(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
Lok Sabha Election 2024: देश को 5 पीएम देने वाला इलाका हैं BJP की कमजोर कड़ी, 29 साल बाद मिला था सीएम का चेहरा
UP Lok Sabha Election 2024: बीजेपी ने बुधवार को जब उत्तर प्रदेश के सात उम्मीदवारों की लिस्ट जारी की तो सभी उम्मीदवार उस इलाके से थे जो पार्टी के लिए बीते दस सालों में कमजोर कड़ी साबित हुआ है.
Lok Sabha Election 2024: लोकसभा चुनाव के लिए बीजेपी ने बुधवार को अपने सात उम्मीदवारों के नाम का ऐलान कर दिया है. बीजेपी ने जिन सीटों पर उम्मीदवारों के नाम का ऐलान किया है. अभी मौजूदा समय में देश के पीएम और यूपी के सीएम दोनों पूर्वांचल से है. यूपी के पिछड़े इलाकों में से एक पूर्वांचल को भोजपुरी बेल्ट होने के साथ ही कृषि प्रधान इलाके के तौर पर जाना जाता है.
इस इलाके ने देश को पांच बार प्रधानमंत्री दिए हैं. इसी इलाके जवाहर लाल नेहरू, लाल बहादुर शास्त्री, वीपी सिंह, चंद्रशेखर और अब नरेंद्र मोदी के तौर पर देश को पीएम मिले हैं. इसी इलाके में अति पिछड़ी जातियों राजभर, निषाद और चौहान जाति अहम फैक्ट रही है. 2014 में पीएम मोदी के तौर पर चंद्रशेखर के 23 साल बाद पूर्वांचल ने देश को प्रधानमंत्री दिया है.
29 साल बाद पूर्वांचल से मिला यूपी का सीएम
जबकि 29 साल बाद योगी आदित्यनाथ के तौर पर बीर बहादुर सिंह के बाद इसी इलाके से 2017 में यूपी को मुख्यमंत्री मिला है. वर्तमान में मोदी सरकार के तीन मंत्री इसी पूर्वांचल से आते हैं. हालांकि इस इलाके में गाजीपुर, जौनपुर, मऊ और आजमगढ़ जैसी सीटें हैं जो बीजेपी की कमजोर कड़ी रही है. 2017 में यूपी में एनडीए का स्ट्राइक रेट 81 फीसदी था, जबकि पूर्वांचल में 77 फीसदी था.
जबकि जबकि 2022 में एनडीए का स्ट्राइक रेट 68 फीसदी था, जबकि पूर्वांचल में 59 फीसदी था. वहीं इस इलाके के तीन जिलों में बीजेपी का 2022 में खाता भी नहीं खुला था. पूर्वांचल की आजमगढ़, लालगंज, गाजीपुर,घोसी और जौनपुर 2019 में बीजेपी हार गई थी. इस इलाके में कुल 21 जिले आते हैं, जिसके अंतर्गत 130 सीटें आती हैं.
पूर्वांचाल की 26 लोकसभा सीट में 6 करोड़ से ज्यादा हैं वोटर्स
इस पूर्वांचल के इलाके में 26 लोकसभा सीट हैं, जबकि 2011 की जनगणना के अनुसार इस इलाके की आबादी लगभग 6.37 करोड़ है. यह यूपी की पूरी आबादी का 32 फीसदी है. इसी इलाके में 2022 के बीच विधानसभा चुनाव में बीजेपी को भारी नुकसान हुआ था. तब आजमगढ, गाजीपुर और कौशांबी की एक भी सीट पार्टी नहीं जीत पाई थी. (रिसर्च- अभिषेक पांडेय)
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