई सदस्य सपा से चुनाव लड़ सकता है. 


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